यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
आऩ अफ बी WHO के बयोसे फेकफ्रक नहीॊ हो सकते क्मोंकक 2011 भें साये दस्तावेज यारिऩनत भहोदम को बेजने से

ऩहरे हभन े WHO से अऩने आववरकाय औय इन वामयसों की फढती श्


ॊखरा के फाये भें फतामा था तफ दक्षऺण-ऩ


यव्

एलशमा की िीप डॉ यष्ट्श्भ सेयॊसकय से सीधी फात ह


ई थी । डॉ सेयॊसकय ने फतामा कक वो तो लसपत गाईडराइन जायी

कयते हैं कयना व नहीॊ कयना सयकाय का काभ हैं । हभने कहाॊ कक आऩको अफ सायी जानकायी हो गई औय उऩाम हभाये

आववरकाय के रूऩ भें आऩके साभने हैं । इस ऩय त


यन्त कामवत ाही के लरए आऩ बायत सयकाय को आचधकाचधक तौय ऩय

ही कह सकती हैं ।

शामद महाॊ बी ककसी को क


सी से हिाने, सजा व जेर भें डारने, जेफ बायी होने ऩय ही िते ावनी देने का रयवाज यहा हो

रोगों को भौत से फिाने के लरए ...... नहीॊ

एक व्मष्ट्क्त के अच्छे कामों व िरयि की फढ़ाई कयना व उसे सम्भान देना फह


त अच्छी फात हैं ऩयन्त


व याजनीनत के

"साभ" नीनत का प्रनतऩादन ना हो | इस व्मष्ट्क्तत्व को यारि के दृष्ट्रिकोण से उसे आधाय भानकय सबी के लरए भाग त

फनाना व बावी मोजना का केन्र फनाना फह


त ही गरत कदभ हैं । मटद आऩ सॊवैधाननक ऩद ऩय हैं औय सबी के लरए

कोई सम्फष्ट्न्धत मोजना नहीॊ यखते तो हय व्मष्ट्क्त इस एक व्मष्ट्क्तगत भाभरे को काभमाफी व ववकास का सयकायी ऩथ

सभझेंगा |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


अऩना ज


ता औय अऩना ही ससय!


खफय:- प्रधानभॊिी का बब्रिेन दौया व बायत को ववकलसत देशो के फयाफय कद के आॊकने की दहाड़....


बायत के प्रधानभॊिी ने दीऩावरी ऩय रक्ष्भी जी की ऩ


जा के त


यॊत फाद बब्रिेन का दौया कय भहायानी के साथ डडनय वह

वह की सॊसद / सीनेि भें बाषण देकय इसे ऐनतहासक फनाना िाहा औय भीडडमा की फेशणखमो के सहाये भाईक के

स्ऩीकयों का वॉल्म


भ फड़ा दहाड़ रगाई ताकक द


ननमा को ऩता िरे की हभ लसपत 69 वषत भें ही जाग ि


के है |

प्रधानभॊिी बब्रिेन से ववदेशी ननवेश व तकनीक का सहमोग िाहते है व वहाॉ की अयफो - खयफो वारी कॊऩननमा बायत भें

आकय ननवेश कये इसलरए कम्ऩननमो के कतात-धतातओ को इष्ट्न्डमा के फाये भें अच्छे से सभझामा व सयकाय की तयप से

उन्हें क्मा-क्मा लभरेगा वो अऩने साथ रे गमे उद्मोगऩनतमों को आगे कय प्रभाणणकता की गवाई बी टदरवाई |

प्रधानभॊिी ने रन्दन के खिाखि बये वेम्फरेय स्िेडडमभ भें बायत की प्रगनत के प्रनतक रूऩ भें अरवय (याजस्थान) के

इभयान बाई का वणतन ककमा औय उनके अप्प्स के फाये भें फतामा ष्ट्जन्हे भ


फ्त भें लभरने के कायण बायत सयकाय का

लशऺण ववबाग इस्तेभार कय यहा है | इस गौयवशारी "बायत" की गरयभा की ऩीठ कैसे थऩथऩाई व अगरे टदन अखफायों

एवॊ िी वी भें टदखाई सच्िाई वारी खफयों से उभड़ - उभड़ के फहाय आ गई |

बायतीम सभम के अन


साय श


क्रवाय यात कयीफ सवा फायह फजे ऩष्ट्श्िभी देश बब्रिेन से आते िेरीकास्ि से मह का भीडडमा

घोय अॉधेये भें ही जाग गमा औय बफजरी के कयॊि रगाने की बानत इतने कारे अऺय छाऩ डारे ताकक सार बय भें तीन
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