biranishri
(Biranishri)
#1
होता टदखेगा, प्राइवेि कोरेजो का क
ु
क
ु
यभ
ु
त्ता वारा उद्मान इठराता नजय आएगा |
इस ऩ
ू
यी व्मवस्था भें आऩ मह सभझ तो गमे होंगे जनता के अयफो गमे व उसको फताने के िक्कय भें खयफो उड़ेंग े
........ ह
ु
आ क्मा योमेगी तो जनता ही | अफ तो प्रिाय देख फिे रोगो ने अऩन े बाव फढ़ा डारे ...........क
ु
छ बी कहो
अच्छे टदन आ गमे सयव् लशऺा अलबमान के दौय भें व ऩैसे के दभ ऩय सफ क
ु
छ तम कयने के म
ु
ग भें लशऺा की वैल्म
ू
फढ़ गई औय नई ऩीढ़ी भें डडगरयमा रेने की रारसा जाग उठी ......... अफ आऩ ही फतामे जफ साये ऺेिो भें काभ की
फाढ़ आ जामे तो कपय भॊदी कैसी!
एभ.ऩी. अजफ है, महाॉ का व्माऩभ गजफ है
याजबवन भें सफ़ेद कऩड़ो के ननिे ऩहरी फाय कालरख को नछऩते देखा
बफना भ
ु
छो के िोऩी को उछरते देखा
एभ.ऩी. अजफ है, महाॉ का व्माऩभ गजफ है.......
रारफत्ती के चिऩक
ु
ओ को रार यॊग भें नहाते देखा
ऩैसो व क
ु
लसतमों ऩय रगे गभ भें अऩनों को ड
ू
फते देखा
ऩैसे देकय अऩने लरए भौत खयीदते रोगो को देखा
एभ.ऩी. अजफ है, महाॉ का व्माऩभ गजफ है............
ववधानसबा भें बफना सधजी-बाजी के शोयग
ु
र का भाहौर देखा
क्रीभ से िभकते िहे यों, डीऑन्रेड के तेग तरे ववदेशी ब्राॊड के कऩड़ो भें कीिड़ की ख
ु
सफ
ू
को ऩनऩत ेदेखा
एभ.ऩी. अजफ है, महाॉ का व्माऩभ गजफ है................
कफ़ल्भी स्िाइर भें ननिे के अचधकारयमो को भॊिी व ्फड़े फड़े ऩदालसनो को नािते देखा
अऩने को शेय कहने व कहरान ेवारो को द
ु
भ दफाकय भ
ु
ह नछऩाते देखा
एभ.ऩी. अजफ है, महाॉ का व्माऩभ गजफ है...................
व्मवस्था के लसऩेसरायो को बगवन की शऩथ के ननिे ही अॊधेयो भें छ
ु
ऩते देखा
इॊसानो के लरए फानी व्मवस्था के ननिे ही इॊसानो को भयते देखा
वाकई, एभ.ऩी. अजफ है, महाॉ का व्माऩभ गजफ है................
सयकाय भें जाने के फाद अचधकतय रोगों का एक ही ध्मेम होता जा यहा हैं कक कैसे - तैसे नई मोजनाओॊ, भ
ु
फ्त
मोजनाओॊ, रोगों के खातों भें भ
ु
फ्त ऩैंसा ववतयण, फड़ी-फड़ी मोजनाओॊ के उद्घािन, ववदेशी भेहभानों के स्वागत भें कयोडों
का बव्म स्वागत, नमे-नमे उत्सव फनान ेके नाभ ऩय धन खित, ककसी बी खाद्म ऩदाथत की कभी व बाव व
ृ
वद् ऩय ववदेश
सेन भहॊगे दाभों ऩय राकय सस्ते भें देने आटद-आटद के तहत फस औय फस सयकायी खजाने से ऩसैं ा ननकारना हैं । मटद
ऩायम्ऩरयक आज के स्रोत िैक्स वस
ू
री को छोड दे तो इसके अरावा कोई नई स्कीभ व सोि नहीॊ हैं । मटद उन्हें इस
तयह की मोजना दे बी दें तो उसको बी घ
ु
भा-घ
ु
भा कय किये का कागजी ढेय फना डारते हैं ताकक इसकी खाद फने औय
उन्हें अनतरयक्त नोिो के रूऩ भें ऊऩय की आम लभर जामे |
मह सफ खित का भ
ू
र उद्देश्म लसपत अऩने वोिो व केडय को ख
ु
श कयना व उनको ननजी धन्धे के नाभ ऩय अनतरयक्त
कभाई कयवाना होता हैं । जफ फात यारि की आती हैं तो..... सन्नािा छा जाता हैं ।