biranishri
(Biranishri)
#1
तकनीकें औय आववरकाय यारि को दे यहे है ऩयन्त
ु
मे सबी ननजी सॊस्था व सयकाय के दामये भें आते है जो ऩहरे ऩैसा
रेकय औय देकय कामत कयते है | महा ऩेिेंि के प्रनतपर का भालरक व्मष्ट्क्त नहीॊ कहराता है |
मह ऩैसे के आधाय का काम तकयवाने का तयीका व आववरकाय के ऩहरे सीभाएॉ वैऻाननकों को ववदेश की ओय रे जाती है
मा कम्ऩननमों व सॊस्थानों के लरए काभ कयने का भागत प्रशस्त कयती है | इस कदभ से कपय क
ु
छ नमा कयने की भ
ू
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सोि आदेश के तहत कामत कयने की श्
ृ
खॊ रा भें ऩीस जाती है | जहाॊ सोिने व कयने की आजादी ओय वैऻाननकों की
सोि भें ववश्वास होता है वहा सॊस्थामे अवश्म नमा कयके टदखाती है |
अफ अॊनतभ यास्ता साभाष्ट्जक सॊस्थाओॊ का व दरयमाटदर वारे धनी रोगो का फिता है | इसभें ऩैसा दान भें टदमा जाता
है जो आववरकायक की आत्भा को ही भाय डारता है तो कपय आत्भववश्वाश को फिी याख भें ढ
ू
ढना फेईभानी रगता है |
मह दान उसके आववरकाय कयने के कामत को गारी देता है ओय चिढ़ाता है की त
ु
भ कभाने रामक नहीॊ हो मा शायीरयक
ओय भानलसक तौय ऩय ववकराॊग हो |
दान की व्मवस्था व तन्ि वैऻाननक को भानवता व इॊसानीमत की द
ु
आई देकय उसके आववरकाय को दान भें देने की
फात कयता है | महा ऩय बी दोनो भागत आगे जाकय वैऻाननक के जीवन को अवरुद् कय देते है | ऩहरा वैऻाननक ने दान
दे टदमा तो वह् आगे अन
ु
सॊधान के कामतऺेि भें नहीॊ यह सकता क्म
ू
ॉकक इसके लरए धन िाटहए ओय ऩहरे भें रगामा धन
ही नहीॊ लभरा तो ऩरयवाय के सदस्मों के साथ कोई बी ईंसान भदद नहीॊ कयता | द
ू
सया भागत वैऻाननक ष्ट्जॊदगी बय
भेहनत कये ओय कबी सपर हो जामे तो उस े दान कय दे ऐसी व्मवस्था फनाकय वो अऩने ही अन
ु
सॊधान ऺेि के साथ
गद्दायी कयता है मा ष्ट्जस थारी भें खाता है उसी भें छेद कयता है जो नई ऩीढ़ी को इसभे आने से योकता है व उसके
भानवीम सभाज भें ष्ट्जने के अचधकाय को |
भ
ु
झे ऩता है इतनी सायी सच्िाई ओय ब
ू
तकार का ववश्रेषण जानकय अचधकाॊश रोग भ
ु
झे ही नकायात्भकता से ग्रलसत
फताकय कपय अऩनी ऩ
ु
यानी सोि के दामये भें िरे जामेगे | आववरकाय ओय नवीन कयने की ऩहरी सीढ़ी को ऩाय कयके
रौि जाना आऩके स्वालबभान से भेर नही ॊ कयेगा व उज्जवर बववरम ननभातण के प्रायम्ब के ऩगडण्डी तक आकय रौि
जाना ककसी बी ररिीकोण से उचित नहीॊ होता |
इसके लरए क
ु
छ नमा कयना ऩड़ेगा जो इन सबी प्रश्नो का उऩाम हो | िाय वषत से अचधक सभम से कन
ु
नन एव ॊ
सवेधननक तौय ऩय अचधक
ृ
त यारिऩनत भहोदम के ऩास हभाये आववरकाय असरी स्वत् ि
ू
िने वारी लसरयजॊ की पाइर ऩय
अष्ट्न्तभ ननणमत होने दो साये उऩाम आऩके साभने आ जामेगे |
इस उऩाम के भाध्मभ से रक्ष्म तक ऩह
ु
ॉिने का यस्ता व प्रकक्रमा फनेगी ष्ट्जसके रगाताय ककमातन्मवन के लरए कई कान
ू
न
फनेगे वो वास्तववकता भें व्मवस्था ऩरयवततन कहरामेगा ओय प्रत्मेक आववरकाय मा एकस्व कभ सभम एवॊ न्म
ू
नतभ भ
ू
ल्म
भें प्रत्मेक ईंसान तक ऩह
ु
ॉि ऩामेगा |
सत्माऩन ...... ... - - वामयर भेसेज
मे कैसे टदन..? भहात्भा गाॊधी के ऩोते जो नासा भें वैऻाननक थे, आजकर टदल्री के व
ृ
द्-आश्रभ भें क्मों हैं?
टदल्री के भोहन स्िेि भेिो स्िेशन के ठीक साभने वारी सड़क ऩय भ
ु
ड़ते ही ऩहरे एम्स की नई फन यही िभिभाती
इभायत टदखी। आगे फढ़ने ऩय सड़क सॊकयी औय आफादी घनी होने रगी। ओल्ड एज हभ के तीय रगे फोडत देखकय हभ
आगे फढ़ते यहे। घनी फस्ती के फीि अिानक हभायी गाड़ी रुकी। गाड़ी से उतयते ह
ु
ए ही फीड़ी ऩीते एक शख्स ने कहा कक
व
ृ
द् आश्भ उधय है। हभ एक तॊग सॊकयी गरी भें घ
ु
स गए।