यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


सॊवैधाननक "याष्रऩनत-ऩद" का हो गमा चीयहयण!


ऽफय:- 31 टदसम्फय, 2016 को कपय ह



आ यारिीम-सॊफोधन



ननमा के सफसे फड़े रोकतन्ि भें स वोच्म ऩद का चियहयण हो जामे औय सबीजनों को छोड़ दे तफ बी इस ऩद ऩय

ऩदालसन व्मष्ट्क्त को ऩता ही नहीॊ िरे मा सफक


छ अनस


ना व अनदेखा कय दे तो आऩ इस सॊवैधाननक रोकतन्ि की

ककतनी ष्ट्ज़न्दगी फिी है वो आऩ स्वमॊ तम कये ......... जो देश के सबी नागरयकों को सभान अचधकाय , न्माम व

भौलरक स


ववधामे दे सके |

बायतीम रोकतॊि के िाय स्तम्फ कहे जाते है | इसभें से एक स्तम्फ कामतऩालरका (तथाकचथत - सयकाय) है जो अन्म

तीन के सभान है फस जवाफदेही औय तयीका लबन्न -लबन्न है | जफ मे िायों स्तम्फ सभान ऊॉिाई के साथ एक

सभतलरम आधाय फनामे तबी जाकय ऊऩय रोकतन्ि यह सकता है | महा तो एक स्तम्फ सफसे फड़ा, द


सया उसके सहाये

िीका ह


आ, तीसया ऩहरे की ऩयछाईं को अऩनी सीभा येखा भानता ह


आ व िौथे का तो अता-ऩता ही नहीॊ है |

31 टदसम्फय, 2016 को प्रधानभॊिी द्वाया यारिीम -सॊफोधन ह


आ उसभें ऩहरे यारि -गान फजाके गरयभा वारी ऩयॊऩया

दोहयाई गई | इस यारिीम-सॊफोधन भें क्मा था लसफ़त नई ववतीम छ


ि की जानकायी | मह तो ववतभॊिी ऩद तक का

भाभरा था व उन्हे व्माऩक अचधकाय के साथ सॊसद का उचित प्रेिपॉभत सॊववधान ने दे यखा है औय उससे बी ववशेष

गौयव के साथ आभ-फजि का ऩ


या अचधकाय.....

मटद मह भ


द्दा देश के लरए अनतसॊवेदनशीर हो गमा था तो प्रेस -कोंफ्रेंस कयी जा सकती थी उसभें बी बायतीम नतयॊगा

यहता व भीडडमा के भाध्मभ से ऩ


या देश व द


ननमा देखती | यारि-गान फजाके उसे यारिीम-सॊफोधन फना देने का अथत मह

सवतसहभनत से लरमा ह


आ पैसरा है | मटद ववधामीका मानन सॊसद ने इसे ऩास नहीॊ ककमा तो यारि-गान की गरयभा का

क्मा होगा? इस भ


द्दे को कान


न मटद सवोच्म न्मामऩालरका ने असॊवैधाननक ऩामा मा इसभे कोई ि


टि ऩकड़ उसे फदराव

का आदेश टदमा तो "यारिीम-ध्वज" के सभान का क्मा होगा?

इस अप्रासॊचगक नई श


रुवात के साथ उच्ितभ न्मारम के भ


ख्मन्मामाधीश, सॊसद के सदनों के सबाऩनतमों को अफ ककस

सॊवैधाननक आधाय के तहत अऩनी प्रेस-कोंफ्रेंस के ऩहरे यारि-गान फजाने से योक सकते है |

मह लसफ़त अचधकाय यारिऩनत का होता है जो यारिीम-सॊफोधन कये क्मोँकक सॊवैधाननक तौय ऩय उनकी ननजी ष्ट्जॊदगी नही

होती व उनके णखराप कोई कान


न भाभरा नहीॊ िर सकता है अथातत यारिीम-सॊफोधन भें कहीॊ फातें अॊनतभ व सवतभान्म

होती है ष्ट्जस ऩय कबी बी "यारिीम-ध्वज" व "यारि-गान" को ठेस नहीॊ रग सकती | इसके साथ सोलशमार भीडडमा के



ग भें ननजी तौय ऩय अनैनतक टिऩणणमों ऩय कान


न योक का प्रासॊचगक अचधकाय बी फना यहता है |

ऩहरे बी 25 नवॊफय, 2016 को सवतप्रथभ वैऻाननक-ववश्रेषण "अरोकताॊबिक तरयके से 500 व 1000 के फड़े नोिों को फॊद

कयने व नमे 500 व 2000 के नोिों का ऐरान ह


आ! के भाध्मभ से प्रश्न खड़े कये थे | इसकी सच्िाई तफ साबफत हो

गई जफ बायतीम रयजवत फकैं ऩय द


रऩरयणाभों की कालरख ऩ


तने रगी | मह कालरख हभने 22 टदसम्फय, 2016 के

वैऻाननक-ववश्रेषण "आऩके वैऻाननक-ववश्रेषण द्वाया सवतप्रथभ फतामे भ


द्दे ऩय कान


न ि


ऩ यहना ........ देश भें अरग-

अरग तरयके से फ


या असय पैरने रगा" भें दजत ककमा था |
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