biranishri
(Biranishri)
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है | दाशतननकों एवॊ वविायकों के शधदों भें महा ववऻान का आववरकाय भानवताववहीन हो जाता है | एक ननलशित सभम
के फाद कान
ू
न ऩेिेंि खत्भ हो जाता है ऩयन्त
ु
व्मष्ट्क्तवादी ॊव ववऻाऩन के म
ु
ग भें कॉऩीयाइि, िेडभाकत व ष्ट्जओग्राकपकर
सॊकेत ऩेिेंि से फड़ ेसाबफत होकय भोनोऩोरी मा एकाचधकाय कक धाय को कई वषों तक जीववत फनामे यखते है |
महा तकनीक से फड़ा ऩैसा हो जाता है, जो तकनीक से आता है ऩैसा मा ऩैसे से आती है तकनीक? के जवाफ को रोगो
के टदभाग भें भ्रलभत कय डारती है |
आववरकायक के ऩास आववरकाय को आभ रोगो के ऩास ऩह
ु
िाने के कौन से दो भागत शेष यहे मे जाननमे........
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सोच के भामाझार भें पॉसी वैऻाननक ब्द्जॊदगी व उसके आववष्काय (Part-III)
आववरकायक के ऩास अफ आववरकाय को आगे जनता तक ऩह
ु
ॉिाने के दो यास्ते शेष यहते है | ऩहरा सयकायी सहमोग
जहाॊ कॊऩनी खोरने को प्रधान भानती है औय ककसी बी तयह के लरए ऩहरे गायॊिी भागती है | जफ गायॊिी के लरए धनी
रोगो के ऩास जाओ तो उन्हे िाटहए ऩहरे भोनोऩोरी |
द
ू
सया यास्ता फैंक व आचथतक सॊस्थाओॊ का है जहाॊ द
ु
ननमा के अफ तक के सबी रयकॉडत से जाॉिने के फाद आववरकाय की
ऩ
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ष्ट्स्ि का सयकायी प्रभाण ऩि मा ऩेिेंि श
ु
न्म भाना जाता है | मह गणणतीम आकरन है जहाॊ सॊववधान ऩेिेंि धायकों को
ववशेष अचधकाय देता है, फाज़ाय कयोड़ों की कीभत औय भ
ु
रा की व्मवस्था कयने वारी सॊस्थाम ेखोिा ऩैसा बी नहीॊ अथातत
महा से बी आववरकायक को आववरकाय फेिन ेका भाग तटदखा टदमा जाता है |
मह आध
ु
ननक बायतीम लशऺा की सफसे फड़ी ववडॊफना है जहाॊ ज्मादा उच्िाई ऩय जाने ऩय व्मष्ट्क्त असाहम हो जाता है |
ऩहरे व्मष्ट्क्त प्राथलभक लशऺा रेता है, कपय लभडडर स ेहोता ह
ु
आ सेकॊडयी उसके ऩश्िात हामय सेकॊडयी की लशऺा रेता है
| इसके आगे स्नातक (ग्रेज
ु
एि) कपय स्तानकोतय (ऩोस्ि ग्रेज
ु
एि) कयता है, उसके फाद अन
ु
सॊधान कामत कयता है, कपय
ऩी. एि. डी. की उऩाचध रेता है औय अॊत भें क
ु
छ नमा कयके कान
ू
नी भान्मता ऩेिेंि मा एकस्व के रूऩ भें ऩयन्त
ु
सायी
स
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ववधामे व भ
ु
फ्त सयकायी छ
ू
ि उप्ऩय जाते-जाते खत्भ हो जाती है मा जानत ववशेष भें ववबाष्ट्जत होती ह
ु
इ दभ तोड़ देती
है |
कॉरेज, रयसि त सॊस्थानों के भाध्मभ से कई मोजनामे दीॊ जाती है वो लसफ़त रयसित वकत के लरए न की रयसित के फाद
सपरता ऩय, मटद सपरता के फाद टदमा बी जाता है तो वहा गाइडराइन के रूऩ भें शते ववध्मभान यहती ॊह ै | अग्रॊ ेजो
की ग
ु
राभी से आने वारी लशऺा ऩद्नत की गाइडराइन वारी शतें ककतनी स्वतन्ि होगी उसका अन
ु
बव तो आऩ रोगो
को हभसे ज्मादा है |
आवश्मकता आववरकाय की जननी है, इसी सावतबौलभक सत्म के कायण बायत जैसे सॊस्क
ृ
नत एवॊ कभत प्रधान देश भें कई
आववरकाय अन
ु
बव औय कामत के प्रनत ईभानदायी की ननरठा व सभऩतण के दभ ऩय आते है ष्ट्जसभें अचधकाॊश आगे
अऻानता के कायण सयकायी फाफ
ु
ओॊ की वैऻाननक जभात औय व्मवसाटहक के िक्रव्म
ु
ह भें दभ तोड़ देते है |
ववश्वववधारम भें िमननत ववध्वान रोगो के रयसित की स्वक
ृ
नत ऩय ऩी.एि.डी. मा उऩाचध लभरती है मटद सयकाय के
िमननत ववध्वान रोग द
ु
ननमा के सबी रयसि तको जाॉि कय द
ु
ननमा भें ऩ
ू
णततमा नमा होने का प्रभाण-ऩि दे देवे तो कपय
क
ु
छ नहीॊ लभरता है |
देश भें कई सयकायी व ननजी सॊस्थामे है जहाॊ राखों की सॊख्मा भें वैऻाननक कामत कय यहे है वे आमे टदन योज़ कई