यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
कारी ऩट्टी फन्दी भ


त तके ऩीछे छ


ऩने-छ


ऩाने का खेर िरेगा ऩयन्त




छ वषो ऩ


वत "ऑकपस ऑफ़ प्रॉकपि" भाभरे भें ष्ट्जस

तयह नमा कान


न फना नाभिीनी सेकड़ो याजनेताओ को फिा उच्ितभ न्मामारम को एक तयप धकेरा था वो अफ ककसी

को छ


ऩने नही ॊदेगा |

इसभे याज्मों की फढ़ती तादाद आगे जानत के रोगो की सॊख्मा के त


ल्म आयऺण प्रनतशत ऩय जाकय टिकेगी जो ऩहरी

फाय जानत आधारयत जनगणना का उदबव ह


आ जहयीरा पर होगा | मह जहय धन के रेन-देन ऩय आधारयत कामो औय

जानवयो से लबन्न इॊसानी सभझदायी के साभाष्ट्जक व व्मवस्था के ताने-फाने को गरा देगा जो लसस्िभ के ताफ


त की

आखयी कीर साबफत होगा |

इसी फीि असरी िकयाव होगा सोि के फढ़ते ववकास के साथ व ष्ट्जम्भेदायों के "यारि" के प्रनत जनता के कततव्म के



फ्त ऻान फािने से | साभाष्ट्जक सॊगठन की सोि से यारिीम सोि के भध्म ऺेिीम व भानवीम जानत की साभ


टहक सोि

को ववरोवऩत कयना फड़े गड्ढे का ननभातण कयेगा | मे गड्ढे छोिे-भोिे नेताओॊ, ि


नाव के ऩाटितमो का टिककि हालसर कय

राने वारे नेताओ व उनके अॊधबक्त लसऩेसरायो के धन, भान, भन को अऩने भें खीिते यहेंगे |

याजनैनतक ऩाटितमो, साभाष्ट्जक व जानतमाॉ सॊगठन सबी सोि के एक ही ऩावदान भें आते है इसलरए सॊसद,

ववधानसबाओ, ऩालरकाओॊ, ऩॊिामतो के प्रनतननचध जनता व साभाष्ट्जक सॊगठनो के है मा याजनैनतक ऩाटितमो के, इसी

खीॊितान के भध्म भाभरा यैलरमों व जनसम्ऩको भें िप्ऩरो, ज


तो से आगे ननकर जामेगा |

महाॉ लसपत एक ही उऩाम है कान


न न्मानमक आमोग के भाध्मभ से जानतमाॉ आयऺण से आचथतक स्तय के आयऺण की

तयप फढ़ने का ऩयन्त




यान ेढय


को छोड़ "वैऻाननक-प्रफॊधन" के लसद्ान्त से काभ कयके | मह वो तयीका है ष्ट्जसे इॊियनेि

ऩय उऩरधध द


ननमा को कोई बी सित इॊजन क


छ नहीॊ फताता |

मह उऩाम लसपत अगरे ऩाॊि वष त तक ही साथतक यहेंगा क्म


कक धन के भाध्मभ से अभीयी व गयीफी भें रोगो को फािना

याजनीनत लसद्ान्त का "दाभ-बेद" का सम


क्त ऩरयिारक है | ऐसे ही आगे सभम यहते स्वस्थ रोकताष्ट्न्िक प्रकक्रमा स े

जोड़ना ही ऩड़गे ा |

मटद क


छ नहीॊ कया तो सभम तो आगे फढ़ता यहेंगा व सबी को श


न्म की तयप रे जामेगा महाॉ श


न्म ऩ


णत बफखयाव है

औय ववकलसत रोकतॊि व्मवस्था का सजतन बी | सटदमों का ऻान व द


ननमा को बायत का टदमा ववऻान का "श


न्म"

उऩहाय बी मही लसखाता है की स्थाईत्व है तो लसपत "श


न्म" | इस श


न्म का एक नभ


ना यारिऩनत भहोदम को बेजा जा

ि


का है जो इस ऩ



स्तक के कवय ऩेज ऩय भौज



द हैं ।


सत्माऩन - आयऺण को रेकय देश बय भें जो बी खफय फनती गई वो इसकी एक-एक राईन को धयातर ऩय फदरती गई |

इसे हभ रगाताय हय खफय के साथ पोयवडत कय यहे हैं व कयते यहेंगे | इन सबी को ववस्ताय से फताना सम्बव नहीॊ इसलरए हभ अगरे



छ भटहनों की घिनाओ ॊका सभावेश कय यहे हैं ।

28 - 11 - 2015 यारिीम जनता दर के प्रभ


ख ने कहा "आफादी के आधाय ऩय रेंगे आयऺण"

06 - 12 - 2015 आयऺण व अन्म भ


द्दों ऩय अरग-अरग सभाज एकबित होने रगे

23 - 01 - 2016 जानतगत आयऺण के यहन


भा आऩस भें सॊगटठत होने रगे

15 - 03 - 2016 पयवयी भें ह


आ हरयमाणा भें जफयदस्त जाि आॊदोरन

17 - 03 - 2016 यारिीम स्वमॊ सेवक ने आयऺण को रेकय अऩनी याम जाटहय करय औय आऩके वैऻाननक-ववश्रेषण की याह्

ऩय आमा

12 - 05 - 2016 ग


जयात भें ह


आ ऩािीदाय जेर बयो आॊदोरन औय सयकायी तौय ऩय भाभरा खत्भ होने की ओय

02 - 06 - 2016 हरयमाणा ओय ग


जयात भें सयकाय द्वाया टदए आयऺण हाईकोित भें अिके
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