यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
की बानत सयकाय ही तम कयेगी अथाततत अभीय फनाने की जाद


ई छड़ी सयकाय के ऩास यहेगी | इस प्रकाय एक गयीफ

आदभी की औसतन भालसक आम कयीफन ऩाॊि हजाय रुऩमे व भध्मभ वगत की दस हजाय से ज्मादा | अत्: कान


नन इस

देश भें कोई गयीफ नहीॊ यहा व भध्मभ वगत आमकय के दामये भें आ गमा अथाततत धनवान हो गमा | आऩका भानना मा

न भानना सफसे शष्ट्क्तशारी सॊसद के साभने नगण्म है |

भोदी सयकाय ने लसपत एक वषत भें आऩके अच्छे टदन रा टदए अफ उन्हें िाय सार तक तो ववदेशो भें घ


भने दो | ऩहरे

ही वो ददत प्रकि कय ि


के है की आऩने उन्हें द


सयी सयकायों की तयह हनीभ


न ऩीरयमड बी एन्जॉम नहीॊ कयने टदमा |

सत्माऩन ..... ...... ... 07 - 04 - 2019


"वैऻाननक-ववश्रेषण की च



नाव ऩ


व षचौतयपा सब्द्जषकर-स्राइक"


* आऩ सभम ऩय वैऻाननक-ववश्रेषण ऩढ़ते तो िाय वषत ऩहरे ही गयीफो के फैंको भें राखो रुऩमे फकैं ो भें ऑनराइन जभा

कयके प्रधानभॊिी, सदी भें भहाऩ


रुष व इॊसाननमत के भसीहा फन जाते

* फीजेऩी की 6000 रुऩमे वावषतक, काॊग्रेस की 72000 वावषकत व अन्म दरों की ऩैसा िाॊसपय कयने की मोजना का वो

नछऩा खेर सभझे ष्ट्जसके दभ ऩय सबी गयीफी लभिाने की ह


ॊकाय बय यहे है |

आभ-ि


नाव - 2019 की प्रकक्रमा श


रू हो गई है व हय याजनैनतक दर औय सत्ता की क


सी हालसर कय रेने का रारिी

गयीफो की गयीफी द


य कय देने की अऩने अधीनस्थो के द्वाया फनाई मोजना का ऩीिाया फजा स्वमॊ कयोड़ऩनत व अयफऩनत

फनत ेजा यहा है व आभ रोगो को गयीफी से भ


ष्ट्क्त ऩाने के लरए ऩहरे वोि रेना िाह यहे है |

ऩैसा देने की मोजनाओ के भ


र आधाय असरी भें ककसे, ककस आकरन, ककन दस्तावेजों के सहाये ककतना ऩैसा कौनसी

प्रकक्रमाओॊ के फाद लभरेगा उसे छोड़ फहस को इस टदशा भें घ


भा दी गई की इतना ऩैसा आमेगा कहा से.... इससे ऩहरे

देश भें हय याजनैनतक दर भें सत्ता भें आने के फाद कई स्कीभों का ऐरान ककमा ऩयन्त


रोग अवाक व ननशधद यह गम े

जफ उनके हाथो भें दो, ऩाॊि व दस रुऩम े के िके ऩकड़ा फेवक


प फनाने का अहसास कयामा गमा | इस फाय बी ऐसा ही

होगा औय ि


नाव के फाद इतन ेही ऩैसे फकैं के खातों भें आमेंगे |

इस तयह के साध


व करम


ग के बगवान को फनाने भें हभायी सयकायें, व्मवस्था ककस तयह प्रेरयत कयते हैं वो आऩ इस

ववश्रेषण से सभझे |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


सॊत याभऩार की चगयफ़्तायी ऩय फवार


सॊत याभऩार न ेस्वमॊ अऩने आऩ को सॊत कफीय का अवताय व बगवान फनामा है मा हभाये वोि से ि


नी ह


ई सयकाय ऩय

अऩने ऩरयवाय व खानदान का जनभ लसद् अचधकाय भानने वारे िॊद रोगो व अऩनी ऩािी का लसक्का रगाने वारो न े

उसे फनामा | इससे बी आगे जाकय मह रोकतॊि भें ऩहरे भ्ररिाय, वोि फकैं की याजनननत व सववधान को व्मष्ट्क्तवाद व

प्रनतवाद से तोड़ पोड़ कयके उसभे फदराव कयन े का प्रनतपर है | जो आजादी के फषो फाद बी अन्धववश्वास, गयीफी,

फेयोजगायी, अलशऺा को कैभया के परेश वारी जगभगाहि के ऩीछे भज़फ


यी के फोझ तरे दफाकय भजफ


य तॊि की औय
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