यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
से फनामे ग्र


ऩो के भाध्मभ से जनता को उसकी ये सभझाने के लरए झ


ठ को सौ फाय फ


रवा-फ


रवा के सि भें फदरने की

साभाष्ट्जक इॊजननमरयॊग के पॉभ


तरे का इस्तेभार कय यहे है |

सोशर भीडडमा के भाध्मभ से सेकॊड दय सेकॊड पॉयवडत कय वऩछरे 60 वषो के सभम को ऩाय कयने की होड़ भिी है

ताकक इसके ह


ए व होने वारे न


कसान को सभझामा जा सके |

एक ननष्ट्श्ित दामये, कॊऩनी, सॊगठन, ऺेिवाद सभ


ह से आचथतक, साभाष्ट्जक, धालभतक रूऩ से फॊधे सराहकाय सभम की

गभी को बाऩकय मह फताने, सभझाने व काि


तन फनाकय द


ध का द


ध साबफत कयने के लरए रगे ऩड़े है कक आयऺण

बववरम भें हभें कहा तक फािॉ डारगे ा जैस: े - ऑऩयेशन के सभम डॉक्ियों की िीभ का ि


नाव जानतवाद के प्रभाण-ऩिो से

|

मह सफ ह


ई आभ फाते ऩय वाकई भें हाथ क्मा आमेगा उस ऩय ही ववऻान के लसद्ान्त अन


साय योशनी डारना ज्मादा

जरुयी है क्म


कक द


ध का जर छाछ को बी प


क भायकय ऩीता है औय भण्डर व कभॊडर से फड़ी भ


ष्ट्श्कर से छ


िा इन्शान

भराई को ऩहरे िि कयके कपय भक्खन के लरए योड ऩय ननकरन ेरगा है |

आयऺण व जानतवाद की आग भें इतना लभश्ण हो जामेगा की उसे ऩ


थक कय ऩाना असॊबव हो जामेगा | इससे सोि

फढ़कय साभाष्ट्जक स्तय की हो जाएगी | इसके फीि फीि भें ऩ


लरस का डॊडा, सेना का भाित, रार फत्ती का सामयन, क


सी

की िभक व ऩद का ग


रुय आग के लरए "घी" का काभ कयेंगे | सभम-सभम ऩय शाष्ट्न्त टदखाई देगी ऩय शोरे भें दफी

आग हभेशा ऩहरे से ज्मादा फड़ी रऩिों के साथ ननकरती यहेगी |

याजनीती व ि


नाव आमोग के याज्मों भें ई वी एभ भशीन भ्रभण के साथ-साथ स


य-तार फदरते यहेंगे | जहा ष्ट्जस जाती

के रोग ज्मादा होंगे ऊि को उसी कयवि बफठा टदमा जामेगा | ि


नाव का यॊग व सीिो के जीत-हाय वारे सवो के सि

जाटहय होने रगेंगे तो मह ऊि द


फाया सीधा खड़ा हो जामेगा |

ववदेशो भें घ


भ-घ


भ वह बफखये ऻान को फिोय राने वारे लसपत एक ही उऩाम भोिी पीस के साथ देते टदखेंगे की आयऺण

जानत के आधाय ऩय नहीॊ आचथतक आधाय ऩय देना श


रू कय दो | इसका ऩरयणाभ छोिे ऺेि ववशषे वारे दर बड़केंगे ऩय

इनके नेताओ के ब


तकार के कारे अऺय वारे अॉधेये व बववरम की फारयश के कारे फादरों के अॊतय को जनता सभझन े

रगेगी जो बफजरी की िभक के बाॊनत ऻान-प्रकाश व सभम से ऩ


लरस की बाॊनत रेि नही ॊऩहरे ऩह


ॊिे सोशर भीडडमा के

पॉयवड तसे दो औय इससे अचधक जानतमों को आऩस भें हाथ-ऩैय वारी लबड़ॊत से फिामेगी |

फड़े ऻानी, सफर, फाह


फरी, याज की िाह वारे नेताओ के ऩहरे आयऺण की भराई त्माग के सभऩतण से फि ननकर िरे

जाने से बववरम की फारयश से ऩहरे चगये नछिो से भािी की ख


शफ


भहकती यहेगी |

सॊसद, ववधानसबा, सयकाये, ष्ट्जम्भेदाय रोग एक होने रगेंगे व आयऺण को रेकय एक आमोग फनाने को तैमाय हो

जामेगे वह बी व्मष्ट्क्तवादी रोगो के अऩनी-अऩनी नाक का अहसास कयने के फाद | प्रत्मेक छोिा-भोिा याजनेता अऩनी

अऩनी ऩािी के यॊग का झॊडा रेकय सफसे आगे खड़ा हो जामेगा क्म


कक उसे आमोग का कामकत ार फढ़ाते यहना, जज का

फदरना, बफर को पाड़ डारना, शोय-शयाफ े से फोरते भ


ॉह ऩय ऩदात डार देना आटद ऩािी लशऺा के प्रभाण-ऩि का

गोल्ड़भेडर सीने ऩय िॊगे होने का आत्भववश्वाश उन्हें टदराता यहेगा | मह आमोग सदस्मों की सॊख्मा औय उसके िेहयों

को रेकय आयऺण की जानतवाद के खेर भें साऩ-सीढ़ी के कोनसे नॊफय ऩय ननगर लरमा जामेगा वो ऩता तक नहीॊ िर

ऩामेगा |

सयकायों द्वाया 50 पीसदी की उच्ितभ न्मामारम की आयऺण सीभा द्वाया ज्मादा आयऺण कयके न्माम की आखो ऩय
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