यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
को काभमाफी का भागत फता उन्हें बी इस दरदर भें खीॊिता यहता हैं । जफ मह रोग भेंढक की बाॊनत इस दरदर से

फाहय ननकरते हैं तो वे द


सयी द


ननमा सभझ वाऩस उस दरदर भें क


द जाते हैं ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


मे तभाचा ससस्िभ के गार ऩय ऩड़ा है व ग


ॉज उसके अॊदय से ि


िे मा बफखये होने के कायण


आई है


ऽफय:- टहॊदी कफ़ल्भ ननभातता-ननदेशक द्वाया यानी ऩद्मावती ऩय आधारयत कफ़ल्भ की श



टिॊग के दौयान ववयोध

प्रदशतन व उनके गार ऩय तभािा

साभानमा रूऩ से अजीफ, ऽफय की नजय से ब्रेककॊग, धभ त की नजय से दृढ़ आस्था की कियता, फाजायवाद की नजय स े

अऩना-अऩना िेहया िभकाने की ज


गत, याजनैनतक दृष्ट्रि से आग भें घी डारकय औय फाॉिकय वोि ऩाने का याभफाण

उऩाम, ऩैसो की नजय से छऩड़ ि


ि कय फयसने की खनखनाह, फॉरीव


ड के लरए अऩनी ऺेि-ववशेष की एकता टदखाने का

भौका, कान


न के नजरयमे से कामतवाही की तायीख ऩय तायीख देकय थऩड की झनझनाहि को कभ कयना व शाष्ट्न्त की

आहत भें कोई न कोई कभी फताकय भाभरे को स्वाहा कयना, ऩ


लरस के नजरयमे से कपल्भी स्िायों के नाभ से जफयदस्ती

िभकने वारों को फ्री भें फाय-फाय फ


राने का स्वणणतभ अवसय रगता हो ऩयन्त


ववऻान की नजय से ऩड़ने वारा तभािा

ककसी व्मष्ट्क्त ववशेष ऩय नहीॊ लसस्िभ के गार ऩय ऩड़ा है |

व्मष्ट्क्तवाद के आधाय को छोड़ साभ


टहक व्मवस्था के नजरयमे से देणखमे जो प्रत्मेक नागरयक के लरए सभान है | इसके



छ अथत इस तयह बी ननकर यहे है.....

# सफसे ऩहरे जाटहय होता है कक रोगो का कपल्भों के सयकयी सेंसेय फोडत से ववश्वास उठ गमा है उन्हे रगता है की वो

अन्धे-फेहये की तयह इसे लसनेभाघयों भें टदखाने की अन


भनत दे देगा |

# बायत भें ऐसी कोई व्मवस्था नही ॊहै जहा एक जगह इनतहास की फातों का सॊकरन होता हो व वततभान भें जीवन जी

यहे रोगो की काफलरमत व अन


बवों का सवतभान्म ननरकषत ननकर सके जो आन ेवारी ऩीढ़ी के लरए भाग तटदखा सके |

# ईनतहास के आधाय ऩय फनन े वारे, कामतक्रभ, कपल्भे व सीरयमर क्मा स्वत् फनना श


रु हो जाते है उनके लरए क्मा

ऩहरे अन


भनत की कोई कान


नी प्रकक्रमा नहीॊ है क्मा?

# मह तो िीवी ष्ट्जसे छोिा ऩदात कहते है उसके भाध्मभ से तो व्मवस्था के लरए फड़ा ही खतया टदखता है जो रारि

वश क


छ बी टदखा सकता है सजा तो फाद भें अदारती रड़ाई के फाद लभरेगी रेककन तफ तक राखों व कयोड़ों रोग

उसका द


रऩरयणाभ ब


गत ि


के होंगे ....... व कई ष्ट्जॊदचगमाॊ तफाह हो सकती है....

# मटद सेंसय फोडत ऩहरे ऩ


यी कफ़ल्भ को जाॉि अन


भनत नहीॊ देता है व ऩ


यी कफ़ल्भ फनने के फाद उसे देखकय कि कयने,

फदरने मा गरत को हिाने का आदेश देता है | मटद ऩ


यी कफ़ल्भ को ही अवैध कयाय देना ऩड़े तो उसे गैयकान


नी तरयके

से रोगो भें वामयर कयने व द


सये देशों के भाध्मभ से इॊियनेि ऩय प्रसारयत होने से योकने की कैसी व्मवस्था है .......

मटद मह अध


यी है तो देश व सववधान का भज्जाक बववरम भें फनना तम है....

# जफ भाभरा पस जाता है तफ ही काभ कयने वारे कराकायों की भेहनत फफातद होने का योना क्मो योमा जाता है |
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