यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
औय सफक


छ ऩैंसो के आधाय ऩय तौरा जा यहा हैं । इसलरए टदन - प्रनतटदन ईंसान की घिती औसत आम


ऩय ककसी को

कोई पकत नहीॊ ऩड यहा हैं । एक यारिऩनत होने के नाते भ


झे ष्ट्जॊदा ईंसान की वैल्म


को ऩहरे फढाना ऩडेंगा |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


देल्ही भें याजनैनतक यैरी के अॊदय एक फकसान ने सये आभ पाॊसी रगाकय कयी आत्भहत्मा |




खा, णखन्न, द


खी भन से बफना सभम गमा कोए फात नहीॊ ............. ऩय हभाये ऩैि बय गमा, भन भें रढ


पोड़ गमा व

अच्छे टदन आने का ग


डकपल्र कया गमा | बगवान उसकी आत्भा को भोऺ देकय शाॊनत नहीॊ दे औय उसे व उसके जैस े

5 - 10 योज हभाये लरए इस इॊडष्ट्स्िमर एक्वामडत एग्रीकल्िय रैंड के जॊतय औय भॊतय वारी ब


लभ ऩय बेजते यहे | हभ

आऩकी सौगॊध खाकय कहते है आऩकी नई भ


नत तफनामेगे व उस े सोने िाॊदी, हीये, भोती से स


सष्ट्ज्जत कय ककसानो का

बी ख


फ ऩैसा फिोयेंगे | ऐसा हभ नहीॊ कह यहे अवऩत


इस घिना के फाद का उहाऩोह, उठा - ऩिक, media प्रसायण,

प्रकाशन, ष्ट्जम्भेदाय रोगो की याग रऩेि को देखकय प्रतीत हो यहा है |

याजस्थान के दौसा ष्ट्जरे के फाॊदीक


ई ववधानसबा ऺेि के नागर झाभयवाड़ा का गजेन्र लसहॊ कल्माणवत ख


द ऩगड़ी

फाॊदता था व बी ननऩ


णता से 33 स्िाइर की औय यफ़्ताय बी ववदेश भें 21 वी सदी के ववऻानॊ जैसी 1 घॊिे भें 60 फाय

ऩगड़ी | अऩने जीवन भें 10 वी तक ऩढ़कय कई अवाड त प्राप्त कयके बी सभम के पेय भें गच्िा खा गमा औय दो

रड़ककमों व एक फेिे को सभम के बवय भें छोड़ लसपत 40 वसॊत देखकय िाय ऩटहमे की गाड़ी छोड़ 11 फीगा जभीन ऩय

पसर फफातदी का सयकायी भ


आवजा लरए बफना ही ब


खा िरा गमा कभ से कभ भ


आवजे का िेक तो केश कयवा रेता

आजकर बायत भें नई सयकाय आ गई है जो फ्री भें खाता ख


रा यही है इसलरए अन


दान के 20, 40, आटद रूऩमे के

िेक हेत


ऩहरे हज़ाय रुऩमे खित नहीॊ कयने ऩड़ते |

गजेन्र लसहॊ जाते जाते बी ऩ


लरस के लरए भाथा ऩच्िी वारा काभ छोड़ गए व उसकी पाइर को ़ान


नी झभेरे भें

पसा गए अफ भ


आवजा, फीभा का ऩैसा ख


द अिका के भाननीम भॊिी भहोदमो, साॊसदों, ववधामको व सयकायों को वववादों

भें पसा गए | अफ तो फड़ी कभेिी बफठानी ऩड़ेगी जो तम कयेगी की उसकी राश की चगनती याजस्थान के ककसान भें

कये मा देल्ही भें आत्भहत्मा कयने वारे ककसानो भें, भोत का स्थर सयकायी प्रोग्राभ था मा ककसी ननजी सॊगठन का,

आत्भहत्मा कयी इसलरए फीभे के ऩैसे तो नहीॊ दे सकते ऩय सान्तवना ऩैसा दे मा नहीॊ कही जाग्रत होकय ऐसे औय आ

गए औय अऩने साथ गाड़ी भें 20 - 30 बयकय रे गए तो क्मा कयेंगे |

एक लभनि / ऩेज के ववऻाऩन के राखो रगते है वो बी एक िैनर / अऽफाय भें अफ आऩ ही जोड़ो की ष्ट्जन्दा था तो

ज्मादा उऩमोगी था मा भयकय ज्मादा उऩमोगी हो गमा | आज के इस म


ग भें जहा कयीफन सफक


छ ऩैसे के आधाय ऩय

तम होने रगा है | हभ ऩॊिाभ


त से ध


री भीडडमा के फाये भें क


छ नहीॊ कहेंगे क्म


की अचधकाॊश रोगो ने फतामा की

रयऩोिय कभये के रयकॉडत का काभ छोड़ फित तो लसपत "थैंक्म


" लभरता कपय "काभ िोय" के आयोऩ भें नौकयी से ननकरा

जाता व बी ऩ


यानी तनखा के बफना ............अये! मह हभाये रोकतॊि की हकीकत फन गई.............. रोगो की आत्भीम

याम ऩय िरता तो ऩैसे व ब


ख के आबाव भें उसे बी आगे आत्भहत्मा कयनी ऩड़ती |

रोकतॊि के म


ग भें गजेन्र लसहॊ वषो ऩ


यानी याजाओ वारी सॊस्क


नत व ईभान, इज्जत, सम्ऩनता की प्रनतक ऩगड़ी

ऩहनकय घ


भता था औय तो औय बफर ष्ट्क्रॊिन, नेऩार के यारिऩनत ऩयभानन्द, भ


यरी भनोहय जोशी, अिर बफहायी

वाजऩेई, अलबताब फच्िन को ऩहना ि


का था | अये! इतनी ऩाटितमो भें गमा ऩय ककसी ने बी नहीॊ सभजामा मा क्रास स े

गामफ यहता था नही ॊतो मह ऩता होता की अबी लसपत िोऩी ऩहने औय िोवऩमा ऩहनने का जभाना है |
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