biranishri
(Biranishri)
#1
पीता काि व अऩनी पोिो अऩने ही थ
ू
क से चिऩका के साये क्रेडडि को उड़ा डारती है व असरी हकदाय की आवाज को
अऩनी व्मष्ट्क्तवादी अॊधबक्तो की आवाजों/नायो व रगाताय द
ु
सयो को अनस
ु
ना कय चिल्रा-चिल्रा के अऩनी फात फोरकय
सभ्म फहस के बी चिथड़े-चिथड़े कयके भटिमाभेि कय डारती है |
एकीक
ृ
त लशकामत प्रकक्रमा क्मा है व एक यारिीमक
ृ
त ऩहिान ऩि का आऩस भें क्मा सम्फद् है मह कौनसी प्रकक्रमा के
राग
ू
होते है व व्मवस्था से कैसे ज
ु
ड़ते है | इससे ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था ननभातण के साथ ऩायदलशतता कैसे यहती
है व इस ऩ
ू
यी प्रकक्रमा के दौयान सयकायी ऩैसा खि त न होकय उसकी आम कैसे फढ़ती है व आभ रोगो के लरए राखो
नौकरयमों व कही साये योजगाय कैसे लभरते है मह सबी फाते तो हभने फताई ही नहीॊ जो कक्रमान्मवन के साथ ज
ु
ड़ी है
ताकक बववरम भें बी हभायी सच्िाई फनी यह सके |
वततभान की प्रकक्रमा भें कयोडो रुऩमे सयकाय के खित हो यहे है व असरी सोि के ववरुद् होने के कायण नोकरयमो भें कभी
हो यही है | आधाय की एकीक
ृ
त प्रकक्रमा लसपत िैक्स व ऩेनल्िी के भाध्मभ से भ
ू
र रूऩ से सयकायी आम फढ़ाने ऩय केंटरत
हैं इससे रोगो को लभरने वारे पामदे गौण हो यहे है |
हभ भानते है बववरम भें अऩयाध कभ कयने व कय िोयी के भाभरे रुकेंगे ऩयन्त
ु
ष्ट्जस तयीके से हो यहा है उसस े
फेईभानो को ऩकड़ने भें ष्ट्जॊतना सभम रगेगा व आचथतक एवॊ साभष्ट्जक रूऩ से ष्ट्जतना ब
ु
गतान कयेगा उसभे तो वततभान
ईभानदाय आदभी ि
ु
ि जामेगा व ननयाशा के अन्धकाय भें िरा जामेगा |
आज रोकतॊि ष्ट्जतना ऩ
ु
याना व ववक
ृ
त हो ि
ु
का है व ष्ट्जस तयह "भजफ
ू
य-तॊि" फन ि
ु
का है उससे रोगो की जानकारयमों
का सॊकलरत डािा ननकारकय बी भ्रलभत ककमा जा सकेगा | तकननकी एयय के भाध्मभ से व्मष्ट्क्त ववशेष को भजफ
ू
य व
उसे अवसाद भें रे जाकय "आत्भहत्मा" की ओय धकेरा जा सकता है | मह कैसे सॊबव है? .................. हभ आभ रोगो
के टहत भें इसका तरयका नहीॊ फता यहे है |
आजकर ष्ट्जस तयह भोफाइर कम्ऩननमा अरग-अरग नम्फय ऩय अरग-अरग स्कीभ लसपत आऩके लरए के िैग के साथ
देती है वो भागत बी "आधाय काड" त को आभ रोगो के लरए गर े का पॊदा फनत ेदये नहीॊ रगामेगा |
स्क
ू
रो भें लभडडे का ऩैसा, सयकायी फसों के ऩास से काभ ह
ु
आ ऩैसा, सष्ट्धसडी का ऩैसा इत्माटद-इत्माटद आधाय काडत के
भाध्मभ से आऩके फैंक खाते भें बेजने की प्रकक्रमा को हभ ऩहरे ही फता ि
ु
के है व आकड़ो के खेर भें ईन्सान कैस े
कोटिमाॉ फनके व्मष्ट्क्तवादी रोगो की सयकाय, भेयी ऩािी की सयकाय व हभायी जानत ववशषे की सयकाय के पास ेके नॊफयों
ऩय कफ र
ु
त-क्रीड़ा फन जाती है इससे बी हभने इॊचगत कय टदमा था |
इसके लरए 24 - 05 - 2015 के वैऻाननक-ववश्रेषण "भोदी सयकाय की एक वष त भें ऐनतहालसक उऩरष्ट्धध, बायत भें गयीफी
खत्भ ह
ु
ई व भध्मभ वगत धनन हो गमा!" को द
ु
फाया ऩढ़े व सभझे रक्ष्म ननधातरयत कयना आसान है ऩयन्त
ु
उसका हकीकत
भें फदरना उसके ऩह
ु
ॊिने के भागत ऩय ननबतय कयता है |
सत्माऩन ..... ...... ...
19 - 01 - 2018 - आधाय काड तऩय उच्ितभ न्मामरम की सॊववधान ऩीठ की स
ु
नवाई श
ु
रू..... श
ु
रुवाती फहस भें वकीरों
की दरीरे स
ु
न आऩ बी कहेगे कक ननणतम क्मा होगा वह तो वैऻाननक-ववश्रेषण ऩढ़ने के फाद हभें बी ऩता है |
वकीरों कक दरीरे जो हभ 09 अप्रैर, 2017 के वैऻाननक-ववश्रेषण भें फता ि
ु
के है | वो दरीरे जो सबी के लरए
आश्िमत फनी ह
ु
ई है....
आधाय ऐसी ष्ट्स्वि है जो ककसी बी व्मष्ट्क्त के भौत का कायण फन सकती है |