biranishri
(Biranishri)
#1
औय अदारतों की बोमे तन गई | भेडडकर सीि कयीफन 35 राख की, ऩी जी की सीि 1 कयोड़ की मानन िमनकता त
व्माऩभ जो प्रनतवषत 40 - 50 ऩयीऺा कयवाता है उसने फड़ी आफादी भें बी ि
ु
न ि
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न कय ऩैसे वारो को ननकरा जो रेन
देन भें ववश्वाश कयते थे | कयीफन 5 - 7 कयोड़ की आफादी वारे क्रवष प्रधान प्रदेश भें 30000 रोगो के सभन्वम से ही
20000 कयोड़ का भाभरा वाकई गैय-ऩयॊऩयागत ऺेि भें नोि चगनने, राने रे जाने, आऩसी सभझ बफठान ेके लरए ककतनो
का ऩेि ठोर की तयह प
ु
र यहा था |
एक केस डामयी 1 - 1 राख ऩेज की इतना साया काभ, महाॉ राखो रोग खाऩ जामेगे वा....... वा ..... इतने नौकरयमा ॊ
देख टदर गाडनत गाडनत हो गमा | वततभान भें एक याजकीम जाॊि भें दस िन दस्तावेज मानन तीन िक ............. आगे
ककतने िन होंगे जफ जाॊि यारिीम स्तय की होगी | ऩेन, ऩेऩय, स्माही, कॊप्म
ू
िय, वप्रिॊ य न भार
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भ ककतनी कम्ऩननमो के
अच्छे टदन आ गए | 45 वषत से अफ तक ऑडडि ह
ु
आ नहीॊ अफ होगा मानन अफ तक कयोड़ो रोग नौकयी के लरए ि
ु
ने
गमे व ववबाग भें नौकयी कयी उन्हें लसपत एक जाॊि / प
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छताछ का नोटिस दे दो तो ऩैसो की फारयश की सम्बावना फन
गई आणऽयकाय भीडडमा ने कारे फादरो का जभावड़ा कय जो यास्ता फना टदमा है उसको म
ु
ही यद्दी के ढेय थोड़ी होन े
टदमा जामेगा |
इस भाभरे भें 35 सॊटदनध भोते मानी इतनी फड़ी आफादी भें मभयाज को ढ
ू
ढ़ने के िक्कय से फिा "व्माऩभ की जाॊि" का
िैग िस्ऩा कय ख
ु
श कय टदमा औय तीयथ स्थरों ऩय आवागभन फढ़ा के स
ु
स्त ऩड़ ेऩमतिन ववबाग भें नई जान प
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क डारी
| ऩिकाय की भौत के फाद ग
ु
स्से का उफार आ गमा ...... ऩता नहीॊ ककसको क्मा क्मा सन्देश दे टदमा |
जज, वकीरों, डाक्ियों, भॊबिमो, सॊतरयमों, ठ
ु
ल्रो, आई एस व आई ऩी एस के फच्िो, ननिे से रेकय उप्ऩय तक हय ऺेि
का सभावेश वाकई अनेकता भें एकता व जात धभो से उप्ऩय उठ कय एक यारि के होने का ज्वरॊत उदहायण प्रस्त
ु
त कय
डारा | सबी याज्मों के लशऺण ववबागों को कभाने का नमा न
ु
स्खा, क्मों की सारो तक अदारती तायीखे, आग भें
सयकायी दस्तावेजो का जर जाना, फारयश भें गर जाना, ववयोध प्रदशतन की तोड़ पोड़ भें कागजो का गभ हो जाना, जज
व अचधकारयमो का तफादरा हो जाना कही ठोके ऩयखे उऩाम है अफ तो हाित अिैक, प्रेभ िक्कय भें आत्भहत्मा, योड ऩय
एक्सीडेंि, र
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िेयो की नछना छऩती भें भौत, खाने भें लभरावि से फ़
ू
ड ऩॉइजननगॊ जैसे कई अच्ि
ु
क उऩाम सभाटहत हो
गमे |
गन्धा है ऩय धधॊ ा है मे अफ गरती फताकय व कान
ू
न का दय फता काभ कया रेना, अऩने ऩऺ भें वोि डरवा रेना
आणऽयकाय याजनैनतक ष्ट्स्थयता बी तो यारि ननभातण के लरए जरुयी है |
अफ तो नैनतकता चगय गई, रोग स्वाथी हो गमे, ऩैसो के रारि भें दरदर भें धॉस गमे, ष्ट्जधय देखो उदय घोिारे,
धोखेफाजी, अफ योज नमे नमे कयोडो एवॊ अयफो के घोिारे भें ऩ
ू
या भाहौर ऽयाफ हो गमा इसभ े आदभी खाए तो खाए
क्मा कैसे आणऽयकाय भ्रस्िािाय व कारे धन का भ
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द्दा खत्भ कयके ि
ु
नाव भें वोि ककस के लरए भाॊगेगे | इन सफ का
उऩाम व्माऩभ न े दे टदमा अयफो के वाये न्माये भें खयफो की आचधकारयक, सयकायी, रोकताष्ट्न्िक जाॊि िरेगी | एक -
एक अऩयाधी को छोड़ा नहीॊ जामेगा | वह िक्कय कािते कािते भय जामेगा, फ
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ढ़ा नहीॊ ह
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आ व अवसाद भें फीभायी का
हभजोरी नहीॊ फना तो 40 - 50 सार फाद ही सही पाॊसी ऩय िढ़ाकय अन्माम ऩय न्माम की जीत का ऩयिभ जरूय
पहयामा जामेगा |
अफ उऩाम ढ
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ढ़ने के सेकड़ो तयीके आमेगे उन ऩय आॉख भ
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ॊद कय कयोडो अरॉि हो जामेगे उनभे से शामद 1 - 2 ही
कायगय भाने जामे फाकक सफ धन खत्भ होने के साथ साथ कई जॊगरी जानवयो की तयह ववर
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प्त हो जामेगे | इतनी
सयकायी स
ु
यऺा, गायॊिी व सहजता देख अफ आऩको िॊद भहीनो भें लशऺा के अॊदय ववदेशी धन का अयफो भें इन्वेस्िभेंि