biranishri
(Biranishri)
#1
इस वैऻाननक-ववश्रेषण से सभझे की व्मवस्था को सदैव दो बागों भें फाॊिकय देखा जाता यहा हैं । मह अबी नहीॊ
आटदकार के प्रायम्ब से िरा आ यहा हैं । मटद सॊववधान के सॊयऺक सबी को एक साथ रेकय िरे तो उऩाम सम्बव हैं
। मह उऩाम ककस तयह के होते हैं, ष्ट्जसभे सबी की भॊज
ू
यी होती हैं वो आऩ इससे सभझ सकते हैं ।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
सटहष्ण
ु
ता औय असटहष्ण
ु
ता की रड़ाई का असरी ग
ु
नगाय!
खफय:- रेखको, साटहत्मकायों, इनतहासकायो, कराकायों, कपल्भ ननभातताओ, वैऻाननको आटद ने रोिामे अऩने अवाडत
इसे इॊसानी सभ्मता का वववेक कहे मा िात
ु
मत जो सबी जीव-जन्त
ु
ओ भें श्ेरठ होते ह
ु
ए बी नासभझी कय जाता है औय
दो बागो भें फि जाता है | महाॉ की ऩ
ू
यी सभ्मताएॉ, व्मवस्थामे लसपत दो ऩािो के भध्म फि जाने ऩय ही टिकी यहती है |
देवता-दानव, धभत-अधभत, ऩाऩ-ऩ
ु
ण्म, अच्छा-फ
ु
या, सभथतक-ववयोधी, ऩऺ-ववऩऺ औय अफ नमा याग सटहरण
ु
ता-असटहरण
ु
ता
का........
इस फाय भाभरा श
ु
रू ह
ु
आ शाकाहायी-भाॊसाहायी से जो आगे फड़ा प्रनतकक्रमा भें अऩने आऩ सजा देने से व उत्ऩन ह
ु
ई हय
सोि को अऩने-अऩने झ
ु
ण्ड/सभ
ू
हों के नायों औय शोयग
ु
र से दफाने से ...... आगे मह कायवा फढ़ा धभत को ढार फनाके
कट्टयता का िोरा ओढ़ ....... अऩने फाये भें अच्छा मा फ
ु
या न फोरने देने व स
ु
नने से ....... इतने भें याजनीती नासभझ
की भसार लरए क
ू
द ऩड़ ेस्वमॊब
ू
ठेकेदाय औय अऩने-अऩने धभत की ककताफो को खोरे व ऩढ़े बफना लसपत उप्ऩय का पोिो
टदखा अऩने कभ तव ननणतम को न्मामोचित ठहयाने से .......
इसके फाद फायी आ गई याजनेताओ की ष्ट्जन्होंने हय भ
ु
द्दे की तयह भ
ु
ॉह की अष्ट्नन से बीड़ के फीि यास्ता फना टदखावी
हवो के सहाये "अऩनी ऩािी की सयकाय " व "हभ तो ववऩऺ के है इसलरए उल्िा ही फोरेगे " के िाफ
ु
क से असरी
धभतग
ु
रुओ औय ऻाननमो को ऩीछे धकेर सफसे आगे आकय अऩना-अऩना झॊडा रगा रेने से........
रोकतॊि भें जनता के उप्ऩय याज कयने की नीनत से अऩने दाभन के कीिड़ को द
ू
सये के दाभन के कीिड़ से स्वच्छ
फताने व अऩनी ईज्जत फनाने के लरए द
ु
सयो की ईज्जत बफगाड़ने के आध
ु
ननकता वारे इरेक्िॉननक, सैिेराइि तयॊगो की
ववऻान वारी यफ़्ताय से अच्छे-अच्छे रेखक, साटहत्मकाय, इनतहासकाय, कपल्भ ननभातता, कपल्भ कराकाय, वैऻाननक िऩेि
भें आ गमे औय कई तो "सभम" के फाये भें लरखने के काभ से "सभम" को ननधातरयत का रेने के ग
ु
रुय भें स्वमॊ आगे
आकय बीड़ गमे व साथ भें अऩने अवाडो को अॊदय घ
ु
सने का भ
ु
फ्त भें हालसर कया ऩास फना लरमा | इतने भें इॊियनेि
के भहायथी व श
ू
यभा बड़क गमे जफ कटहमो ने द
ू
सये देश का वीजा व ऩासऩोित रेने का दभ बया |
मह सटहरण
ु
ता व असटहरण
ु
ता के फवॊडय से उठता त
ू
पान मटद आगे फढ़ता जामेगा तो अऩने अन्दय ककतनो को व सटदमों
से िरे आ यहे ऐनतहालसक तज
ु
फों को धवस्त कय देगा मे आऩसे फेहतय कौन जानता है | सोि के फढ़ते दामये, तकनीक
के णखरते प
ू
रो व ऻान के ख
ु
रते िक्स
ु
ओ के भध्म अऩने-अऩने धभो के सदभागो ऩय िरते यहने ऩय कहा ब
ू
र हो गई
मा कौन ऩियी से उतय गमा ष्ट्जससे "सॊववधान" के रूऩ भें दजत ऩ
ू
यी व्मवस्था बी अफ "असहाम" टदखने रगी है |
ववऻान के आधाय ऩय इसके दोषी कयीफन दो हजाय से ज्मादा सैननको के भेडर रौिा देने के फाद बी कभत एवॊ दानमत्व
से द
ू
य बागते सॊववधान सॊयऺक, सेना के अचधऩनत भाननीम यारिऩनत भहोदम है जो सटहरण
ु
ता व असटहरण
ु
ता के नाभ
ऩय अवाडो को वाऩस रेकय देश की जनता एवॊ आजाद बायत के सॊववधान ऩय फोझ यखते िरे गमे व इसके ननिे आभ
नागरयक के घ
ु
िते दभ को बी नजयअॊदाज कय डारा |