biranishri
(Biranishri)
#1
इस पॉभेि के एक प्रश्न भें "केंर-सयकाय" का ष्ट्जक्र कया गमा व प्रधानभॊिी भोदी का सम्फोधन है अथातत ्सॊवैधाननक ऩद
व उसकी ष्ट्जम्भेदायी ननबा यहे नाभ का इस्तेभार अऩने प्रिाय के लरए इस्तेभार कयन ेका भाभरा फन गमा |
एक भोफाइर कॊऩनी के क
ु
छ भाह ऩ
ू
वत प्रधानभॊिी की पोिो का अऩने ववऻाऩन भें इस्तेभार कया था तो उसे
कान
ू
नन ज
ु
भातना बयना ऩड़ा था | मह अरग फात है कक ज
ु
भातना इतना कभ था कक "ऊि के भ
ु
ॉह भें जीया" वारी कहावत
भें जीया बी एक ववशारकाम ऩहाड़ नजय आने रगा था |
इसका साइड इफ़ेक्ि मह ह
ु
आ कक अबी-अबी एक सॊस्था ने रयसित इॊष्ट्स्िट्म
ू
ि खोरने भें प्रधानभॊिी की पोिो व नाभ को
ववचिि तयीके से छऩवा के फेजा तयीके से इस्तेभार ककमा था क्मोकक उन्होंन े प्रधानभॊिी से उद्घािन कयामा मा उस
व्मष्ट्क्त से जो प्रधानभॊिी के ऩद ऩय नौकयी कय यहा है | इस तयह का इस्तेभार बी सॊवैधननक ऩदों की भमातदाओ को
खत्भ कयना जैसा था |
मह सवे इस आधाय ऩय हो यहा है कक भोदी-सयकाय को तीन सार ऩ
ु
ये हो गमे | मह कोनसी हैऩी-फथतडे वारी सॊस्क
ृ
नत है
जो हय एक टदन ऩय केक कािकय ऩािी कयने भें ववश्वास कयती है | ऩिकारयता को मह भौका हय ऩाॊि सार भें एक फाय
लभरता है तो अबी इतनी जल्दी क्मों
इस सवे के लरए ऩैसा कौन खित कय यहा है मह अऩने आऩ भें "सि" के उप्ऩय प्रश्न चिन्ह है | सयकाय ऐसा कय
यही है तो गैयकान
ू
नी है | भोदी नाभक व्मष्ट्क्त जो प्रधानभॊिी ऩद ऩय नौकयी कय यहे है वो कयवा यहे है तो इतने ऩैस े
आमे कहा से वो जाॊि का ववषम हो जाता है | अखफाय स्वमॊ ऩैसा खित कयके कयवा यहा है तो मह ख
ु
रभ-ख
ु
रा
भ्रस्िािाय है जो ककसी न ककसी स्वाथत को ऩ
ू
या कयने की साष्ट्जश प्रतीनत होती है |
इस भाभरे के अन्म ऩहर
ू
को देखे तो इसके िेमयभैन का अबी-अबी ननधन ह
ु
आ है व अफ अखफाय का सॊिारन उनके
ऩ
ु
ि एवॊ ऩ
ु
ि-वध
ु
ओ ऩय आ गमा है | इनभे से एक ऩ
ु
ि-वध
ु
का नाभ ऩनाभा-ऩेऩसत भें आमा था| इसलरए कई ऐसा तो
नहीॊ कक ऩीछे के दयवाजे से देश के सफसे फड़ ेअखफाय ऩय दफाव फना उसका जफयदस्ती इस्तेभार ककमा जा यहा हो |
मही ऐसा है तो सॊस्थाऩक िमे यभैन को "भीडडमा का बीरभवऩताभह" वारी ऩदवी की खफय से ज्मादा उनकी असरी
ववयासत को फिाने की जरुयत जनता को है |
ववऻान के लसद्ाॊतो के अन
ु
रूऩ कड़ी से कड़ी जोड़े तो ऩामेंगे कक प्रधानभॊिी ऩद ऩय वततभान व्मष्ट्क्त के फैठन ेके फाद ही
इस अखफाय ने "नो-नेचगटिव खफय" की भ
ु
हीभ िरा खफयों का याजनीनतकयण कय टदमा था | वह व्मष्ट्क्त ववदेश भें
जाकय इस भ
ु
हीभ के कशीदे ऩढ़ने रग गमा |
खफयों को अॊग्रेजो की तयह "प
ु
ि डारो व याज कयो" की तयह फािना व सयकाय एवॊ प्रशासननक रोगो के अन
ु
क
ू
र उस ऩय
सकायात्भक एवॊ नकायात्भक का िैग रगाना द
ु
खी एवॊ ऩयेशान जनता के िरयि, भज़फ
ू
यी एवॊवववशता का हनन कयन े
जैसा है | इसभें लसपत एक टदन ननधातरयत कय सत्मावऩत कयना "सभम" को बी अॊग
ु
री फता ि
ु
नौती देना जैसा है |