यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
इस वैऻाननक-ववश्रेषण से सभझे की व्मवस्था को सदैव दो बागों भें फाॊिकय देखा जाता यहा हैं । मह अबी नहीॊ

आटदकार के प्रायम्ब से िरा आ यहा हैं । मटद सॊववधान के सॊयऺक सबी को एक साथ रेकय िरे तो उऩाम सम्बव हैं

। मह उऩाम ककस तयह के होते हैं, ष्ट्जसभे सबी की भॊज


यी होती हैं वो आऩ इससे सभझ सकते हैं ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


सटहष्ण



ता औय असटहष्ण



ता की रड़ाई का असरी ग



नगाय!


खफय:- रेखको, साटहत्मकायों, इनतहासकायो, कराकायों, कपल्भ ननभातताओ, वैऻाननको आटद ने रोिामे अऩने अवाडत

इसे इॊसानी सभ्मता का वववेक कहे मा िात


मत जो सबी जीव-जन्त


ओ भें श्ेरठ होते ह


ए बी नासभझी कय जाता है औय

दो बागो भें फि जाता है | महाॉ की ऩ


यी सभ्मताएॉ, व्मवस्थामे लसपत दो ऩािो के भध्म फि जाने ऩय ही टिकी यहती है |

देवता-दानव, धभत-अधभत, ऩाऩ-ऩ


ण्म, अच्छा-फ


या, सभथतक-ववयोधी, ऩऺ-ववऩऺ औय अफ नमा याग सटहरण


ता-असटहरण


ता

का........

इस फाय भाभरा श


रू ह


आ शाकाहायी-भाॊसाहायी से जो आगे फड़ा प्रनतकक्रमा भें अऩने आऩ सजा देने से व उत्ऩन ह


ई हय

सोि को अऩने-अऩने झ


ण्ड/सभ


हों के नायों औय शोयग


र से दफाने से ...... आगे मह कायवा फढ़ा धभत को ढार फनाके

कट्टयता का िोरा ओढ़ ....... अऩने फाये भें अच्छा मा फ


या न फोरने देने व स


नने से ....... इतने भें याजनीती नासभझ

की भसार लरए क


द ऩड़ ेस्वमॊब


ठेकेदाय औय अऩने-अऩने धभत की ककताफो को खोरे व ऩढ़े बफना लसपत उप्ऩय का पोिो

टदखा अऩने कभ तव ननणतम को न्मामोचित ठहयाने से .......

इसके फाद फायी आ गई याजनेताओ की ष्ट्जन्होंने हय भ


द्दे की तयह भ


ॉह की अष्ट्नन से बीड़ के फीि यास्ता फना टदखावी

हवो के सहाये "अऩनी ऩािी की सयकाय " व "हभ तो ववऩऺ के है इसलरए उल्िा ही फोरेगे " के िाफ


क से असरी

धभतग


रुओ औय ऻाननमो को ऩीछे धकेर सफसे आगे आकय अऩना-अऩना झॊडा रगा रेने से........

रोकतॊि भें जनता के उप्ऩय याज कयने की नीनत से अऩने दाभन के कीिड़ को द


सये के दाभन के कीिड़ से स्वच्छ

फताने व अऩनी ईज्जत फनाने के लरए द


सयो की ईज्जत बफगाड़ने के आध


ननकता वारे इरेक्िॉननक, सैिेराइि तयॊगो की

ववऻान वारी यफ़्ताय से अच्छे-अच्छे रेखक, साटहत्मकाय, इनतहासकाय, कपल्भ ननभातता, कपल्भ कराकाय, वैऻाननक िऩेि

भें आ गमे औय कई तो "सभम" के फाये भें लरखने के काभ से "सभम" को ननधातरयत का रेने के ग


रुय भें स्वमॊ आगे

आकय बीड़ गमे व साथ भें अऩने अवाडो को अॊदय घ


सने का भ


फ्त भें हालसर कया ऩास फना लरमा | इतने भें इॊियनेि

के भहायथी व श


यभा बड़क गमे जफ कटहमो ने द


सये देश का वीजा व ऩासऩोित रेने का दभ बया |

मह सटहरण


ता व असटहरण


ता के फवॊडय से उठता त


पान मटद आगे फढ़ता जामेगा तो अऩने अन्दय ककतनो को व सटदमों

से िरे आ यहे ऐनतहालसक तज


फों को धवस्त कय देगा मे आऩसे फेहतय कौन जानता है | सोि के फढ़ते दामये, तकनीक

के णखरते प


रो व ऻान के ख


रते िक्स


ओ के भध्म अऩने-अऩने धभो के सदभागो ऩय िरते यहने ऩय कहा ब


र हो गई

मा कौन ऩियी से उतय गमा ष्ट्जससे "सॊववधान" के रूऩ भें दजत ऩ


यी व्मवस्था बी अफ "असहाम" टदखने रगी है |

ववऻान के आधाय ऩय इसके दोषी कयीफन दो हजाय से ज्मादा सैननको के भेडर रौिा देने के फाद बी कभत एवॊ दानमत्व

से द


य बागते सॊववधान सॊयऺक, सेना के अचधऩनत भाननीम यारिऩनत भहोदम है जो सटहरण


ता व असटहरण


ता के नाभ

ऩय अवाडो को वाऩस रेकय देश की जनता एवॊ आजाद बायत के सॊववधान ऩय फोझ यखते िरे गमे व इसके ननिे आभ

नागरयक के घ


िते दभ को बी नजयअॊदाज कय डारा |
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