यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
74 174 - 175

आचथतक रूऩ से टदवालरमा होने की

कगाय ऩय ऩॊह


िा ग्रीस


ववऻान के आधाय ऩय हभने ऊऩय के वैऻाननक-

ववश्रेषण भें आचथतक हारात खयाफ होने की फात

कह दी थी । एक यारिऩनत होने के नाते ऐसी

अथतशास्ि वारी सोि जरूयी हैं ।

75 175 - 177

टदऩावरी की हाटदतक श


बकाभनामे!

बायतीम त्मौहायों को धभत व आस्था के अनतरयक्त

आचथतक, साभाष्ट्जक, योजगाय, द


सये देशों से

आमात-ननमातत, भानलसक सोि ऩय दफाव आटद के

रूऩ भें बी देखना िाटहए ।

76 177 - 179

अरोकताॊबिक तरयके से 500 व 1000

के फड़े नोिों को फॊद कयने व नमे 500

व 2000 के नोिों का ऐरान ह


आ!


कोई बी फडा ननणतम व कदभ की श


रूआत वततभान

व्मवस्था के अन




र होनी िाटहए अन्मथा

कक्रमान्वमन भें साभॊजस्म नहीॊ होने से सपरता

आशॊकाओॊ से चगय जाती हैं ।

77 179 - 182

ववभ


रीकयण से कारेधन व भ्रस्िािाय

वारी िेन की लसफ़त दो-तीन फोगी किी

है..... उसका िरना फॊद नहीॊ ह



प्रायम्ब के सभम ही ववऻान के लसद्ाॊतो से उसकी

सपरता के प्रनतशत का अन


भान रगामा जा

सकता हैं इसलरए फडे फदराव को ऩहरे ववऻान

की कसौिी ऩय तौरने ऩय आगे ऩयेशाननमाॊ कभ

होती हैं ।

78 183 - 184

क्र


ड आमर के दाभ ऩाॊि वषत के रयकॉडत

तलरमे ऩय.......


ऩेिोर-डीजर के फढते दाभों को द


सये ऩहर


ओॊ के

साथ सभानान्तय कयके देखें ताकक वास्तववक

कायण सभझ भें आ सके |

79 185 - 186

गन्दा है ऩय धॊधा है..... अनतशीघ्र नई

सववतस के नाभ से किेगा आऩके फैंक

खाते से ऩैसा

फैंकों की सोि फाजायवाद के यास्ते जा यही हैं ।

मटद रोगों को कोई सभस्मा आमे तो उसी से

वस


री का भागत फना डारो ताकक न


कसान होंने ऩय

बी रोग लशकामत कयने ही नहीॊ आमे | न यहे

फाॊस औय न फजे फाॊस


यी ...

80 186 - 189



जयाती गधो के लसय ऩय 2 - 2 प


ि

से फड़े सीॊग होते है!

रयजवत फकैं द्वाया फैंकों व ग्राहकों के आऩसी रेन-

देन हेत


जो कान


न फनामे जाते हैं उन्हें व्मवहारयक

कसौिी ऩय तोरे तो टदभाग िक्कया जाता हैं ।

81 189 - 192

"घ


ॉघि की आड़ भें िैक्स फयस"े यारिऩनत के सॊवैधाननक ऩद ऩय होने के नाते


इतना अथतशास्ि का ऻान तो होना िाटहए ताकक

वो आभ रोगों के पामदे औय न


कसान को

मोजनाओॊ के लसद्ाॊत से सभझ व आकरन कय

सके |

82 192 - 194

बायतीम रयजवत फैंक की सॊवैधाननक

स्वामत्ता को चगयाने का प्रनतपर है

अयफो-खयफो की होती धोखादड़ी


जफ एक सॊवैधाननक सॊस्था को ककसी बी तयह

स्वामता की जगह ककसी अन्म सॊस्था के नीिे

रामा जाता हैं तो आॉका व ग


राभी वारा खेर होता

हैं ।

83 194

बफहाय: फार वववाह औय दहेज के

णखराप 13 हजाय ककरोभीिय रॊफी

भानव श्


ॊखरा, 4 कयोड़ रोगों के

ऐसे सबी वल्डत रयकॉडत फनाना बायतीमों की

अनालभका (हाथ की सफसे छोिी अगॊ


री) का खेर

है ऩयन्त


महाॉ के अचधकाॊश रोग अबी बी 200
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