यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
इष्ट्ण्डमा का सऩना साकाय हो यहा है। आॊदोरन के सभथतन भें जो बी िचितत िेहया आमे उसस ेबी शऩथ टदरवामे ताकक जातऩात, ऊि-

नीि, अरग अरग ग


िफाजी, अरग अरग कामतऺेिों भें अॊग्रेजो द्वाया प


ि डारो याज कयो के लसद्ाॊत से फिे देशवालशमो को एक सभान

रूऩ व अचधकाय से देखा जा सके ताकक सयकाय ऩय फातिीत के दौयान प्रनतननचधमों द्वाया ऩऺताऩ


ण तयवमै े के आयोऩ रगने के डय स े



ष्ट्क्त भीर जामे ।

बायत के यारिऩनत भहोदम के ऩास ककसान आॊदोरन की जानकायी कान


न ऩह


ॊि गई है व दो कयोड़ ककसानो के साईन वारे दस्तावेजों

से कॊफ्म


ज हो गमे है औय इतने रोगो के दस्तावेजों को प्रभणणत कयने के कायण अऩने 400 कभये के भहरन


भा बवन से ननकरना तो



य झाॉक बी नहीॊ ऩा यहे है। इसलरए औसतन प्रनतटदन एक ककसान की भोत के फाद बी देश के प्रथभ नागरयक के दानमत्व को बी ब



गमे है। शऩथ से डािा ऑनराइन होने से उन्हें राखो की तनख्वाह भें कयोडो वारे जाॊिने वारे काभ से भ


ष्ट्क्त भीर जामेगी ।

हभ नमे फने तीन क


वष कान


नों ऩय ककसी के ऩऺ भें नहीॊ है, दोनों ऩऺों की फातो भें जो सही है उसके साथ है व इस इन्तजाय भें है कक

सॊसद के द्वाया जनता के नौकयों के भाध्मभ से कोई बी कान


न फन जाने के ऩश्च्मात उसको हिाने व कलभमों को द


य कयने के लरए

सॊववधान के अन


साय देश के भालरक मानन आभ रोगो की सभझ व ऩयेशाननमों के ब


गतबोगी होने ऩय उनके आदेशों मा भाॊग को

कान


न भें ववचधवत शालभर कयने के लरए कौनसी व्मवस्था फनाई जाती है ताकक प्रत्मेक आॊदोरन जो भ


र रूऩ से कान


न के फनने,

हिाने मा फदरने से होते है उस रोकतॊि की सफसे फड़ी सभस्मा को सदैव के लरए ऽत्भ ककमा जा सके ।

सत्माऩन ..... ...... ... - -


आऩके वैऻाननक-ववश्रेषण की सच्चाई ऩय स



प्रीभ कोिष के चीप जब्द्स्िस ने बी भोहय रगाई।


खफय :- ककसान आॊदोरन: योड आऩने ही धरॉक कय यखा है- स


प्रीभ कोित भें सॉलरलसिय जनयर से फोरे िीप

जष्ट्स्िस

6 टदसॊफय 2020 को हभने लरखा......

इस भाभरे ऩय कान


न स


प्रीभ कोित बी क


छ नहीॊ कय सकता क्मोंकक सैद्ाॊनतक व आॅॎन ऩेऩय ककसानों ने सडक जाभ

नहीॊ कय यखी है अवऩत


वो तो टदल्री जा यहे हैं। सयकाय ने उन्हें जाने से यास्ते भें योक यखा है इसलरए सडकों ऩय

इतना ह




भ रग गमा है औय जाभ हो गई है। कान


न की भानें तो कोयोना कार भें सयकाय इस तयह की बीड ऩैदा कय

ककसानों को भौत के भ


ॊह भें धकेर यही हैं व देश भें कोयोना वामयस के सॊक्रभण को पैरा यही हैं।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


बायत के हाथ क्मा आएगा...... इस नई आतॊकवाद के खखराप रड़ाई भें!


खफय:- फ़्ाॊस ऩय भ


ॊफई हभरो की तजत ऩय लसरलसरेवाय फॉभ धभाको से आतॊकवादी हभरा

बायत भें आमे टदन कही न कही आतॊकवादी हभरे होते यहते है ....... हभ रोग हभेशा इसकी िासदी को ख


री आखो स े

देखते है व रगाताय अऩनों को खोने व कटहमो के शयीय के अॊगो को खो देने का गभ लरए ब


गत यहे है.......

........ इसलरए हभ त


यन्त द


ननमा भें ककसी बी देश ऩय आतॊकवादी हभरे की ननदॊ ा कयते है औय ख


रा सभथतन अचग्रभ

रूऩ से थारी भें ऩयोस देते है |
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