biranishri
(Biranishri)
#1
कारी ऩट्टी फन्दी भ
ू
त तके ऩीछे छ
ु
ऩने-छ
ु
ऩाने का खेर िरेगा ऩयन्त
ु
क
ु
छ वषो ऩ
ू
वत "ऑकपस ऑफ़ प्रॉकपि" भाभरे भें ष्ट्जस
तयह नमा कान
ू
न फना नाभिीनी सेकड़ो याजनेताओ को फिा उच्ितभ न्मामारम को एक तयप धकेरा था वो अफ ककसी
को छ
ु
ऩने नही ॊदेगा |
इसभे याज्मों की फढ़ती तादाद आगे जानत के रोगो की सॊख्मा के त
ु
ल्म आयऺण प्रनतशत ऩय जाकय टिकेगी जो ऩहरी
फाय जानत आधारयत जनगणना का उदबव ह
ु
आ जहयीरा पर होगा | मह जहय धन के रेन-देन ऩय आधारयत कामो औय
जानवयो से लबन्न इॊसानी सभझदायी के साभाष्ट्जक व व्मवस्था के ताने-फाने को गरा देगा जो लसस्िभ के ताफ
ू
त की
आखयी कीर साबफत होगा |
इसी फीि असरी िकयाव होगा सोि के फढ़ते ववकास के साथ व ष्ट्जम्भेदायों के "यारि" के प्रनत जनता के कततव्म के
भ
ु
फ्त ऻान फािने से | साभाष्ट्जक सॊगठन की सोि से यारिीम सोि के भध्म ऺेिीम व भानवीम जानत की साभ
ू
टहक सोि
को ववरोवऩत कयना फड़े गड्ढे का ननभातण कयेगा | मे गड्ढे छोिे-भोिे नेताओॊ, ि
ु
नाव के ऩाटितमो का टिककि हालसर कय
राने वारे नेताओ व उनके अॊधबक्त लसऩेसरायो के धन, भान, भन को अऩने भें खीिते यहेंगे |
याजनैनतक ऩाटितमो, साभाष्ट्जक व जानतमाॉ सॊगठन सबी सोि के एक ही ऩावदान भें आते है इसलरए सॊसद,
ववधानसबाओ, ऩालरकाओॊ, ऩॊिामतो के प्रनतननचध जनता व साभाष्ट्जक सॊगठनो के है मा याजनैनतक ऩाटितमो के, इसी
खीॊितान के भध्म भाभरा यैलरमों व जनसम्ऩको भें िप्ऩरो, ज
ू
तो से आगे ननकर जामेगा |
महाॉ लसपत एक ही उऩाम है कान
ू
न न्मानमक आमोग के भाध्मभ से जानतमाॉ आयऺण से आचथतक स्तय के आयऺण की
तयप फढ़ने का ऩयन्त
ु
ऩ
ु
यान ेढय
े
को छोड़ "वैऻाननक-प्रफॊधन" के लसद्ान्त से काभ कयके | मह वो तयीका है ष्ट्जसे इॊियनेि
ऩय उऩरधध द
ु
ननमा को कोई बी सित इॊजन क
ु
छ नहीॊ फताता |
मह उऩाम लसपत अगरे ऩाॊि वष त तक ही साथतक यहेंगा क्म
ु
कक धन के भाध्मभ से अभीयी व गयीफी भें रोगो को फािना
याजनीनत लसद्ान्त का "दाभ-बेद" का सम
ु
क्त ऩरयिारक है | ऐसे ही आगे सभम यहते स्वस्थ रोकताष्ट्न्िक प्रकक्रमा स े
जोड़ना ही ऩड़गे ा |
मटद क
ु
छ नहीॊ कया तो सभम तो आगे फढ़ता यहेंगा व सबी को श
ु
न्म की तयप रे जामेगा महाॉ श
ु
न्म ऩ
ू
णत बफखयाव है
औय ववकलसत रोकतॊि व्मवस्था का सजतन बी | सटदमों का ऻान व द
ु
ननमा को बायत का टदमा ववऻान का "श
ु
न्म"
उऩहाय बी मही लसखाता है की स्थाईत्व है तो लसपत "श
ु
न्म" | इस श
ु
न्म का एक नभ
ू
ना यारिऩनत भहोदम को बेजा जा
ि
ू
का है जो इस ऩ
ु
स्तक के कवय ऩेज ऩय भौज
ू
द हैं ।
सत्माऩन - आयऺण को रेकय देश बय भें जो बी खफय फनती गई वो इसकी एक-एक राईन को धयातर ऩय फदरती गई |
इसे हभ रगाताय हय खफय के साथ पोयवडत कय यहे हैं व कयते यहेंगे | इन सबी को ववस्ताय से फताना सम्बव नहीॊ इसलरए हभ अगरे
क
ु
छ भटहनों की घिनाओ ॊका सभावेश कय यहे हैं ।
28 - 11 - 2015 यारिीम जनता दर के प्रभ
ु
ख ने कहा "आफादी के आधाय ऩय रेंगे आयऺण"
06 - 12 - 2015 आयऺण व अन्म भ
ु
द्दों ऩय अरग-अरग सभाज एकबित होने रगे
23 - 01 - 2016 जानतगत आयऺण के यहन
ु
भा आऩस भें सॊगटठत होने रगे
15 - 03 - 2016 पयवयी भें ह
ु
आ हरयमाणा भें जफयदस्त जाि आॊदोरन
17 - 03 - 2016 यारिीम स्वमॊ सेवक ने आयऺण को रेकय अऩनी याम जाटहय करय औय आऩके वैऻाननक-ववश्रेषण की याह्
ऩय आमा
12 - 05 - 2016 ग
ु
जयात भें ह
ु
आ ऩािीदाय जेर बयो आॊदोरन औय सयकायी तौय ऩय भाभरा खत्भ होने की ओय
02 - 06 - 2016 हरयमाणा ओय ग
ु
जयात भें सयकाय द्वाया टदए आयऺण हाईकोित भें अिके