यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
बागीदायी का दावा वषत तक अॊग्रजों की ग


राभी की भानलसकता भें जी

यहे है |

84 195

टदल्री के भ


ख्मभॊिी व याजनैनतक

ऩािी "आभ-आदभी" ष्ट्जसके भाध्मभ से

मह ि


न के आमे उनके नेताओॊ ऩय

स्माही व ज


ते - िप्ऩर पेकने का

लसरलसरा रगाताय जायी है............

एक अच्छा काभ कयने के लरए दो नकायात्भक

काभ कयना ऩडता हैं इस कपल्भी ज


भरे की तयह

दो नकायात्भक से एक सकायात्भकता फनने को

सभझे |

85 196 - 201

वैऻाननक-ववश्रेषण की सोि बफना

अमोध्मा भें याभ भॊटदय - फाफयी

भष्ट्ज्जद वववाद स


रझाना असॊबव


हय व्मष्ट्क्त मह सभझता हैं कक मह वववाद खत्भ

हो गमा ऩयन्त


ववऻान के दृष्ट्रिकोण से अबी

भाभरा खत्भ नहीॊ ह


आ.....

86 201 - 203

350 वषत ऩ


याने आध


ननक चिककत्सा

ऺेि भें बायत को फनामा अगणी

रेखक का जीवन अन


बव व मोनमता आऩ इस

ऩोस्ि से जान सकते हैं ।

वऩछरे


कवय का


अन्दय


नव वषत की श


बकाभनाएॊ

गनतशीर सभम को ककस तयह ऩरयबावषत ककमा जाता

हैं ताकक साभान्म ईंसान उसको सभझ सके व लसपत



बकाभनाएॊ न देकय वततभान भें कभत कयने का सॊकेत

ताकक बववरम श


ब फन सके |

वऩछे का


कवय


ऩेज


मटद भैं यारिऩनत होता तो बायत यारि व

उसके वालसमों के लरए मह ष्ट्जम्भेदायी

ननबाता

सॊववधान सॊयऺक होने के नाते सबी सभस्माओॊ का

ननदान कयता | इनभें जो प्रभ


ख हैं उनकी जानकायी

प्रस्त


त कयी हैं |
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