स्वर्णिम दर्पण

(Kumar dhananjay suman) #1
आशा झा सखी

आज अपनी अंतम याा के लए तैयार होते समय जब मालती को साड़ी पहनाने क बात आयी तो रमेश जी तुरँत उठ कर
गये और मालती क मनपसंद पीली साड़ी नकाल लाये। घर क ब- बेटय ने मालती को तैयार करके रमेश जी को
आवाज लगायी। उनक बेटी भारती बोली- पापा जी,माँ क माँग म सदूर भर दीजये। रमेश जी सबसे बोले-तुम सब लोग
बाहर जाओ। म कु छ देर तुारी माँ के साथ रहना चाहता ँ। सभी लोग के बाहर जाने के बाद रमेश जी मालती को नहारने
लगे। दय म उमड़ रहे आवेग को संभालते ए वो एकटक मालती को नहारने लगे। अपनी भाया क सुंदरता म डू बते ए
उनको याद आने लगी इस पीली साड़ी से जुड़ी याद। मालती को अपने ाण से भी ादा य थी ये साड़ी। होती भी
न? कसी को नह पता इसक कहानी।उस वाे को सोच रमेश जी के मुख पर तः ही सता क एक लहर आकर
चली गयी। जो उनको अपने साथ अतीत के झरोखे म ले गयी। जब रमेश जी ने पहली बार मालती को देखा तो पीली
साड़ी ही पहनी थी मालती ने। दुबली-पतली सी, एक हाथ म पीला कं गन दूसरे म घड़ी,कमर तक लंबे खुले के श, आंख म
काजल क रेखा,माथे पर छोटी सी बदी। रमेश जी तो देखते ही घायल हो गए थे। उने धीरे से कहा भी था ,म तुमको
हमेशा इसी रंग म देखना चाहता ँ अपने आसपास। कहा तो उने बत ही धीरे से था,पर शायद मालती ने सुन लया था।
तभी तो शादी के कु छ दन पहले पड़ने वाले मालती के जदन साड़ी उपहार म भजवाते ए इतना ही लखा था क म
इसी साड़ी म तुारे साथ जीवन शु करना चाहता ँ। उस समय इतना सहज नहीँ माना जाता था शादी के पहले मलना
या उपहार देना। मालती ने इसके लए अपनी एक खास सहेली को मनाया । शादी के फे रे मामा के यहाँ क पीली साड़ी
पहनकर ही लए जाते ह। तो मालती ने अपनी मां को बड़े जतन से मनाया क, माँ अपनी पसंद क साड़ी लूँगी म।तो आप
मामा को बोल देना वो पैसे दे द बस। साड़ी म अपनी सहेली के साथ जाकर ले आऊँ गी। रमेश जी क बात का मान रखने
के लए मालती ने भी इसी साड़ी म न सफ फे रे लए उनके साथ ब जीवन क शुआत करने के जो अवरणीय पल
होते ह,उनम भी यही साड़ी पहनी थी। मालती क ये भावना देख रमेश जी ंय को बत ही गौरात महसूस कर रहे थे क
उनको ऐसी संवेदनशील संगनी मली। याद के की पर सवार रमेश जी उस जगह भी पँचे जब उनका मालती से झगड़ा
आ था इसी साड़ी को लेकर। आ ये था क कनी के काम से रमेश जी को छह माह के लए वदेश भेजा जा रहा था।
रमेश जी मालती को महसूस करने के लए वो ये साड़ी साथ ले जाना चाहते थे और मालती इस साड़ी को अपने पास रख
कर रमेश जी क कमी पूरी करना चाहती थ।खैर इस ंद म आखर मालती क ही जीत ई।


पीली साड़ी


महारा , भारत

9307401627
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