यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1

लभरता क्मा हैं उसे सभझना हैं ।


36 70 - 72

सॊवैधाननक "यारिऩनत-ऩद" का हो गमा

िीयहयण!


एक यारिीम ऩद की गरयभा, अखण्डता, गौयव व

रूतफे का सावजत ननक रूऩ से िीयहयण कैसे होता हैं

वो इस ववश्रेषण से सभझे |

37 72 - 75

बायतीम रोकतॊि की ईज्जत हभने



िी...... सॊववधान की धष्ट्ज्जमाॉ हभने

उड़ाई ।


गरतीमों व नाकाभीमो का ढोंगा प्रदशतन कय कैसे

स्वाथत साधे जात ेहैं वो इससे सभझ सकते हैं ।

38 75 - 76

क्मा बायतीम भीडडमा देश की बराई

के लरए मोजनाववहीन भ


फ्तखोयों को

फ्री का ऻान फािने भें भदद कयेगी?

अच्छाईमों एवॊ अच्छे स


झावों की कभी नहीॊ हैं

ऩयन्त


देने वारे के ऩास श


रूआत के सॊसाधन औय

अचधकाय नहीॊ होते व ष्ट्जनके ऩास अचधकाय हैं वो

अऩनी अक्कर को सवतश्ेरठ भान ककसी की स


नना

नहीॊ िाहते |


39 76 - 81

भीडडमा के इस्तेभार की जॊग भें

जनतॊि का दाॉव

आऩने धन, फर, ऩैंसे, क


सी, फवार, तोडफ़ोड,

राईव िेलरकास्ि, नननता, बीड़, नैनतकताओॊ एवॊ

भमातदाओॊ की धष्ट्ज्जमाॊ उडाकय व मोनमताओॊ के

साथ शायीरयक फर के साथ भीडडमा का इस्तेभार

तो योज देखतें हैं इस फाय रोकतन्ि के नजरयमे से

देखें ...

40 81 - 83

ि


ना-ि


ना "देश व ववकास" के नाभ ऩय

जनता को कपय रगा टदमा ि


ना

एक झ


ठ को फाय-फाय फोरकय व पैराकय असरी

सि को दफा उसे सि कैसे फनामा जाता हैं उसे

इस ववश्रेषण से सभझे |


41 83 - 84

ववऻान की कसौिी ऩय: प्रधानभॊिी की

बायत को ववकलसत फनाने की मोजना


मोजनाओॊ, बववरम के सऩनों को बी ववऻान के

तकों के आधाय ऩय बी सभझना जरूयी हैं । मह

इसका एक उदाहयण भाि हैं ।


42 84 - 91

फगर भें छोया औय द


ननमा बय भें

टढढोया!


आचधकारयक ऩ


ष्ट्रि वारा दस्तावेज जो फताता हैं

कक मटद भें यारिऩनत होता तो क्मा-क्मा कयता

...... वो बी प्रभाणणत सफ


त, आधाय व दस्तावेजों

के साथ


43 92 - 94

अभेरयकन सीनेिय बायतीम याजनेताओॊ

को "भाइॊडरेस-चिकन" म


ही नहीॊ कहते!

अभेरयका की सयकाय की बायतीम सयकाय के


ष्ट्जम्भेदायों के प्रनत सोि क्मा है औय हभायी सयकाय


ककस तयह से सोिती है।


44 94 - 99

कोयोना वामयस की िेन ऽत्भ कयने

का अफ ख


रे ऩि भें यारिऩनत भहोदम

को प्रस्ताव:

(ववनाश की ऩ


वत सॊध्मा ऩय रोगो के

फिने का यास्ता उनके ही हाथो भें....)


कोयोना व आने वारे बववरम के खतयनाक वामयस

को ऽत्भ कयने के लरए यारिऩनत भहोदम सटहत

शीषत सॊवैधननक ऩदों ऩय आसीन रोगो के लरए

सावतजननक रूऩ से लरखा ख


रा ऩि.....

45 99 - 102

अऩना ज


ता औय अऩना ही लसय! हभ अऩनी ऺभताओॊ ऩय द



ननमा के द


सये देशों को

कभान े का भौका अऩनी ही कलभमों का भागत

फनाकय कैसे देते हैं वो सभझे |

Free download pdf