यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1

 5 वषत ( यारिऩनत ऩद का कामतकार ) भें बायत / इष्ट्ण्डमा को "ववश्व-ग



रु" फना देता


 बायत के रोकतॊि / व्मवस्था को उसकी ही भालरक आभ जनता के भाध्मभ से अऩडेि कयवाता न की


फदरता वह बी उसकी वतभत ान बावना, सोि व अचधकायों की मथाष्ट्स्थनत फनामे यखते ह



मे मानन


सॊववधान की प्रस्तावना की छि छामा भें


 व्मवस्था को ववकलसत कयने भें कान



नी प्रकक्रमाओॊ को एक इॊसानी शयीयन



भा ढाॊिे की तयह


वैऻाननक-प्रफॊधन लसद्ाॊत से फदरता ताकक भ्ररििाय, बाई - बतीजावाद व फैयोजगायी जैसी कई


सभस्माएॊ ऩैदा ही नहीॊ हो ऩामे |


 बायतीम भीडडमा को सॊवैधाननक िहे या औय ़ान



नी अचधकाय देता


 देश के प्रत्मेक नागरयक को प्रनतटदन ऑनराइन वोटिॊग का अचधकाय देता


 रोकतॊि भें ऩैसों के ऩेड़ औय व



ऺ रगाने की खेती श



रू कय देता


 वतभत ान व बववरम भें देश के लरए जान न्मौछावय कयने वारे हय शहयी व ग्राभीण आॉिर से आने वारे


सबी सैननकों को स्वतन्ि टदवस औय गणतॊि टदवस ऩय यारिीम सराभी टदखने के साथ लभरने का बी


प्रावधान कय देता


 एक अॊतयातरिीम सॊस्था की बायत भें स्थाऩना कयता


 ववद्मारम व ववश्वववद्मारम से ऩढ़कय ननकरने वारा हय छाि मोनमतान



साय रखऩनत व कयोड़ऩनत


फनाकय नौकयी मा व्मवसाम साथ देकय ननकरवाता


 कोयोना जैसे खतयनाक वामयसो की जो िेन मा श्



ॊख्रा िर यही है उसे ऽत्भ कयके चिककत्सा जगत को


21 वी सदी के अन



रूऩ फदर देता


 ऩेिोलरमभ ऩदाथो ( ऩेिोर, डीजर, गैस इत्माटद ) की कीभते तकननकी आधाय ऩय अतॊ यातरिीम कीभतों से


रूि केनार फनाकय स्थाई कय देता औय भॎहगाई को ऽत्भ कय डारता


 सबी धभो को सॊवैधाननक िहे या देकय कान



न व्मवस्था से जोड़ हभेशा के लरए जातऩात, ऊॊि नीि व


आचथतक आधाय सटहत साभाष्ट्जक बेदबाव के झगड़ो को हभेशा के लरए ऽत्भ कय डारता


नोि:- शैरेन्र क



भाय बफयाणी (इस ऩ



स्तक के रेखक) म



वा वैऻाननक है जो ववऻान के अन



सन्धान (रयसित) ऺेि स े


आते है इसलरए बववरम को रेकय जो बी फाते व दावें कये है उसको जभीनी धयातर ऩय उतायने की मोजना /


रुऩयेखा के साथ प्रस्त



त कया है। मह ककताफ उसी टदशा भें उन सफ



तों व प्रभाणों को फताने व ब



तकार के


आधाय ऩय वततभान भें सभझ सकने का आधाय है।

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