यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
नकाय नहीॊ सकत े|

हभन ेवैऻाननक-ववश्रेषण "मे आयऺण की आग यारिीमता के टहत भें है उसभ ेलरखा था .......... "ववश्वाश यणखमे सभम

कक िार ऩय औय सोि के फढ़ते दामये ऩय बववरम भें इस प्रकाय के 250 - 300 सॊगठन से ज्मादा इस देश भें नहीॊ फनेगे

| ष्ट्जस टदन ककसी एक भ


द्दे (जैसे - फरात्काय, कारा धन, फेयोजगायी, घ


सखोयी आटद) ऩय मह 250 सॊगठन एक हो गमे

उस टदन "यारि" जीववत हो जामेगा....."

अबी सभम िर यहा है अरग-अरग भ


द्दो ऩय यारिीम सॊगठनो के ननभातण का...........

हभेशा की तयह ष्ट्जम्भेदाय रोग न्माम एवॊ द


यदलशतता स े कोई ननणतम नहीॊ रेंगे........ इसलरए सभम को ही तम कयना

ऩड़ता है की हभ रोगो का आगे क्मा कयना है...............

इॊसानी सोि व सभझ को हभने आयऺण के व्मष्ट्क्तगत स्वाथ त से आगे ववकलसत कयते ह


ए देश भें ह


ई अरग - अरग

घिनाओॊ / आन्दोरनों से जोडा उसके फाद अफ लसपत एक कडी फनाना शेष यह गई हैं वो हैं ऩ


ये यारि का एकज


ि हो

जाना जो यारिीम सोि को जाग्रत / प्रज्जववरत कय सके |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


फकसान आॊदोरन से आऩके वैऻाननक-ववश्रेषण की सच्चाई सत्मावऩत होने के फाद ...... अफ


जाननमे की देश फकस टदशा भें आगे फढ़ेगा औय क्मा - क्मा होगा ।


खफय:- ऩॊजाफ-हरयमाणा से श


रू ह


मे ककसान आॊदोरन ने टदल्री को िायो तयप से घेया औय अऩनी भाॊगों के लरए

प्रदशतन श


रू ककमा ।

आऩका वैऻाननक-ववश्रेषण ब


तकार व वततभान ऩय ही नहीॊ लरखता अवऩत


साथ भें बववरम बी फताता है की आगे क्मा

होगा। मे इसकी सच्िाई का ही प्रनतपर है की आजतक जो लरखा वो कार के कऩार ऩय सि की रकीय खीॊि कय

आगे गनतभान हो गमा ।

हभन े रगाताय शरू से अऩने वैऻाननक-ववश्रेषण भें यारिीम जाग्रनत की एक रकीय खीॊिी औय उसे धीये धीये फड़ा कयते

आ यहे है। इसके तहत रोगो के सभ


ह औय उनकी ककसी भ


द्दे ऩय भानलसक सोि का एक होना सॊगठन व एकता को

यारिीम ववकास के रूऩ भें व्माणखत ककमा था ।

ऩहरे अरग - अरग भ


द्दों ऩय छोिे-छोिे साभाष्ट्जक एकीकयण के फाद नागरयकता सॊसोधन बफर व NRC की स


गफ


गात

को रेकय शाहीन फाा ऩय ह


मे आॊदोरन व देश बय भें ऩैदा ह


ई ऩरयष्ट्स्थनत ने यारि को सभम के िक्र के साथ गनतशीर

कय धालभतक आधाय ऩय भानलसक एकीकयण को स्थावऩत ककमा । अफ एक सोि को रेकय ककसान आऩस भें ज


ड़ यहे है

औय ऩ


या एक याज्म ऩॊजाफ सॊगटठत हो गमा। इस एकीकयण भें याजनैनतक खेभेफाजी, ग


िफॊदी बी बफखयती व ि


िती नजय

आ यही है ।
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