यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
पीता काि व अऩनी पोिो अऩने ही थ


क से चिऩका के साये क्रेडडि को उड़ा डारती है व असरी हकदाय की आवाज को

अऩनी व्मष्ट्क्तवादी अॊधबक्तो की आवाजों/नायो व रगाताय द


सयो को अनस


ना कय चिल्रा-चिल्रा के अऩनी फात फोरकय

सभ्म फहस के बी चिथड़े-चिथड़े कयके भटिमाभेि कय डारती है |

एकीक


त लशकामत प्रकक्रमा क्मा है व एक यारिीमक


त ऩहिान ऩि का आऩस भें क्मा सम्फद् है मह कौनसी प्रकक्रमा के

राग


होते है व व्मवस्था से कैसे ज


ड़ते है | इससे ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था ननभातण के साथ ऩायदलशतता कैसे यहती

है व इस ऩ


यी प्रकक्रमा के दौयान सयकायी ऩैसा खि त न होकय उसकी आम कैसे फढ़ती है व आभ रोगो के लरए राखो

नौकरयमों व कही साये योजगाय कैसे लभरते है मह सबी फाते तो हभने फताई ही नहीॊ जो कक्रमान्मवन के साथ ज


ड़ी है

ताकक बववरम भें बी हभायी सच्िाई फनी यह सके |

वततभान की प्रकक्रमा भें कयोडो रुऩमे सयकाय के खित हो यहे है व असरी सोि के ववरुद् होने के कायण नोकरयमो भें कभी

हो यही है | आधाय की एकीक


त प्रकक्रमा लसपत िैक्स व ऩेनल्िी के भाध्मभ से भ


र रूऩ से सयकायी आम फढ़ाने ऩय केंटरत

हैं इससे रोगो को लभरने वारे पामदे गौण हो यहे है |

हभ भानते है बववरम भें अऩयाध कभ कयने व कय िोयी के भाभरे रुकेंगे ऩयन्त


ष्ट्जस तयीके से हो यहा है उसस े

फेईभानो को ऩकड़ने भें ष्ट्जॊतना सभम रगेगा व आचथतक एवॊ साभष्ट्जक रूऩ से ष्ट्जतना ब


गतान कयेगा उसभे तो वततभान

ईभानदाय आदभी ि


ि जामेगा व ननयाशा के अन्धकाय भें िरा जामेगा |

आज रोकतॊि ष्ट्जतना ऩ


याना व ववक


त हो ि


का है व ष्ट्जस तयह "भजफ


य-तॊि" फन ि


का है उससे रोगो की जानकारयमों

का सॊकलरत डािा ननकारकय बी भ्रलभत ककमा जा सकेगा | तकननकी एयय के भाध्मभ से व्मष्ट्क्त ववशेष को भजफ


य व

उसे अवसाद भें रे जाकय "आत्भहत्मा" की ओय धकेरा जा सकता है | मह कैसे सॊबव है? .................. हभ आभ रोगो

के टहत भें इसका तरयका नहीॊ फता यहे है |

आजकर ष्ट्जस तयह भोफाइर कम्ऩननमा अरग-अरग नम्फय ऩय अरग-अरग स्कीभ लसपत आऩके लरए के िैग के साथ

देती है वो भागत बी "आधाय काड" त को आभ रोगो के लरए गर े का पॊदा फनत ेदये नहीॊ रगामेगा |

स्क


रो भें लभडडे का ऩैसा, सयकायी फसों के ऩास से काभ ह


आ ऩैसा, सष्ट्धसडी का ऩैसा इत्माटद-इत्माटद आधाय काडत के

भाध्मभ से आऩके फैंक खाते भें बेजने की प्रकक्रमा को हभ ऩहरे ही फता ि


के है व आकड़ो के खेर भें ईन्सान कैस े

कोटिमाॉ फनके व्मष्ट्क्तवादी रोगो की सयकाय, भेयी ऩािी की सयकाय व हभायी जानत ववशषे की सयकाय के पास ेके नॊफयों

ऩय कफ र


त-क्रीड़ा फन जाती है इससे बी हभने इॊचगत कय टदमा था |

इसके लरए 24 - 05 - 2015 के वैऻाननक-ववश्रेषण "भोदी सयकाय की एक वष त भें ऐनतहालसक उऩरष्ट्धध, बायत भें गयीफी

खत्भ ह


ई व भध्मभ वगत धनन हो गमा!" को द


फाया ऩढ़े व सभझे रक्ष्म ननधातरयत कयना आसान है ऩयन्त


उसका हकीकत

भें फदरना उसके ऩह


ॊिने के भागत ऩय ननबतय कयता है |

सत्माऩन ..... ...... ...


19 - 01 - 2018 - आधाय काड तऩय उच्ितभ न्मामरम की सॊववधान ऩीठ की स



नवाई श


रू..... श


रुवाती फहस भें वकीरों

की दरीरे स


न आऩ बी कहेगे कक ननणतम क्मा होगा वह तो वैऻाननक-ववश्रेषण ऩढ़ने के फाद हभें बी ऩता है |

वकीरों कक दरीरे जो हभ 09 अप्रैर, 2017 के वैऻाननक-ववश्रेषण भें फता ि


के है | वो दरीरे जो सबी के लरए

आश्िमत फनी ह


ई है....

आधाय ऐसी ष्ट्स्वि है जो ककसी बी व्मष्ट्क्त के भौत का कायण फन सकती है |
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