यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
भीडडमा भें पैर ि


के इस व्मष्ट्क्तवादी जहय के फाये भें हभ ऩहरे ही आगाह कय ि


के है | आऩ 27 - 03 - 2017 के

वैऻाननक-ववश्रेषण "रोकतॊि ऩय रगा ि


नावी-ग्रहण खत्भ ह


आ!" को द


फाया ऩढ़े | सफ क


छ सतह ऩय आते ही द


ध का



ध व ऩानी का ऩानी हो जामेगा |

सत्माऩन 15 - 03 - 2018 खफय... बास्कय ग्र



ऩ के दो भालरक हजायो कयोड़ के घऩरे भें पॎस... े

बायत भें इस तयह की घिनाएॊ आमे योज आने रगी हैं । नीिे से रेकय ऊऩय तक सफ योना योते हैं ऩयन्त


ऐसी घिनाए ॊ

रूक जामे इसके लरए ककसी के ऩास कोई मोजना नहीॊ हैं । ननकितभ सयकायी कभतिायी को दोषी फता सजा दे दी जाती

हैं वो बी द


फाया वाऩस आने के कई भाग त खोरकय ... व सम्फष्ट्न्धत व्मष्ट्क्त की भदद कय भाभरे को खत्भ कय टदमा

जाता हैं ऩरयणाभ क


छ सभम के अन्तयार भें उससे फड़ी ह्रदम ववदायक घिना साभने आ जाती हैं ।

ऐसी घिनाओॊ के लरए प्रत्मऺ व अप्रत्मऺ रूऩ से देश के यारिऩनत भहोदम ही ष्ट्जम्भेदाय होते हैं क्मोंकक वो ही सॊववधान

के सॊयऺक हैं व सॊववधान ही हय देशवासी को जीवन, लशऺा, ईराज, भानवीम भ


ल्मों की गायन्िी देता हैं । ऐसी ककसी

बी भ


द्दे ऩय आजतक कोई बी यारिऩनत आगे से साभने नहीॊ आमा व सावतजननक भापी भाॊगते ह


ए ऩद के अन


रूऩ फड े

टदर का ऩरयिम देते ह


ए भानवीम जीवन का स्तय चगयने से फिाने का सॊकल्ऩ व मोजना यखी हो | यारिऩनत तो फस

छोिे भोिे ननजी प्रोिोकॉर तोड भीडडमा के याग भें गोफय भें प


रते चगडोरे की तयह भद भस्त हैं । भैं यारिऩनत होता तो

ऩहरे इस प्रोिोकॉर को ही तोडकय प्रोिोकॉर फनाऊॊगा |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


योना सफने योमा, व्मवस्था को कोसा, द



सयो को इॊसाननमत व भानवता का ऩाठ ऩढ़ामा ऩय सही


व्मवस्था के नाभ ऩय ऩतरी गरी से खखसक सरए


ऽफय:- देश के ववकास-ऩथ ऩय ऩैसो की हवस से क


सी के घभण्ड तरे ईसानीमत औय भानवता का िीयहयण

उड़ीसा याज्म के काराहाॊडी ष्ट्जरे के आटदवासी दाना भाॊझी द्वाया अऩनी 42 वषीम ऩत्नी अभॊग देई का शव अऩने कन्धे

ऩय रादकय 10 ककरोभीिय िरा तो साथ भें 12 वषीम भास


भ फच्िी के क्रन्दन से डडष्ट्जिर-इॊडडमा के िेरीकास्िी डधफों

व फड़-ेफड़ े नेताओ ॊ के पोिो के वऩछे ककसी कोने भें छऩी अखफायी खफयों भें आजादी के फाद अष्ट्स्ततव भें आमा "याज-

ऩथ" िकनाि


य हो गमा | उसे यास्ते भें वववशताऩ


णत एॊफ


रेंस उऩरधध कया दी ताकक वो शेष फिे 50 ककरोभीिय िर

अऩने गाव भेरधया ऩैदर न िरे औय खडो भें फिे-क


िे इॊसाननमत के योड ना उखड़े |

मह रोकतॊि के ववकास की अथी मा जनाजा रुकने का नाभ ही नहीॊ रे यहा आमे योज़ देश के अरग-अरग टहस्सो स े

साये उन्ननत के भागों ऩय भानवता ऩय िोि कयती गढ़ों की हकककत साभने रा यहे है |

भध्मप्रदेश के इॊदौय से 275 ककरोभीिय द


य यतनगढ़ गाव भें आटदवासी जगदीश बीर को उसकी ऩत्नी नोजी फाईं के

शव को ऩानी भें फहाने मा क


ड़े भें दपनाने की सराह सयकायी कभतिारयमों ने दी क्म


ॉकक उसके ऩास रकड़ी के लरए डॉरय

के साभने अधभये ह


मे बायतीम नमे 2500 रुऩमे नहीॊ थे | आणखयकाय ववदेशी डॉरय ने ही सहाया टदमा क्म


ॉ की उसके

ननवेश से फने उत्ऩादों के इस्तेभार के फाद फि े यद्दी कागजों, पिे िामयो, किये वारी प्राष्ट्स्िक की थैलरमों व उखाड़
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