biranishri
(Biranishri)
#1
राना सॊक
ु
चित भानलसकता का उदहायण है जो कट्टयता, द्वेष, रड़ाई-झगड़, े भायकाि, हत्माए, दॊगो की तयप धकेरता है
|
गौ-हत्मा, शाकाहाय-भाॊसाहाय, भॊटदय-भष्ट्ज्जद वववाद, जानवयो की ़
ु
यफानी, िीऩ
ू
स
ु
ल्तान वववाद, धभत-ग
ु
रुओ, देवताओ की
नई-नई जीवनी लरखने, धालभतक ऩ
ु
स्तको के आधाय ऩय आदेश इत्माटद इसी धभत आधारयत व्मवस्था से आगे न सोिन े
का भ
ू
र कायण है | अच्छे बववरम के लरए सफसे ऩहरे सभम की ़र कयनी ऩड़ेगी औय साये ऩहर
ु
ओ के आधाय ऩय
रोकतॊि वारी व्मवस्था को प्रबावी रूऩ से भानना ऩड़ेगा |
आज का वतभत ान सवार ऩ
ु
छाने के दौय व प्रश्न के जवाफ भें प्रश्न ऩ
ू
छ रेने औय ब
ू
तकार के उदाहयणों से अऩने दाभन
को फिने से आगे ननकर यारिीम सॊगठनों के ननभातण वारे दौय भें आ गमा है | इसलरए ककसी लब भ
ु
द्दे ऩय रोगो का
सॊगटठत होना ववकास कक तयप आगे फढ़ने का प्रतीक है | बायत भें भ
ु
ष्ट्श्कर से ऎसे 200 से 300 ही सॊगठन फन ऩामेगे
| जफ मे सॊगठन ककसी यारिीम भ
ु
द्दे ऩय एक हो गमे तफ "यारि" जीववत हो जामेगा | रोगो को लसफ़त इस सॊगठन ननभातण
के दौय भें बावनाओ भें न फहकय आऩसी हाथ-ऩैय तोड़ने वारी िक्कय से फिना होगा |
वततभान की रोकताॊबिक व्मवस्था बी सभम के ग्राप भें वषों ऩ
ु
यानी हो गइ है व इसभें कई फ
ु
याईमाॉ घय फना ि
ु
की है |
इसलरए आदशत ववकास हेत
ु
इसे बी 50 से 100 वषत आगे का सोिकय ववकलसत कयना ऩड़ेगा व धभत आधारयत व्मवस्था
के कई जरूयी लसद्ाॊतों को एक कान
ू
नी, वैिारयक, सवेधननक अचधकाय देकय इसके साथ कड़ी रूऩ भें जोड़ना ऩड़ेगा |
आज सफको ऩहरे मे सभझना होगा की कान
ू
न फना देना व्मवस्था नहीॊ होता है जफकक कान
ू
न फनाना स्वमभ ्व्मवस्था
का एक टहस्सा है ....... तफ जाकय बायत भें आदश तसभाज व व्मवस्था के ननभातण कक ओय कदभ फढा ऩामेगे अन्मथा
ववऻान तो कहता है हभ व्मवस्था से अव्मवस्था की ओय फढ़ यहे है |
सत्माऩन - देश भें कही ऩय बी ऩ
ु
यानी घिनाओॊ का ष्ट्जक्र कय टहन्द
ू
- भ
ु
ष्ट्स्रभ, धालभतक आधायों ऩय वववाद, झगडे
े़
,
साम्प्रदानमक टहॊसा, दॊगे, र
ू
िऩाि, बीड़ द्वाया भायऩीि, हत्मा व तोडपोड होती हैं तो हभ इस वैऻाननक-ववश्रेषण को उस खफय के
साथ द
ु
फाया ऩोस्ि कय देते हैं । मह कई आनराईन ऩोितर, ऩि-ऩबिकाओॊ एवॊ अखफायों भें प्रकालशत हो ि
ु
का हैं व आने वारे सभम भें
प्रकालशत होता यहेगा क्मोंकक घिनाएॊ, ऩरयष्ट्स्थनतमा, भाभरे, ककयदाय फदरत ेयहते हैं ऩयन्त
ु
सैद्ाॊनतक आधाय नहीॊ फदरता |
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
मे आयऺण की आग याष्रीमता के टहत भें है.....
खफय: - ग
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जयात भें ह
ु
आ आयऺण के लरए ऩटिदायो का जफयदस्त आॊदोरन
ग
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जयात मानन वह प्रदेश ष्ट्जसका ववकास भॉडर देश भें राग
ु
ककमा जा यहा है वह साभाष्ट्जक ववकास के झण्डे तरे
ऩटिदायो / ऩिेरों के आयऺण आन्दोरन से प्रत्मऺ रूऩ से 3500 कयोड़ रुऩमे का न
ु
कसान ह
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आ व अप्रत्मऺ रूऩ स े
15000 कयोड़ के कयीफ है | 150 से ज्मादा फसे जरा दी गई, कई शहयों भें कफ्म
ू
त रगा, हजायो गाडड़मों भें तोड़-पोड़ ह
ु
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गोलरमा िरी राटठमा बाॊजी गई, सेना को सड़क ऩय उतयना ऩड़ा, कई ऩ
ु
लरस की गाडड़मा व थाने आयऺण की आह
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फन गए, ऩ
ु
लरलसमा लसऩाई व जनता अस्ऩतारों भें ऩह
ु
ॊि गमे औय कई रोगो को भौत के भ
ु
ॉह भें जफयन धकेरा टदमा |