की जभात खड़ी कय सके |
मटद आऩ बी वैऻाननको को फधाई देना ब
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र गए है तो कोई फात नहीॊ हभ आऩकी तयप से फधाई दे देंगे आणऽयकाय 21
वी सदी (ववऻान की ) भें जनता के प्रनतननचध फनने भें ष्ट्जतना स
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ख हा उतना ककसी औय भें है क्मा? मटद आऩ टदर
से फधाई दे यहे है तो थोड़ा फह
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त धन बी दे ताकक फह
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त फड़ा आमोजन कयके उनको अच्छे ख
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शफ
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वारे 10 नहीॊ 1000
रुऩमे वारे प
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रो की भारा फनाकय ऩनामेगे | आऩ तो आभॊबित है ही आणऽयकाय तालरमों की ग
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ॊज कहा से आएगी ष्ट्जसे
कैभया औय भाइक रयकॉडत कय सके | मटद कभतिायी है तो बफना फ
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रामे आना है आणखयकाय सैरयी रेनी है मा नहीॊ |
आऩके लसयो की चगनती के आधाय ऩय ही नमा वावषतक टदवस मा नई सयकायी छ
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िी की घोषणा होगी |
ऩािष - II
आऩको मह रगता है की मह आभ नागरयक औय नौकयी ऩेशा रोगो को छोड़कय मह ऽ
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शी का फह
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त फड़ा भौका है जफकक
सच्िाई मह है की मह बायत के याजनेताओ, उच्ि सवेधाननक ऩदो ऩय आसीन रोगो, भॊबिमो, साॊसदों, ववधामको व
सयकायी कागजो भें कहे जाने वारे इनके सराहकायों के गार ऩय जफयदस्त तभािा है | ष्ट्जसे मह ननरतज्जता के साथ
बफना ठकाय लरए हजभ कयने का प्रमास कयके अऩने अऩने दरो की दहरी से फाहय ननकर कय वैऻाननको को भ
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फ्त
वारी फधाई दे यहे है ताकक जनता इनके िहये ऩय फनाविी भ
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स्कान व यिी यिाई फमानफाजी के फीि इनके गार ऩय छऩ े
अॊग
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लरमोंन
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भा याकेि के ननशान न देख ऩामे औय उसके फाये भें न ऩ
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छ ऩामे |
आऩ सोि यहे होंगे फात न फात का नाभ औय उप्ऩय से करभ औय स
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खने रगी स्माही के भाध्मभ से ज
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ते िप्ऩर वारी
ऩैयम्फय | अफ आऩ स्वम ॊवविाय कये राखो प्रकाश वषत द
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य जहा अबी तक कोई गमा नहीॊ वहा न हवा, ऩानी का ऩता है
औय न कोई इन्शान, जानवय, जीव जॊत
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, ऩैड ऩोधे है जो ववभान का दयवाजा खोरे व भभतत कय दे औय आधे के कयीफ
सयकायी िैक्स की कीभत वारा ऩेिोर डीजर ववभान भें बय दे | वहा न कोई x , y , z लसक्मोरयिी वारे िेंड आध
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