biranishri
(Biranishri)
#1
से नोि चगन जाने के कायन फेकाय औय फेयोजगाय यहते है इसलरए अचधक भेहनत व काभ कयने की मोजना फनाई है |
इसकी ताकत अऩयम्ऩाय औय इसकी ताकत की आत्भा सववधान की फात ही ननयारी है | मटद महाॉ ककसी कॊऩनी के
उत्ऩाद का नाभ कोई द
ू
सया इस्तेभार कय रे तो सववधान के कान
ू
न के तहत उसे कयोडो के दॊड के साथ जेर की हवा
बी खानी ऩद जाती है ऩयन्त
ु
सॊसद , सववधान के नाभ का क्मा? कोई बी हभायी ऩािी का सववधान , हभाये जात की
सॊसद, इसके ऩॊिामत आटद भ
ू
र शधदों का इस्तेभार कयता है ऩयन्त
ु
क
ु
छ होता नहीॊ आणखय कॉऩीयाइि कान
ू
न सॊसद ,
सववधान औय अफ भॊटदय से फड़ा कैसे हो सकता है |
हभें योज स
ु
फह अखफाय की ऩहरी राइन व शाभ के प्राइभ िाइभ भें मह फतामा जाता है की भॊटदय भें मटद गरत
आदभी (इसकी ऩरयबाषा तम नहीॊ) , द
ु
रि, अन्नमामी, अऩयाधी, ऩाऩी िरा जामे तो उसे गॊगा जर (कपल्भी वारा नहीॊ),
ग
ु
राफ जर आटद से धोने की आदत है | अफ धभ तसॊकि मह हो गमा की अफ सॊसद को भॊटदय फनाने ऩय इसे हय ऩर
ककससे व ककसे धोएॊगे क्मों की इसके आधे रोग शेष को दोषी, अऩयाधी, गरत सोि व सभस्माओॊ के भ
ू
र कायक फताते
है शेष आधे ऩहरे वारो को | जफकक सववधान के ऩन्ने हवा भें ऩरि ऩरि कय कान
ू
न के भाध्मभ से इसभे फैठे रोगो
भें से कइमों के नाभ फाह
ु
फरी , फरात्कायी, घोिारेफाज, हत्माया, धोखेफाज फताती है | हभ तहे टदर से इस सॊसद के
भालरकाना ह़ वारी आभ जनता के श
ु
क्रवाय औय शननवाय है जो सभम की िार को सभझकय गॊगा जर की सपाई व
झाड़
ू
के भाध्मभ से स्वछता अलबमान भें अग्रसय है |
हभ तो गॊगा भैय्मा औय उसके अन्म नदी फहनो से घफयाहि हो यही है जो आजकर स्वमॊ रोगो के घय जाकय ऩाऩ धोने
भें ववश्वाश कयने रगी है आणऽयकाय द
ू
सये भॊटदयो भें ववयाजभान बगवानो का काभ जो कभ कयना है ताकक उनकी
अन
ु
कम्ऩा व दमा दृष्ट्स्ि फनी यह सके |
बायतीम सॊववधान एक हैं ऩयन्त
ु
उसके अन
ु
साय भाभरों ऩय अरग-अरग भतरफ फतामे जाते हैं । इसके अन
ु
साय कान
ू
न
फनामे जाते हैं ऩयन्त
ु
वो बी सबी के लरए एक जैसे न होकय अरग -अरग रगते हैं । इस कायण देशवालसमों भें इसके
प्रनत ववश्वास कभ होता हैं । इसभें कोई गरती हैं तो उसे स
ु
धाया जाना िाटहए , मह बी ननमभान
ु
साय सही कदभ हैं
क्मोंकक उसी ननमभ के तहत आऩने कई सॊववधान सॊसोधन देखे हैं । मटद मह सॊसोंधन कई ज्मादा हो तो उन्हें एक साथ
आऩस भें सभन्वम फनाकय कयने को ववऻान की तकनीकक बाषा भें अऩडेि / सभमान
ू
क
ु
र कहते हैं । इसे रोगों की आभ
बाषा भें जीणोधाय कहते हैं ष्ट्जसका उऩमोग हय योज वे अऩने भकानों औय धालभतक स्थरों के लरए कयते हैं ।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
सॊववधान के तहत ऩहरे छात्रों को भाकषशीि देनी चाटहए फपय ऩयीऺा होनी चाटहए!
खफय:- कनातिक ववधानसबा ि
ु
नाव - 2018 के बिशॊक
ु
ऩरयणाभ के ऩश्मात हय घडी जायी है सॊववधान की व्माख्मा
का ऻान देना
कनातिक ववधानसबा ि
ु
नाव भें ककसी को फह
ु
भत न लभरने व याज्मऩार द्वाया ि
ु
नाव ऩश्िात
्
फने ग ढ़फॊधन की
अॊकगणणत की अचधकता को छोड़ अऩने वववेकाधीन से उससे कभ अकॊ मोग वार े सफसे फड़ ेदर को सयकाय फनाने के
लरए आभॊबित कयना व याजबवन के फाहय ष्ट्जन्दा ववधामकों की अऩनी-अऩनी भ
ु
ॊडी चगना कय कयी ऩयेड ऩय ववश्वास न