स्वर्णिम दर्पण

(Kumar dhananjay suman) #1




म संा






























































अनु णका (प भाग)

हानी एहसास - माला अात

रचना (रचनाकार)

पुष होना आसान नह - पूनम सह
आमंण - कवभरत मा
जदगी कती नह - मीता लुनवाल
ग़ज़ल - ववेक दीत
वनती- आशा झा सखी
ईनाम - सौरभ पांडे
समान अधकार - बनापाटनी
रीढ़ से टेढ़ी यां - सरता सरस
ेम के यतम - सरता सरस
कृ त - अभजीत भ
ख़त - संतोष
कृ त ं श क - डां संा 'गाथ'
आज़ादी - नरज शमा
अब तो इत कर - सवता धर
भूतेर ह महा बल-- डॉ एल एस करार
बेमुकल दाां - धीरज कु मार पाठक
न समझोगे -- आरती वेदी
मुवाशरा (समाज) - मोहद फै जान दानश
मानवता क मौत - अचना जोशी
हंसना सदा तुम - यौगेश कौशक
धरती- संजय कु मार डोकानया
बचपन - पूजा कोट
वीरांगना क वरह वेदना - या पांडे रोशनी
मखमली धूप क चाहत -डॉ संगीता शमा
कशमकश- शरष पाठक
म ौपदी - नशांत गहतोड़ी
इस कोराना काल म - संा नी
मेरी याद - अमत म
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पृ संा

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