biranishri
(Biranishri)
#1
जम्भ
ु
- कश्भीय के उयी भें आतॊकी हभरे भें शहीद ह
ु
मे 18 बायतीम जवानों से देशवालसमों का ख
ु
न खोर गमा व धयातर
ऩय प्रनतउत्तय न लभरता देख ख
ु
न का यॊग बी पि गमा क्म
ू
ॉकक नभक की सौगॊध व कय टदखाने के फड़े-फड़ े वादों से
उनका वोि र
ू
ि जाने का अहसास हो यहा था |
इस उफरते जोश भें कै होश खो यहे है तो कई अऩने नाऩाक इयादों को ऩ
ू
या कयने के लरए जनता के ग
ु
स्से को "बायत-
फॊद" के लरए बड़का काय अरग भागत ऩय बिका यहे है |
मह यारिरोही रोग सैननकों की राशों ऩय अऩना नॊगा नाि खेरते है व कामयताऩ
ू
णत कये हभरे से क्रोचधत होकय आभ-
जनता भें यारिीमता जगी व कैंडर भाित, भशार ज
ु
र
ू
स, शौक-सबा, ऩ
ु
तरा दहन, स्वत् सैननक दाह भें उभड़ ऩड़ने से जो
एकता ऩैदा ह
ु
ई उसे मह "बायत-फॊद" के नाभ ऩय नछन्न-लबन्न कय डारते है |
इसके भाध्मभ से जनता धभत, जात-ऩात, ऺेि-ववशेष व याजनैनतक ऩािी के नाभ ऩय फॉि जाती है | भज़द
ू
यी कय
ईभानदायी जीवन ष्ट्जने वारे कयोड़ों बायतीमों व गयीफों के ऩेि ऩय रात भाय यारिीमता की कीभत हय नागरयक से एक
टदन की सैरेयी मा कभाई रेकय वस
ू
री जाती है | सयकायी काभकाज व ननष्ट्ज सेवाओॊ को फॊद कया यारि के गनतशीर
ऩटहमे ऩय जफयन योक रगवा के यारिीम ध्वज तरे उसके ही भध्म भें ववध्मभान िक्र को वऩछे धकेरा जाता है |
ववऻान की दृष्ट्रि से शहीद ह
ु
मे अभय जवानों को श्द्ाॊजलर देने व आतॊकवाटदमों औय उसके ऩोषकों व सॊयऺकों को भ
ु
ॉह-
तोड़ जवाफ देने का सही भागत मह है ष्ट्जससे ऩ
ू
या यारि एक स
ू
ि भें फॊधकय ऩ
ू
यी द
ु
ननमा को ताकत का एहसास कया
दे......
सवतप्रथभ एक यवववाय का िमन होना िाटहए | इस टदन ऩ
ु
ये देश भें स
ु
फह 7 फजे से 9 फजे तक भौन-ज
ु
र
ू
स ननकरे
ष्ट्जसकी श
ु
रुवात प्रत्मेक फड़े धालभतक स्थरों (भॊटदय, भष्ट्ज्जद, िि, त ग
ु
रुद्वाये इत्माटद) से होनी िाटहमे | इसकी जवाफदेही
याजनैनतक तौय ऩय ि
ु
ने गमे वाडत प्रभ
ु
खों कक हो |
मह सबी भौन-ज
ु
र
ू
स एक स्थान ऩय आकय साभ
ू
टहक सबा-स्थर भें फदरनी िाटहए जो करेक्िय, भष्ट्जस्िेि एवॊ अन्म
प्रभ
ु
ख सयकायी कभित ायी के अधीन हो व याजनैनतक ऩाटितमों के अरग-अरग झॊडे बफना देश के एक भाि झॊडे तर े हो |
बायतीम सॊववधान के तहत सबी करेक्िय सीधे तौय ऩय यारिऩनत के प्रनत जवाफदेह है व उनके सीध ेननदेश ऩय कामतवाही
के प्रनत जवाफदेही बी | यारिऩनत स्वमॊ बायतीम-सेना के प्रभ
ु
ख है इसलरए शहीदों को श्द्ाॊजलर उन्हीॊ के नेत
ृ
त्व भें
रोकताॊबिक रूऩ से एकभाि सही भाग तहै |
जनता के प्रनतननचध जो भॊिी, सॊसद, ववधामक, सयऩॊि, वाडत भेम्फय इत्माटद है जो वोि से ि
ु
ने जाते है वो इस स्थर ऩय
फैठकय एक टदन का उऩवास यखे व धालभकत ऩ
ु
जायी, सॊत, भहात्भा, ग
ु
रु, भौरवी, पादय, फोद्-लबऺु महा लसफ़त प्राथतना
कयवामे व ककसी बी तयह की नायेफाजी औय ककसी बी व्मष्ट्क्त का बाषण नहीॊ होना िाटहमे |
बायतीम सेना भें सबी धभो से लसऩाही जात े है | द
ू
सयों के लरए अऩने जीवन का न्मौछावय कयना प्रत्मेक धभत भें
सवतश्ेरठ फलरदान व त्माग भाना जाता है | इसलरए धभतग
ु
रुओॊ का प्राथतना कयना व कयवाना उनकी नैनतक ष्ट्जम्भेदायी है
|
इसटदन सावतजननक अवकाश को खत्भ कय देना िाटहए व सबी स्क
ू
रों औय कॉरेजो से छािों एवॊ छािाओॊ का ज
ु
र
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स
ननकारा जाना िाटहमे जो साभ
ू
टहक स्थर ऩय जाकय खत्भ हो | द
ु
यी अचधक होन ेऩय स्क
ू
र फसों का प्रमोग वष्ट्जतत नही ॊ