राजेश कु मार नंदलाल
बी.एस.सी.फायनल क ास म जैसे ही ोफे सर उषा स ा ने वेश कया तो सभी व ा थ य ने खडे़ होकर गुड़मा न ग
कहते ए उनका अ भवादन कया जवाब म ोफे सर सा हबा ने सभी व ा थ य को गुड़मा न ग कहते ए बैठने का इशारा कया।
अपनी चेअर पर बैठते ए उ ोन हाजरी लेना शु कर दी।इतने म महेश और उसके म व गल ड़ बी इजाजत लेकर भीतर
आए तथा पीछे क सीट पर जा बैठे।हाजरी के म को आगे बढा़ते ए कहा- ा र ोगी।उसने खड े़ होकर खहा-यस मेम। फर
महेश वा लया का नाम पुकारा।यस मेम कहते ए वह ा के बगल म आकर बैठ गया। ा ने उसक ओर उचटती सी नगाह
डा़ली और ले र सुनने लगी।महेश एकटक ा क सुराहीदार गद न,धड़कते ए व ल और गहरी ना भ को देख रहा था तभी
ा ने गु े से महेश क ओर देखा तो सकपकाकर वह दुसरी ओर देखने लगा। फर महेश ने आ ह ा आ ह ा अपना पैर उसके
पैर पर और हाथ उसक कमर पर फराया तब गु े से तमतमाती ई ा ने महेश के गाल पर एक जोरदार तमाचा रसीद कर
दया। जसक गुंज ॉस के बाहर भी सुनाई दी। ोफे सर सा हबा ने बुरी तरह फटकार लगाते ए, ा से मा माँगने कहा ले कन
महेश ास म से बाहर चला गया।इतने म प रयड़ समा होने क बेल बजी।सभी व ाथ बाहर चले गये।
महानगर के कोहीनूर कॉलेज का प रसर रंग- बरंगे प रधान से सजे नवयुवक व नवयुव तय क खल खलाहट से गुँज रहा था
क आज कॉलेज का थम दन था।उसी समय एक लाल रंग क ोट स कार ती ग त से मु ार को पार करते ए पोच म
जाकर क गयी उसम से एक बीस वष य बाँका सजीला नौजवान महेश वा लया नीचे उतरा और सधे क़दम से अपने म क
ओर बढा़ जो हाथ हला हला कर उसका अ भवादन कर रहे थे।
हाय जानु कहते ए बी,महेश क बाँह म समा गयी और महेश ने उसे अपनी बाँह भ चकर उसके से ी होठ पर एक
लंबा चुबंन अं कत कया।यह देखकर ब त सी नवयुव तयाँ दल मसोस कर रह गय ।इतने म उसके य बाल सखा रमेश ने
उसक पीठ पर धौल जमाते ए कहा- ा बात है यार,आज तो तू कसी सुपर हरो से कम नही दख रहा है। ैक कलर क
प ट, प क कलर क टी-शट व गले म आसमानी कलर का ाफ और पैर म ोट स शूज।आज कसका क करने का इरादा है
तब महेश ने मु राते ए रह मयी अंदाज म कहा-उसी खुबसूरत च डया का तो इंतजार है तभी रमेश ने कहा-शायद तेरा
इंतजार पुरा होने वाला है।वह देख,उसने कॉलेज के मु ार क ओर इशारा कया।जैसे ही महेश ने उस ओर देखा तो उसक
आँख फटी क फटी रह गय और वह अपलक देखता ही रह गया।
एक उ ीस वष य गौर वण ,छरहरे बदन क कम सन सी युवती,हर रंग के सलवार सुट मे व दाएँ हाथ मे कताब लेकर ती ग त से
कॉलेज क ओर बढी़ आ रही थी जससे उसका व ल भी कं पायमान हो रहा था।तीखे नाक न वाले लंबोतरे चेहरे पर
खुश मजाजी और गुलाबी रसीले होठ पर ारीसी आकष क मु ान थी।इतने मे ास शु होने क बेल बजी जसे सुनकर
सभी नवयुवक व नवयुवतीयाँ अपने-अपने क ाओं क ओर ान करने लगे।
ύदवानगी
महारा , भारत
9307401627