यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
बायत आजाद ह


आ तो द


ननमा भें ऩ


ॊजीवादी व सभाजवादी अथतव्मवस्था के रूऩ भें देश फिे थे | बायत ने इस झगड ेभें

ना ऩड़के साम्मवादी अथतव्मवस्था का रूऩ अऩना कदभ फढ़ामा था | ष्ट्जसे फाद भें कई देशो ने अन


सयण ककमा था |

अफ सभम के साथ मे तीनो व्मवस्थाएॊ अऩना असय खोती जा यही है व रोकतॊि भें फ


याईमाॊ इतनी पैर ि


की है कक

रोगो का उस ऩय ववशवास उठने रगा है |

ककसी के ऩीछे दौड़कय कबी बी प्रथभ नहीॊ आ सकते औय एक फाय ष्ट्जस तयीके से फदराव कय टदमा उसे द


फाया दोहया

के व्मवस्था भें ऩरयवतनत नहीॊ रा सकते | इसलरए अफ एक स


नहया अवसय बायत के ऩास है कक वो बववरम के सभम

को बाऩकय व ब


तकार की अऩनी िरी व्मवस्था से आगे सोिकय एक ऐसी नई ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था का

आगाज कय दे की द


ननमा अऩने आऩ उसके ऩीछे िरी आमे |

अबी वततभान भें ऐसा कोई भागत द


ननमा भें ककसी बी देश के ऩास नहीॊ है अथातत, रड़ाई नहीॊ, झगड़ा नहीॊ, कोई िकयाव

नहीॊ, प्रनतस्ऩधात नहीॊ ...... | इसभें तो लसपत अऩनी रकीय को फड़ी से फड़ी कयते जाना है फस द


सयी अऩने आऩ छोिी हो

जामेगी |

ऐसी ही एक ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था का प्रारूऩ हभ बायत के यारिऩनत भहोदम को अऩनी असरी स्वत् ि


िने

वारी लसरयॊज की पाईर के साथ बेज (Letter Reference No.P 1 /D/ 1908110208 , Dated 19 - 08 - 2011 ) ि


के है |

ष्ट्जस ऩय वऩछरे कयीफन ऩाॉि वष तसे उनका अॊनतभ ननणतम आना फा़ी है....

देश को द


ननमा भें अग्रणी फनाने की फाते तो कोई बी कय रेता है ऩयन्त


उसके लरए काभ कयना ऩड़ता है व अऩने

कततव्मो को सभम ऩय ईभानदायी से ऩ


या कयना ऩड़ता है |

सभम को फफातद कय ककसी ओय देश के नमे कदभो की श


रुवात के लरए भ


ॉह ताकना ववश्वग


रु नहीॊ लसपत नकरिी फनाता

है |

बायत के सॊववधान के फाये भें सदैव मही ििात होती है कक उसभे कई साये अॊग्रेजो के फनामे कान


नों को राईन ि


राईन

कॉऩी कयके शालभर कय लरमा |

सभम की ़र कयी तो द


ननमा भें बायत सफसे आगे होगा नहीॊ तो कार के अन्धकाय भें जाना तम है |

हभ लसपत हवाई फातें नहीॊ कय यहे हैं अवऩत


प्रभाण बी दे यहे हैं , ष्ट्जसे आचधकारयक रूऩ से बेजा हैं । इसे हभ अॊनतभ

नहीॊ भानते औय नहीॊ ककसी ऩय थोऩना िाहते हैं अवऩत


इसके द्वाया हभेशा के लरए इस भागत को खोरना िाहते हैं

ताकक रोग इस टदशा भें सोिे व इससे बी अच्छे-अच्छे उऩाम मोजनाओॊ के साथ साभने रेकय आमे | यारिऩनत होने के

नाते सफसे ऩहरे भें एक स


गभ भागत फनाऊॊगा ताकक इस तयह की फात कयने वारों को ऩ


याने कान


न व रयवाज की

कसौिी ऩय "देशरोह" फताकय जेर भें ना डारा जा सके |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -

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