यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
से नोि चगन जाने के कायन फेकाय औय फेयोजगाय यहते है इसलरए अचधक भेहनत व काभ कयने की मोजना फनाई है |

इसकी ताकत अऩयम्ऩाय औय इसकी ताकत की आत्भा सववधान की फात ही ननयारी है | मटद महाॉ ककसी कॊऩनी के

उत्ऩाद का नाभ कोई द


सया इस्तेभार कय रे तो सववधान के कान


न के तहत उसे कयोडो के दॊड के साथ जेर की हवा

बी खानी ऩद जाती है ऩयन्त


सॊसद , सववधान के नाभ का क्मा? कोई बी हभायी ऩािी का सववधान , हभाये जात की

सॊसद, इसके ऩॊिामत आटद भ


र शधदों का इस्तेभार कयता है ऩयन्त




छ होता नहीॊ आणखय कॉऩीयाइि कान


न सॊसद ,

सववधान औय अफ भॊटदय से फड़ा कैसे हो सकता है |

हभें योज स


फह अखफाय की ऩहरी राइन व शाभ के प्राइभ िाइभ भें मह फतामा जाता है की भॊटदय भें मटद गरत

आदभी (इसकी ऩरयबाषा तम नहीॊ) , द


रि, अन्नमामी, अऩयाधी, ऩाऩी िरा जामे तो उसे गॊगा जर (कपल्भी वारा नहीॊ),



राफ जर आटद से धोने की आदत है | अफ धभ तसॊकि मह हो गमा की अफ सॊसद को भॊटदय फनाने ऩय इसे हय ऩर

ककससे व ककसे धोएॊगे क्मों की इसके आधे रोग शेष को दोषी, अऩयाधी, गरत सोि व सभस्माओॊ के भ


र कायक फताते

है शेष आधे ऩहरे वारो को | जफकक सववधान के ऩन्ने हवा भें ऩरि ऩरि कय कान


न के भाध्मभ से इसभे फैठे रोगो

भें से कइमों के नाभ फाह


फरी , फरात्कायी, घोिारेफाज, हत्माया, धोखेफाज फताती है | हभ तहे टदर से इस सॊसद के

भालरकाना ह़ वारी आभ जनता के श


क्रवाय औय शननवाय है जो सभम की िार को सभझकय गॊगा जर की सपाई व

झाड़


के भाध्मभ से स्वछता अलबमान भें अग्रसय है |

हभ तो गॊगा भैय्मा औय उसके अन्म नदी फहनो से घफयाहि हो यही है जो आजकर स्वमॊ रोगो के घय जाकय ऩाऩ धोने

भें ववश्वाश कयने रगी है आणऽयकाय द


सये भॊटदयो भें ववयाजभान बगवानो का काभ जो कभ कयना है ताकक उनकी

अन


कम्ऩा व दमा दृष्ट्स्ि फनी यह सके |

बायतीम सॊववधान एक हैं ऩयन्त


उसके अन


साय भाभरों ऩय अरग-अरग भतरफ फतामे जाते हैं । इसके अन


साय कान



फनामे जाते हैं ऩयन्त


वो बी सबी के लरए एक जैसे न होकय अरग -अरग रगते हैं । इस कायण देशवालसमों भें इसके

प्रनत ववश्वास कभ होता हैं । इसभें कोई गरती हैं तो उसे स


धाया जाना िाटहए , मह बी ननमभान


साय सही कदभ हैं

क्मोंकक उसी ननमभ के तहत आऩने कई सॊववधान सॊसोधन देखे हैं । मटद मह सॊसोंधन कई ज्मादा हो तो उन्हें एक साथ

आऩस भें सभन्वम फनाकय कयने को ववऻान की तकनीकक बाषा भें अऩडेि / सभमान




र कहते हैं । इसे रोगों की आभ

बाषा भें जीणोधाय कहते हैं ष्ट्जसका उऩमोग हय योज वे अऩने भकानों औय धालभतक स्थरों के लरए कयते हैं ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


सॊववधान के तहत ऩहरे छात्रों को भाकषशीि देनी चाटहए फपय ऩयीऺा होनी चाटहए!


खफय:- कनातिक ववधानसबा ि


नाव - 2018 के बिशॊक


ऩरयणाभ के ऩश्मात हय घडी जायी है सॊववधान की व्माख्मा

का ऻान देना

कनातिक ववधानसबा ि


नाव भें ककसी को फह


भत न लभरने व याज्मऩार द्वाया ि


नाव ऩश्िात


फने ग ढ़फॊधन की

अॊकगणणत की अचधकता को छोड़ अऩने वववेकाधीन से उससे कभ अकॊ मोग वार े सफसे फड़ ेदर को सयकाय फनाने के

लरए आभॊबित कयना व याजबवन के फाहय ष्ट्जन्दा ववधामकों की अऩनी-अऩनी भ


ॊडी चगना कय कयी ऩयेड ऩय ववश्वास न
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