Yoga and Total Health — February 2018

(Ron) #1
YOGA AND TOTAL HEALTH • February 2018^35

हम सभरी राग और द्वे् के कारण
होने वाले दुःखों, तकलीफों और बरीमारर्ों
से ग्रसत हैं केवल मन के भरीतर ही नहीं
बाहरी वातावरण भरी इस त्रासदी के सलए
तजममे दार है। जैसे मौसम में बदलाव,
ककसरी जानवर के द्वारा का्ट लेना, वाहन
दुघ्त्टना, पे ड ्ा चट्टान के गगरने से
घा्ल होना इ््ारद। हम कोसशश तो
बहुत करते हैं इनसे बचने की ्ा इनको
खतम करने की, लेककन समपूण्त सफलता
नहीं समलतरी।

सथिाई हल के सलए सांख् के 25
त्वों को समझना और अपनाना पडेगा
हमें अपने आप से प््न पूछना चारहए
कक जब भौततक सुख जैसे ्धन, ्धान्,
घर, वाहन इ््ारद के प्ापत होने पर
जो खुशरी समलतरी है, वह उनके खो जाने
पर दःख मु ें क्ों पररवतत्तत हो जातरी है।
हम अपने भत्वष् के सलए गचंततत क्ों
रहते हैं अंततः हमें इनके परे सोचना
पडेगा और चैतन् को समझना ही पडेगा
क्ोंकक दःखों का सथिाई हल इसमु ें ही
तनरहत है।

तरीन प्कार के दुःखों से होने वाली
परीडा को भुगतने के कारण मन में उनका
तनवारण करने की तजज्ासा उ्तरी है।
तनवारण के जो प्चसलत कारण हैं वह
तनरथि्त क हैं, क्ोंकक न तो उनके दःख ु
तनवारण का सथिाई हल है और ना ही
उनकी तकनरीकों में त्व्वसनरी्ता है।
तरीन तरह के दुःख-


  1. आध्ात्मक दयःख – शारीररक व
    मानससक दःखु

  2. अधधभौनतक दयःख – ककसरी प्ाणरी ्ा
    भौततक जगत से समलने वाला दःखु

  3. अधधदैविक दःख –य प्ा कृततक आपदा
    (सूखा, बाढ़, भूकमप आरद) से होने वाला
    दःखु


मन में दःखों का तनवारण ढु ूंढने के
सल्े तरीव्र संवेदना होनरी चारहए। प्चसलत
हलों में कोई त्व्वसनरी्ता नहीं है, वह
हमें सथिाई हल नहीं दे सकते। जरूरी नहीं
कक उन तरीकों को अपनाने के बाद दःख ु
हमेशा के सलए सम्ट जा्ेंगे और वापस
नहीं आ्ेंगे।

हम सांख् क्ों पढ़ें-


दःखत्र्ा सभघातात्रज्ासा तदसभघातके हेतौय


दृष्टे सा पाथाजु चेननैकानता््नततो भािात्

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