यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1


18 38 - 39

ववशेष स


िना:- हभाया अगरा

साइॊटिकपक एनालरलसस बायत की

सॊसद ऩय होगा

सॊसद को रोकतन्ि का केन्र कहाॊ जाता हैं

इसलरए ऩहरे इसके होने वारे कामों को देखे की

सॊववधान के अन


साय ही सफक


छ होने ऩय बी

सफको क्मों रग यहा हैं कक रोकतन्ि को फिाना

जरूयी हैं ।


19 39 - 40

सॊववधान के तहत ऩहरे छािों को

भाकतशीि देनी िाटहए कपय ऩयीऺा होनी

िाटहए!


सॊववधान एक हैं ऩयन्त


उसके अथत अरग -अरग

फतामे जाते हैं व इससे फनने वारे कान


न सफके

लरए अरग-अरग होने का आबास देते हैं । इस

कायण मह सभझना जरूयी हैं कक कैंसे सबी के

लरए एक जैसा कान


न होने के साथ -साथ टदखने

बी िाटहए ।

20 41 - 42

कान


न की भाने तो सॊसद को तारा

रगा देना िाटहए.....


आज की सॊसद औय कान


न फनाने के तरयको से

इनकी प्रासॊचगकता व सॊववधान की व्माख्मा व

चििण कैसा हो गमा हैं उसे इस ववश्रेषण के

भाध्मभ से सभझ सकते हैं ।

21 42 - 43

यापेर डीर: स


प्रीभ कोित भें भोदी

सयकाय का म


- िनत, एकपडेववि सौंऩ कय

फोरी - िाइवऩगॊ भें गरती हो गई थी





य, पैसरे की राइनों भें स


धाय कय

दो


यापार ववभान सौदे भें रोकतन्ि के िायों स्तम्ब

ध्वस्त हो गमे | सॊववधान की हय फात को व्माख्मा

के नाभ ऩय उल्िा-सीधा कया जा यहा हैं ।

22 43 - 44

देल्ही भें ि


नाव का यास्ता साफ़

"अॊधेयी नगयी िोऩि याजा .........."


देश की सॊसद के साथ याज्मों की सबी

ववधानसबाओॊ को सभझा जा सकता हैं । मे

सयकायें ककस धयातर व डोय से फॊधकय अऩना

काभ कयती हैं ।


23 45 - 46

सॊसद भें यारिऩनत द्वाया बगवन के

नाभ ऩय शऩथ लरए भॊिी के " गारी

व कपय भाफ़ी" को रेकय फवार


इससे आऩ सभझ सकते हैं सॊसद भें फैठने वारे

रोगों की सोि व नजरयमा क्मा हैं? महाॊ अफ काभ

की फातों ऩय तकत कभ होते हैं औय पारत


फातों

ऩय फहस ज्मादा व सभम के साथ ऩैसा फफातद कया

जाता हैं ।


24 47 - 48

सटहरण


ता औय असटहरण


ता की रड़ाई

का असरी ग


नगाय!


व्मवस्था को सदैव दो बागो भें फाॊिकय देखा जाता

हैं | जफ इसे एक भानकय देखा जामे तो फड़े से

फड़े वववाद का हर सबी की सहभनत से सम्बव हैं

। इसका एक उदाहयण प्रस्त


त हैं ।

25 49 - 50

सॊववधान की भमातदा फनामे यखने के

ष्ट्जम्भेदायो ने ही सॊवैधाननक ऩदो का

उड़ामा भाखौर


व्मवस्था भें स


धाय हभेशा नीिे से ऊऩय की ओय

नहीॊ अवऩत


ऊऩय से नीिे की तयप होना िाटहए ।

आज की व्मवस्था भे ऐसा कोई प्रावधान नहीॊ हैं

क्मोंकक सवोच्म ऩद यारिऩनत लसपत सराह ऩय ही

काभ कय सकते हैं । भैं इस प्रकक्रमा को फनाने का

काभ करूॊगा |

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