यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
59 138 - 139

"आतॊकवाद से रड़ाई" के नाभ ऩय



सये देशों के िॊग


र भें पॉसता "बायत"

हभने ऩहरे ही भहॊगाई, फैयोजगायी, आचथतक सॊकि

आन ेकी बववरमवाणी कय दी थी ।

60 139 - 142

बायत फॊद कयके नहीॊ सैननकों को इस

तयह से दी जानी िाटहए यारि-

बष्ट्क्तभम श्द्ाॊजलर


शहीदों को श्


द्ाॊजलर देन ेका सही तयीका


61 142 - 144

"शहीद सैननकों को यारि-सराभी का

वैऻाननक- प्रफॊधन का तयीका"


याजनीनत व व्मष्ट्क्तवाद की सोि औय अऩने आऩ

को फड़ा फताने की सत्ता रौर


ऩता ककस तयह यारि

के प्रनत शहादत को बी अऩभाननत कय देती हैं ।


62 144 - 146

फीप..... गौ भाॊस..... Go भाॊस.......

Go Mars


गौ भाॊस के नाभ ऩय झगडे

े़

ककस तयह ईंसान व

ऩश


ओॊ के सभन्वम को बफगाड यहे हैं वो सभझे


63 146 - 148

गौ-भाॊस गौ-भाॊस क्मा कयते हो? एक अरग बाषाशैरी जो तकों से ववयोध को


कािती हैं ।


64 148 - 151

स्िेि


ऑप म


ननिी व यन पॉय म


ननिी फड़ी से फड़ी औय ववशारकाम भ


नततमों का यहस्म व

हभ ककस टदशा भें जामेंगे उसका चििण

65 151 - 153

इस तयह आधाय काड तफन जामेगा

आभ आदभी के गरे का पॊदा!


आधाय काड त के उद्भव से जाने व इसके साथ ककस

सॊत


रन के उऩाम को छोड टदमा, जो इसे आभ

आदभी के लरए गरे का पॊदा फनामेगा |

66 153 - 155

भोदी सयकाय की एक वष तभें

ऐनतहालसक उऩरष्ट्धध, बायत भें गयीफी

खत्भ ह


ई व भध्मभ वगत धनन हो

गमा!


सयकाय की ऩाॉरीसी को ववऻान के लसद्ाॊतो से

सभझे |

67 155 - 159

सॊत याभऩार की चगयफ़्तायी ऩय फवार आज के म


ग के सॊत भहात्भाओॊ को देखे जो

सत्ता, ऩैसे व व्मष्ट्क्तगत स्वाथत एवॊ रारि से ऩैदा



मे |

68 159 - 162

"नई श


रुआत भीडडमा के द्वाय से" धालभतक आधाय भें आस्था यखते है तो सभस्माओॊ

को धालभकत आधाय से बी स


रझाना आना िाटहए ।

69 162 - 165

"नमा वषत..........नई श


रुआत"

जैन धभत का नमा कदभ राएगा



ननमा भें क्राॊनत!

धभत के भाध्मभ से साभाष्ट्जक जीवन व व्मवस्था

भें कैसे ववकास ककमा जाता हैं उसे सभझे |

70 166 - 167

सभम के बॉवय भें पस गमा जैन-धभत

का "सॊथाया"


धभत कोई बी हो उसे सभम की िार के साथ

िरना ही होगा अन्मथा एक के फाद एक वववाद

आते यहेंगे |

71 167 - 169



कक्रमा, श


कक्रमा इन रोगो ने हभे

आतॊकवादी नही ॊसभझा श


कक्रमा!


भीडडमा का ककसी भाभरे को रेकय आकरन व उसे ऺेि

ववशेष भें फाॊि देने ऩय बी ववकास का ववघिन हो जाता हैं


72 169 - 170

"टहॊदी टदवस" टहन्दी टदवस तो फना लरमा जाता हैं ऩय

सभस्माओॊ को जैसा का तैसा छोड टदमा जाता हैं ।

73 170 - 173

देल्ही भें याजनैनतक यैरी के अॊदय एक

ककसान ने सये आभ पाॊसी रगाकय

कयी आत्भहत्मा |

इॊसानी जीवन का भ


ल्म अफ ककतना यह गमा हैं

उसे सभझे....
Free download pdf