यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
नजय से देख ऩात े है औय कैभये का इस्तेभार कयो तो वो लसपत कऩड़ो के ऩीछे तन तक व िेहये से आगे उसकी

बावबॊचगभाओॊ तक ही ऩह


ॊि ऩात े है | टदर की सोि व टदभाग की सभझ तक नहीॊ ऩह


ॊि ऩाने भें आज बी तकनीक

वारी सभस्मा है |

कई फ


वद्जीवी यारिप्रेभी व जनता के टहतेषी भीडडमा भें बी है इसलरए छोिे स्तयों तक प्रसायण होता है ष्ट्जसे हभ

यारिऩनत व प्रधानभॊिी को बेज देते है ऩयन्त


वजन नहीॊ होने के कायण शामद उनकी िेफर ऩय टिक नही ॊऩाता है |

इतना सफ होने के फाद बी बायत-सयकाय वषो से क


छ कयना नहीॊ िाहती तो उसे काभिोय व भ


फ्तखोय कहने के अरावा

क्मा कहा जा सकता है | अफ आऩ तम कयरे की आऩ, आऩकी सॊताने व देशवासी भेहनत से ऩैसा कभा के ऩेि बय

स्वालबभान से सय उठा कय ष्ट्जना िाहत े है मा बीख भाॊगकय व ष्ट्जल्रत की ष्ट्जॊदगी ष्ट्जना क्मोकक अववरकाय तो भ



रूऩ से एक लभननि भें भय यहे एक इॊसान को फिाने का है | हभ आऩसे राइक, शेमय व अऩने-अऩने ग्र


ऩ भें डारने के

साथ ष्ट्जम्भेदाय रोगों तक ऩह


ॊिाने का अन


योध नहीॊ कयेंगे क्मोकक ववयासतन आऩके जभीय, टदर की भानवीमता औय

भानलसक सभझ बी क


छ होगी |

ढेयो डडिेर व प्रभाण हभाये आचधकरयक ऩेज ऩय उऩरधध है | ष्ट्जसभे पाईर यारिऩनत-भहोदम को बेजने के फाद व ऩहरे

की सबी भॊिारमों की डडिेर है उसभे ववशेष रूऩ से प्रधानभॊिी-कामातरम का बी सभावेश है |

बायत भें अवाडत देने की जो सयकायी प्रकक्रमा हैं उसका याजनैनतकयण ज्मादा हैं उसके लरए स्वतन्ि सॊस्था नहीॊ हैं जो

सीधे यारिऩनत के अन्तगतत व आभ रोगों के नालभनेशन ऩय िीकी हो | अवाड तरेन ेके लरए बी रोगों को काभ से ज्मादा

दो से अचधक क


लसतधायी रोगों के लसपारयश ऩि िाटहए । मटद अन्तयातरिीम स्तय ऩय कोई अवॉडत भीर जामे तो कपय



सी, ऩद, ताकत व फधाई देने के नाभ ऩय ऩैंसो की फोरी के साथ लरपापा देनें भें सधजी फाजाय का ननराभी फाजाय

रगा टदमा जाता हैं । इसे आऩ खेरों भें भेडर रे रेने के फाद जो भाहौर फनामा जाता हैं उसे आसानी से सभझ सकत े

हैं ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ...


ऩहरी फाय बायतीम कैराश सत्माथी को भीरा नोफेर शाॊनत ऩ



रुस्काय


आज हभायी सयकाय का सीना 57 इॊि से प


रकय फड़ा हो गमा क्म


की आजादी के भाि 67 वषत फाद ही लसपत 113 वष त



वत श


रू ह


ए नोफेर ऩ


रुस्काय (शाॊनत) को इन्होने अऩने कयीफन 90 टदन के कामतकार भें प्राप्त कय लरमा | वऩछरे 60

वषत के एकछि शासन भें द


सयी ऩािी की सयकाय ऐसा नहीॊ कय ऩाई | वऩछरी फाय इनके गठफॊधन की सयकाय थी अफ व े



ण तफह


भत से ख


री आखो भें अच्छे टदन के सऩने टदखाकय आमे है | ऐसा वो रोग भानत ेहै ष्ट्जन्हे जनता की सयकाय

ऩय अऩनी ऩािी का लसक्का रगाने की आदत है | कई प्रत्मऺदलशतमों ने फतामा की जफ कैराश सत्माथी के प्रमास से

फार भजद


यो को आजाद होते देखा तो उनके शयीय ऩय उनकी ही चगनती के नॊफय वारी रोहे के लसक्को को गभत कयके

दागने के ननशान थे |

बरा हो नोफेर ऩ


रुस्काय की ननणातमक कभेिी का ष्ट्जसने बायत के जानतवाद वारी याजनीती को बाऩकय ऩहरे ही शाॊनत

को टहन्द


- भ


स्रभान की वप्रिॊ वारी येशभ जैसी कोभर ष्ट्जव्हा से पिन े नही ॊ टदमा औय अऩन े आऩ को फड़े वववाद स े
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