यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
हभेशा नमे स


धायों की फात नीिे से ऊऩय की तयप कही व कयी जाती हैं । इसका सफसे अच्छा उदाहयण दो फच्िों का

कान


न ऩॊिामत स्तय के ि


नावों भें ही राग


कयना हैं उसके ऊऩय नहीॊ..... हभने उम्र को रेकय बी सॊवैधाननक फड़े ऩदों व

शीषतस्थ ऩदों को ही दोषी ऩामा तो साप-साप लरखा बी हैं । इसलरए स


धाय ऊऩय से नीि ेकी तयप बी िरने िाटहए ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


सॊववधान की भमाषदा फनामे यखने के ब्द्जम्भेदायो ने ही सॊवैधाननक ऩदो का उड़ामा भाखौर


खफय:- यारिऩनत भहोदम ने प्रधानभॊिी व सयकाय की सराह ऩय कयी नमे याज्मऩारों की ननम


ष्ट्क्त



क के िाि जाना, ऩदो की फॊदयफाि कयना, िेहया देखकय कान


न तम कयना, अऩना उल्र


सीधा कयना, नाि ना जाने

आॉगन िेढ़ा, बाई-बनतजावाद कयना, नौसो ि


हे खाकय बफल्री िरी हज कयने, कारा अऺय बैस फयाफय, अऩने भ

ुॉ

ह लभमाॊ

लभट्ठ


फनना, क


ते की ऩ


छ को फायह भास बोगरी भें यखो तफ बी िेढ़ी की िेढ़ी, अॊधेयी नगयी िौऩि याजा, ठाक के तीन

ऩाथ, आॉखों भें लभिी डारना, व्मवस्था को ठेंगा टदखाना, फॊदय क्मा जाने अदयक का स्वाद , चगयचगि की तयह यॊग

फदरना, उल्र


का ऩट्डा , हवा भें फातें कयना, अक्र से ऩैदर, फातों-फातों भें हवाभहर फनाना , अऩनी-अऩनी ढऩरी

अऩना-अऩना याग न भार


भ ककतनी ही कहावते व भ


हावये बायतीम सॊववधान के तत्वाधन भें नई ऩीढ़ी को स्क


रों व

कॉरेजो भें ऩढाई जाती है |

इनका ही ऩयीऺाओॊ भें उदाहयण सटहत प्रमोग कयने को कहा जाता है व उनसे लभरे अॊको के भाध्मभ से भाकतशीि व

डडचग्रमाॊ लभरती है औय इन डडचग्रमों के दभ ऩय नौकरयमाॊ एवॊ सॊवैधाननक ऩद कपय ववचध द्वाया स्थावऩत , सॊववधान,

अऩने-अऩने धभो के सॊस्थाऩकों एवॊ देवी-देवताओॊ की शऩथ के टदमे तरे रोकतॊि की फहाय भें जनता के ऩेि के ननवारो

व जीने के प्रक


नत वारे ननमभ ऩय िैक्स वस


र ऩेि बयने के साथ -साथ सॊवैधाननक भमातदाओॊ को फनामे यखने की

ष्ट्जम्भेदारयमा ऩ


यी बौनतक स


ववधा के साथ.....

मह भहान औय जनता के प्रनतननचध कहराने वारे एवॊ उनके योर-भॉडर का जाऩ जऩने वारे व हय काभ भें ऩहरे झॊडा

पहयाने वारे, बाषण देने, गरे भें भारा डरवाने, पीता कािने, टदमा जराने इत्माटद - इत्माटद के वीआईऩी वारों ने तम

कय लरमा है कक अफ वो नई ऩीढ़ी के फच्िों का बववरम खयाफ नहीॊ होने देंगे व ऽ


द की गाथामे औय यिनाए फनामेगे

ताकक इन कहावतो व भ


हावयो का प्रमोग आसानी से ऩयीऺाओॊ भें कय सके वैसे ही आजकर ऩ


ये देश भें व्मष्ट्क्तवाद हावी

हो गमा है व उनके सॊवैधाननक ऩद औय क


सी कीॊ भमातदामे इनके ननिे दफकय घ


िन भहस


स कय यही है |

वऩछरे कयीफन छ: भास से 75 वषत से अचधक उम्र के रोगो को केंरीम व याजकीम भॊिी ऩदो ऩय आसीन न कयना, उन्हे

हिाना व अऩने आऩ से इस्तीपा टदरवाना इसका ज्वरॊत उदाहयण है | कई भाननीम ने तो अऩने त्मागऩि भें ऐसा

ष्ट्जक्र कयने का बी कहा , महाॉ तक कीॊ यारिऩनत भहोदम ने बी इसे सयकाय के तत्वाधान भें इस्तीपा रेते वक्त

प्रधानभॊिी ऩद का सहाया रेते ह


ए अऩने व्मक्तव्मो भें येखाॊककत बी ककमा |

अफ बी ककतने ही भहायथी नहीॊ रारफती धायी वारे जो 75 के ऩय ऩह


ॉि गमे ऩय भॊिी फने फैठे है कई सॊवैधाननक ऩदो

को शमन िायऩाई फनाए ह


ए है महाॉ तक कीॊ क


छ ने तो क


सी को भयने ऩय बी अतॊ ेष्ट्रि वाहन फनाकय स्वगत /नकत रोक

भें जाने कीॊ ईच्छा अऩने भन भें गाॉठ फाॉधकय यखी ह


ई है |

कान


न कीॊ आॉखों के आगे कारी ऩट्टी फाॉध उसे ऩहरे ही अॊधा फना यखा है ........ मटद 75 वषत कीॊ आम


सीभा

सॊवैधाननक/नैनतक/भमातटदत नहीॊ है तो ष्ट्जन भॊबिमों ने इसे आधाय फनाकय इस्तीपा टदमा उन्हें तो यारिऩनत क्मा कोई सी

बी फडी से फडी अदारत ऩद से नहीॊ हिा सकती ....... खेर लसफ़त इतना है जफान से फोरने वारों ने लरख के टदमा मा
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