सभझा..............
आऩ हभाये लभि है औय आऩ भें से कोई जास
ू
स नहीॊ (ववशेष तौय ऩय ऩाककस्तान के), नहीॊ तो हभायी 01 - 12 - 2014
को कयी ऩोस्ि के फाये भें द
ु
सयो को फता देते | हभ आयाभ से याबि भें नीॊद ननकर सकते है क्मों की हभाये नेिवकत भें
कोई जास
ू
स / खफयी नहीॊ जो ऩीछे से शेमय कयके याज उजागय कय दे इसलरए आऩका श
ु
कक्रमा श
ु
कक्रमा..............
हभन े अऩनी ऩोस्ि "Again Forward last year message on AIDS DAY "1 December" को कई अखफायों व
न्म
ू
ज़ िैनेल्स की िाईभराईन व भैसेज भें बेजा | मे कोई गरी भोहल्रे व न
ु
कड़ फहस टदखाने वारे नहीॊ व िाम के ठेरे
ऩय फ्री की िाम ऩीकय टदखाने वारे नहीॊ अवऩत
ु
सटदमों से भहान व वास
ु
देव क
ु
ि
ु
म्फकय वारे बायत यारट्य के यारिीम
स्तय के कहने वारे थे | हभायी ऩोस्ि ऩय नाभ बी ननि ेदजत था व डारा बी वैलरड आई ऩी एरेस वारे इॊियनेि अकाउॊि
से इसलरए हभे फक्श टदमा अन्मथा कई भीडडमा वारे बफना नाभ, ऩते वारे कागज ऩय इतना फवार भिात े है की
आतॊकवादी सॊगठन देश की धयती ऩय ऩैय ही नहीॊ यखते द
ू
य से फैठ कय काभ िरा रेते है |
एक इन्शान भय जामे तो इतनी ख
ू
न ऩसीने वारी म्हणत कयते है की फड़ ेसे फड़े भॊिी, अचधकायी को घ
ु
िने क्मा घिना
स्थर ऩय रेकय िेकते है | मह तो लसपत भाभ
ू
री एक लभनि भें एक इन्शान के रगाताय भयन ेका भाभरा है जफ उसको
योकने का उऩाम भौज
ू
द हो | साये आचथतक व व्मष्ट्क्तगत पामदे तो यारिऩनत भहोदम को लरखकय बेज टदए अफ फिा
क्मा है जो कैभया टदखा सके व अऽफाय छाऩ सके | हभ चगडाड़ामे नहीॊ, अऩनी भज़फ
ू
यी का योना योमे नहीॊ, ऩानी की
िॊकी मा राइि के खम्फे ऩय िढ़कय ऩष्ट्धरक को एक्रबित कय ऩ
ु
लरस को फ
ु
रामे नहीॊ, रोगो की ष्ट्जॊदगी फिाने के लरए
कैभये ऩय आकय बीख भाॊगे नही, ॊ भयते व तड़ऩत ेरोगो की वीडडमो रयकॉडडगिं उऩरधध कयामे नहीॊ तो भीडडमा (ष्ट्जसे आऩ
रोग रोकतॊि का िौथा स्तम्फ कहते है) खफय फतामे कैसे | हभें आतॊकवादी भाना नहीॊ अन्मथा सात सभ
ु
न्दय ऩाय द
ू
सये
देशो भें खोजी ऩिकाय बेजते है वैसे ही हभाये ऩीछे रगा देत े | सोशर भीडडमा (पेसफ
ु
क, ट्वविय, लरॊकडडन) ऩय एक
राइन के कभेंि ऩय सेकड़ो प्रनतननचधमों व हज़ायो भॊबिमो के स्िेिभेंि रे रेते ऩय हभें आतॊकवादी भाना नहीॊ इसलरए
इतनी फड़ी ऩष्ट्धरकरी रेिय को क
ू
ड़े भें डारा नहीॊ ........ जफ ज्मादा रोग भयेंगे तफ िाइभ का भनी कॎश कय ऩाएॊग े
रगता है ऐसा सोंिकय सहज कय यख लरमा |
श
ु
कक्रमा श
ु
कक्रमा इन रोगो का कोटि कोटि श
ु
कक्रमा की हभें आतॊकवादी भाना नहीॊ अन्मथा हभाये, यहने, खाने ऩीने व
कऩड़ो ऩय फहस छेड़ देते | कई ऩिकायों ने ऩहरे यारिऩनत बवन फ़ोन रगाकय जानकायी भाॊगी, हभने साडी प्रकालशत
खफये यारिऩनत बवन बेज दी ऩय ककसी के कोई पकत ऩड़ा नहीॊ क्मों की ख
ू
न से रथ-ऩथ इॊशानी (ऩ
ु
रुष औय स्िी) राशो
को उसभे वजन के रूऩ भें यखा नहीॊ | कई भॊिारम के ननिे से उप्ऩय तक अचधकारयमो को अखफायों व िैनरों की सहज
बाषा भें रोगो के भयने की खफये बेजी ऩय क
ु
छ ह
ु
आ नहीॊ क्मों की हभने आतॊकवादी की तयह लरफ़ाफ़े भें पिने वारा
फॉभ बेजा नहीॊ श
ु
क्र है हभे आतॊकवादी सभझा नहीॊ |
हभ रव जेहादी के साथ ज
ु
ड़े नहीॊ, हभने लसरय ककलसगॊ का पोिो ऩोस्ि कया नहीॊ, अववरकाय ऩय अधतननन व कभ कऩड े
वारी भॉडर का पोिो रगामा नही, ॊ ष्ट्जम्भेदाय रोगो के साथ जानवय का पोिो जोड़ा नहीॊ, आतॊककमों की तयह लसरयॊज
फॉभ फनामा नही ॊउससे फच्िो को िेननगॊ का वीडडमो म
ु
- ट्म
ू
फ ऩय डारा नहीॊ लसपत द
ू
ध ऩीते अफोध फच्िो व इनके भन
ु
रम
जानत के रोगो के भयने की आचधकारयक ऩ
ु
ष्ट्स्ि वारे आॊकड़े व चगनती फताई इसलरए श
ु
क्र है इन्होने हभे आतॊकवादी
सभझ नहीॊ |