स्वर्णिम दर्पण

(Kumar dhananjay suman) #1
शुǼाराजीव

कोरोना से सीख


ढोलूअरे यार भोलू इतने बुरे हाल हो जायगे हम लोग के ,हम लोग के यान यमराज के एजट के । अपना स ग वाला मुकुट भस पर ही हैमेट क तरह
टांकते ए ढोलू भोलू से बोला।भोलू
कतने चाव से यमराज टाक फोस म भत आ था,यार! सोचा था क घूमने के लए ये तंदत भसा,खाने को मलाईदार
खाना ,पूरे दन म एक चकर पृवी का ,बस अपनी तो लाइफ बन गई ।
ढोलूतो मने कौन से ख क कपना क थी पर लगता है इस माच एड ने तो हमारी वाट लगा द ।
भोलू_बीते दस दन से तो नहाया भी नह ं , सुना है सारे ऐजेटो का यही हाल चल रहा है ।रात दन ही ओवर टाइम कर रहे ह ।
ढोलू
ये हमारे काले रेशमी व भी पृवी क धूल-म से भूरे रंग के हो गए ह।
भोलूअरे मने तो यहां तक सुना है क कुछ एजट तो जद जद काम करने के चकर म आपस म अदर ही अदर एरया और टारगेट दोन बदल ल रहे ह।
ढोलू
है!ऐसी हेराफेरी तो पृवी पर मनुय को ही करते सुना था , ये हमारी बरादरी म भी होने लगी, कब से भाई कब से?
भोलूया करे भाई ,कोरोना काल से शु ई थी ये कामचोरी पर अब तो हर यम एजट क मजबूरी बन गई है। इतना वक लोड है क ये नह कर तो या कर।
ढोलू
तुम ही देख लो या दन थे पुराने, तुम और म घंट बैठकर गपे मारा करत थे , पृवी क वजट के अपने अपने कसे चाव से सुनाते थे और अब कसे
छोड़ , पानी पीने क फुसत नह है।
दस दन से सोच रहा ं,नहा कर अपनी काली म लगा लूं पर कहां,पूरी कन ही सनबन से सफेद चकते वाली हो रही है।
भोलूयार मेरी समझ म नह आ रहा ये हम यम एजट के "बुरेदन" लाने वाला कौन है?
म तो अब थोड़ा रैट कंगा ,मेरा भसा तो चल ही नह रहा ।
ढोलू
हां!अब कुछ देर म आराम कर लेता ं मेरा भसा भी नढाल पड़ रहा है ।
दोनो आसमान म ही एक टेशन पर लेट कर बात करने लगे ।
ढोलू_सुना है पृवी पर एक चीन देश है जसने नया के सभी देश से पैसा कमाने और उनके ापार पर कजा करने के लए कोरोना नाम क महामारी
फैलाई है । पछले साल चीन और नया के बत से देश के यम एजट बत परेशान रहे ,ओवर टाइम कर करके समय से पहले ही दस साल यादा बूढ़े हो गए
थे। भोलू
लगता है इस बार हम भारत के यम एजट क शामत आ गई है, तभी तो जो बेईमानी हमारी बरादरी म कभी नह ई वो भी करनी पड़ रही है ।
मने तो सुना है ,यम एजट ने अपने अपने एरया के अतालो को चुन लया है ताक अलग अलग एरया म जाने क मेहनत से तो बचगे। एक आमा रखने
केकट म दो दो तीन तीन आमा को ठूंस रहे ह नदयी कह के!
दया, घृणा लाचारी जैसे भाव भोलू के चेहरे पर आ जा रहे थे । सुना है यम एजट सुबह से नकलते ह एक जगह बैठ जाते ह ।सारे दन एक जगह से काम करके
रात म ले जाकर खुद को अलौट करे ए के हसाब से छांट लेते ह और आंकड़े मला कर जमा करा रहे ह।
ढोलू___या कर ,इन इसान ने हम भी खुद के जैसा होने के लए मजबूर कर दया ,पर पछले साल तो यहां यादा आमा को नह लाना पड़ा था ,टन
वक ही था ।

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