biranishri
(Biranishri)
#1
अॊदय के कऩड़ो, अधतननन व अऩवाद स्वरूऩ ननन अवस्था भें ऩ
ु
ये शहय के अॊदय ग
ु
भा देते थे |
प्राइभयी कऺा के स्तय वारे फच्िे न्म
ू
ज़ िैनरों, अखफायों भें फड़ी फड़ी खफयों को देख मा ऩढ़ कय ष्ट्जनभे भ
ु
ष्ट्स्कर से दस
पीसदी तक उनको सभझ भें आती है वे क्मा कहते है आऩ स्वमॊ देणखमे............
याजा फनने के लरए 70 लसऩेसरायो भें से ख
ु
द को छोड़कय उसको सभथतन कयने वारे 35 रोग िाटहए | इसभे एक ग
ु
ि
भें 29 रड़ाके है द
ू
सये भें 27 , तीसये भें 8 व अरग अरग झॊडे वारे 3 रड़ाके है | इन सबी लसऩेसरायो से लसपत एक
राइन भें लरखके रेना है की वो ककसके साथ काभ कयना ऩसॊद कयेंगे औय ककसके सा थ नहीॊ | यघ
ु
क
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र यीत सदा िरी
आई प्राण जामे ऩय विन न जामे के आदशत क
ु
र भें जन्भे याजा याभिन्र को बगवान भानने वारे व उनके नाभ ऩय
शऩथ रेकय लसऩेसराय का ओदा रेने वारे विन तो क्मा लरखकय दे दे तो कपय क्मा िाटहए आणऽयकाय याजशाही ऩट्टे
ष्ट्जन्हे आध
ु
ननक व्मवस्था भें स्िाम्ऩ ऩेऩय बी कह सकते है उनके ताने फाने से ही तो व्मवस्था िरती थी औय िर यही
है |
इसके ऩश्िात
्
लसपत छोिी फड़ी जोड़ फाकक िाटहए थी ष्ट्जसभे अॊक 29 , 27 , 8 , 1 , 1 , औय 1 को शतत के अन
ु
साय
एक जैसे कऩडे, िोऩी, गरे भें द
ु
ऩिा देखकय साथ यखकय मा अरग अरग यखकय जोड़के व घिाके देखना था की
ऩरयणाभ 35 प्राप्त होता है मा नहीॊ फस हो गमा ननणमत | मटद जोड़ फाकक कयना नहीॊ आमे तो लसऩेसरायो को अरग
अरग राइन भें खड़ा कयके देख रेते की ककसकी ऩ
ु
छ ज्मादा रम्फी है | इसभे बी भहीनो रग जाते है औय हभें इससे
बी फड़े फड़े गणणत वारे 25 - 30 सवार लसपत दो घॊिे भें नहीॊ कय ऩामे औय 15 से ज्मादा प्रशनो को हर कयने का
औसत ऩाय नहीॊ कये तो हभें इनको आदशत फताकय पेर पेर कहकय "आत्भहत्मा" कयने को भजफ
ू
य कयते है | मटद हभ
टहम्भत यखकय आस
ु
ओ की ऩीछे सफ क
ु
छ फदातस्त कयरे औय आत्भहत्मा नहीॊ कये तो फड़े होने ऩय मही रोग हभको
जरीर व ननिा टदखामेगे व छ
ु
आछ
ू
त के नजरयमे से कहेंगे की त
ु
भ अनऩढ़ औय गवाय ही यह गए इसलरए फड़े नामक व
याजा नहीॊ फन सके |
मटद गाम-बेस के गोफय वारे कॊड ेके आकय का घये ा रगाकय चगनने वारी चगनती बी नहीॊ आती तो ईसाही सॊप्रदाम भें
ष्ट्जस प्रकाय ऩॉऩ को ि
ु
नते है वैसे ही याजा ि
ु
न रेते | हभें ऩता है मे ऩादयी मा पादय नहीॊ लसऩेसराय है मे हचथमाय
साथ रेकय िरते है | मटद इन सफको ऩॉऩ के ि
ु
नाव के सभान एक कभये भें याजा ि
ु
नने के लरए फन्ध कयदे तो अॊत
भें ऩरयणाभ के रूऩ भें सपेद ध
ु
एॊ की जगह रह
ू
की धाय ही फहाय ननकरेगी |
अफ द
ु
फाया याजा ि
ु
नने की प्रकक्रमा मानन कयोड़ो रुऩमे का खित मटद जोड़ फाकक सभम ऩय कय रेते तो भहायाजा के िमन
की प्रकक्रमा के साथ मह बी हो जाता तो कयोड़ो रुऩमे फि जाते व हभको द
ु
फाया ऩैककि भें 8 की जगह 10 बफस्क
ु
ि
लभरते व खरी गोर भोर िॉकरेि के अरावा डॊडी रगी ह
ु
ई यॊग बफयॊगी िॉकरेि बी लभरने रगती अफ तो 8 की जगह
6 बफस्क
ु
ि लभरेंगे |
अफ उद्दास व भाम
ु
श ह
ु
ए बववरम के नागरयको को भ
ु
स्कयाने के लरए हभने कई ववद्वानो , ववशेषऻों, याजनैनतक ऩॊडडतो
की सराह व व्मक्तव्म लरए उन्होंने बी ऐसे याजशाही बाषा भें अॉधेयी नगयी िोऩि याजा भाना .........| आणखय भें उन्होंने
भ
ु
झे 21 वी सदी का लशक्षऺत, सभ्म, जागरूक, कभतठ, सवफत
ु
वद्भान इॊसानो की प्रजानत का कहके भेया सीना हौसरे से
प
ु
राकय 56 + 1 इॊि का कय डारा औय कहा मे तो सटदमों ऩ
ु
याने याजा भहायाजाओ की फाते है अबी तो हभ रोकतॊि ,
रोकतॊि औय रोकतॊि भें यहते है जहा त
ु
म्हाया औय हभाया याज िरता है व त
ू
ती फोरती है | जो एक वोि से सयकाय