TraWorld Magazine 3rd Edition

(Travel & Tourism Management Course - GICED1iqxRY) #1
लख रहा ं सफरनामा...मेरी जदगी का! या लख रहा ं
हतान ...

यहां हमालय से पड़ाव मले और धैय मेरा गंगा समान...
कह रात पर मले फायदे तो कह ज़म और नुकसान।

लख रहा ं सफरनामा ....या लख रहा ं हतान!

आए कुछ पल क के रण समान, कुछ यादे कमाई मने
अरावली जैसी तो कुछ कमाया रेगतान।
कुछ मली खुशया पंजाब क म और हरयाली जैसी
...कुछ बने कससे उराखंड के वाद समान।

लख रहा ं सफरनामा... या लख रहा ं हतान!

मराठ से मीठे लोग मले और महारा से बल मला...
वड़ जैसा मला ान और रामसेतु सा हल मला
रते मले ओडशा के जगाथ से और शौय बंगाल के
गा समान।

लख रहा ं सफरनामा... या लख रहा ं हतान!

सकम जैसी आँख म है काशी मथुरा जैसे सपने हजार
अणाचल सी होती शुवात उनक और है हद सागर
सा अभमान।

कोई पूछे जो मुझे नया के सवाल....
तो म कहता ं सफ हतान...
लख रहा ं सफरनामा या लख रहा ं .......।

-Aditya Dube
MPT SEM 3

Pic: Girija Bodhane


MTTM SEM 1

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