यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
यही है ऩय कच्िे तेर की डडभाॊड घि यही है वाकई मह यहस्म जानने का ववषम है की गाडड़मा िर कौन से ईंधन से यही

है |

ऩहरे ऩेिोर डीज़र ऩय ऩैसो भें बाव फढ़ जाने ऩय फसो, िेनों व िाॊसऩोित का ककयामा फढ़ जाता था, आमे टदन रयक्श, े

सवायी गाडड़मों की फेलभमादी हड़तार हो जाती थी अफ ऐसा क


छ नहीॊ! ऩेिोर - डीजर के बाव अफ सेकड़ो ऩैसो भें घि

यहे है ऩय इनके ककयामे ऩय असय की कोई खफय नही ॊ वाकई जभीॊ के उप्ऩय आसभान की टदशा भें खड़ा खोदकय उसस े

तेर ननकारने वारी फात है |

अफ सयकाय फदर गई कॊप्म


िय बी प्रनतटदन फनने वारे योड भें िाय ग


ना इजापा फताने रगे है ऩय गाडड़मों का

भैन्िीनेन्स फढ़ता जा यहा है वाकई इस ऩय 5 - 10 हजाय कयोड़ खित कयके रम्फी रयसि त कयके भार


भ कयन े का फड़ा



द्दा है |

ऩहरे आभ सहभनत से सॊसद भें भॊिी, साॊसदों व ववधानसबाओ भें याज्म के भॊबिमो व ववधामको का भहगाई बता फढ़

जाता था अफ प्रत्मेक भाह भहगाई दय, थोक भ


ल्म बाव का इॊडक्े स आटद घि यहा है ऩय इनका भहगाई बता भ


छें तन े

खड़ा है हभे ऩता नहीॊ वऩछरी तायीख से आगे ऩैस ेसैरयी से कािने की सयकायी मोजना है क्मा औय जो रयिामडत हो गए

व ऩयरोक िरे गए वह फड़ा उडनदस्ते की गाडड़मा बेज कय ऩैस े ऩने ल्िी के साथ वस


रन े की द


यगाभी भहत्वकाॊशी

मोजना है |

ऩहरे अखफायों भें ऩेिोर डीजरके दाभ फढ़ जाने की खफय के साथ फगर भें चिऩकी ह


ई खफय ककसी न ककसी ऺेि के

सयकायी कभतिारयमों के भहगाई बत्ते फढ़ने की होती थी ऩय आजकर ऐसा क


छ नज़य आता नही ॊ | प्राइभ िाइभ, िी -

िाइभ, इवननॊग िाइभ, रॊि िाइभ, डडनय िाइभ, भॉननिंग िाइभ के प्रविनों भें आने वारी फहस / ििात / ववश्रेषण के

भहान ववशेषऻों से हभने ऩ


छवामा तो उन्होंने कैभया फॊद कयके फतामा की अफ सयकायी ववऻाऩन वो बी करय पोिो वारे

ज्मादा आ यहे है क्मों की अच्छे टदन आ गमे इसलरए खफयों की जगह ही नहीॊ फिती व ऩेिोर डीजर के बाव काभ हो

गए इसलरए स


फह स


फह अखफायों, ऩबिकाओ ॊको ऩ


याने दाभ ऩय फेिने ऩय जो ऩैसे फि यहे है उससे नो गायॊिी नो वायॊिी

व िर गए तो िाॉद तक नहीॊ िरे तो शाभ तक वारे िाइना के चगफ्ि फ्री भें फिकय रोगो को बी ग


ड पीर कया यहे है

|

21 वी सदी कहने को ववऻान का म


ग है अफ जम ववऻान का नाया फच्िे फच्िे को ऩोलरमो रॉप्स की तयह वऩरा डारा

इसलरए बववरम फतान े वारे फाफाओ, ज्मोनतवषमों, कार दलशतमों की कभी हो गई नहीॊ तो अफ तक यालशमों की खेर,

इनके द


सये, तीसये, सातवे बाव की िेडी िरो, लभि व द


श्भन यालशमों के लभरन की खफये घनघोय कोहये की बािी स


फह



फह छाई लभरती की कैसे ऩेिोर डीजर के दाभ घिे व देश की क


ॊडरी भें कोनसा मोग फना है |

अबी अबी खफय आई है की ऩहरे ऩेिोर डीजर के दाभ फढ़ने ऩय सयकायी ठेकेदायो को इॊसेटिव के रूऩ भें ऩैसा फढाके

लभरता था अफ फदरे हारत भें ऩैसा कािकय लभरेगा देने के आदेश ऩय ककसी लसयपीये भॊिी ने स्िे रगवा टदमा

................हभ ननकरते है व इस खफय की ऩ


ष्ट्स्ि कयके रात ेहै..........

फैंकों की सोि फाजायवाद के यास्ते जा यही हैं । मटद रोगों को कोई सभस्मा आमे तो उसी से वस


री का भागत फना डारो

ताकक न


कसान होंने ऩय बी रोग लशकामत कयने ही नहीॊ आमे | न यहे फाॊस औय न फजे फाॊस


यी...
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