यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
कयना वववाद को ववकयार कय गमा |

इस वववाद ऩय ऐनतहालसक उच्ितभ न्मामरम का यात को रगना व फड़े - फड़ ेववशेषऻों द्वाया सॊववधान के ववश्रेषण का

ऻान फाॊिने से देश की जनता व वोिय फड़ी ऩयेशानी भें ऩड़ गमे | हभेशा की तयह इस फाय बी उनको कोई पकत नहीॊ

ऩड़ता ऩयन्त


स्क


र, कॉरेज जाते उनके फच्िे िीवी प्रसायण से सॊववधान सभझ गमे व उनके साथ होते आ यहे घोय

अन्माम से उद्वेलरत होने रगे |

रोकसबा व ववधानसबा ि


नाव के फाद यारिऩनत व याज्मऩार सफसे फड़े दर के नेता मा ि


नाव ऩ


वत व ि


नाव फाद फने

सफसे फड़े गढ़फॊधन के नेता को फ


राकय प्रधानभॊिी मा भ


ख्मभॊिी फना देते है व शऩथ टदरवा ऩ


यी सत्ता का अचधकाय दे

देते है व कहते है कक इन ननधातरयत टदनों भें रोकसबा मा ववधानसबा के ऩिर ऩय साबफत कयो कक आऩके ऩास

प्रधानभॊिी मा भ


ख्मभॊिी फनाने रामक जरुयी सभथतन है मा नहीॊ ...

इस ऩयीऺा भें प्रधानभॊिी मा भ


ख्मभॊिी पेर हो जाता है तो उसे ऩड़ से इस्तीपा देना ऩड़ता है ऩयन्त


इसका खालभमाजा

देश की जनता व म


वा ऩीढ़ी को जीवनबय ब


गतना ऩड़ता है | इन व्मष्ट्क्त को अफ ऩ


ये जीवन बय उस ऩद के अन


रूऩ

ऩेंशन, आदय, फॊगरा व सायी स


ववधाएॊ देनी ऩड़ती है | फच्िो को बी जफयन ऩ


ये जीवन बय ककतने प्रधानभॊिी व



ख्मभॊिी फने वो माद यखना ऩड़ता है उसकी जीवनी ऩढ़नी ऩड़ती है ताकक वो ऩयीऺाओॊ भें उचित जवाफ देकय ऩास हो

सके |

इस तयह भ


ख्मभॊिी फने व्मष्ट्क्तमों को असॊवैधाननक होने के कायण मा फ्रोय िेस्ि भें अनैनतक तयीको से ऩयीऺा ऩास

कयने ऩय उच्ितभ न्मामरम ऩद से हिा ि


का है मा इस्तीपा देने को वववश कय ि


का है | इसके अतरयक्त ऩ


ये प्रकयण

को असॊवैधाननक कयाय दे ि


का है | इसके फावज


द बी मे नाभ इन सॊवैधाननक ऩदों ऩय से हभेशा के लरए ज


ड़े यहते है |

इससे अफ ऩाॊिवी बी ऩास नहीॊ कये छोिे फच्िे कहने रगे है कक जफ प्रधानभॊिी व भ


ख्मभॊिी कक ऩयीऺा ऩास कय ने से

ऩहरे ही शऩथ टदराई जाती है तो सॊववधान के तहत उनके साथ अन्माम क्मों हो यहा है | उन्हें बी ऩयीऺा के ऩहरे

ऩास होने का प्रभाण-ऩि देना िाटहए मटद पेर हो गमे तो प्रभाण-ऩि वावऩस दे देंगे उसको रेकय बागेंगे नही.....ॊ

आज हय ऩद ऩय नौकयी व डडग्री के लरए िमन ऩयीऺा होती है ष्ट्जसभे राखो-कयोडो लशक्षऺत रोग बाग रेते है | वे सबी

बी िेरीववज़न ऩय आने वारे प्रसायण को सभझने व कागजो ऩय लरखे मा छऩे कारे अऺयों को ऩढ़ ऩाने के कायण फड़े

क्रोचधत है | इनका बी कहना है कक सॊववधन के तहत ऩहरे नौकयी लभरने का जोइननगॊ रेिय लभरना िाटहए व फाद भें

ऩयीऺा होनी िाटहए |

आभ जनता के लरए अरग कान


न होता है व उसके प्रनतननचध के लरए अरग कान


न होता है मह सभझ से ऩये है

क्मोकक सॊववधान भें लरखी फाते सबी के लरए एक है अरग - अरग कहा है |
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