बायत आजाद ह
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आ तो द
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ननमा भें ऩ
ू
ॊजीवादी व सभाजवादी अथतव्मवस्था के रूऩ भें देश फिे थे | बायत ने इस झगड ेभें
ना ऩड़के साम्मवादी अथतव्मवस्था का रूऩ अऩना कदभ फढ़ामा था | ष्ट्जसे फाद भें कई देशो ने अन
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सयण ककमा था |
अफ सभम के साथ मे तीनो व्मवस्थाएॊ अऩना असय खोती जा यही है व रोकतॊि भें फ
ु
याईमाॊ इतनी पैर ि
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की है कक
रोगो का उस ऩय ववशवास उठने रगा है |
ककसी के ऩीछे दौड़कय कबी बी प्रथभ नहीॊ आ सकते औय एक फाय ष्ट्जस तयीके से फदराव कय टदमा उसे द
ु
फाया दोहया
के व्मवस्था भें ऩरयवतनत नहीॊ रा सकते | इसलरए अफ एक स
ु
नहया अवसय बायत के ऩास है कक वो बववरम के सभम
को बाऩकय व ब
ू
तकार की अऩनी िरी व्मवस्था से आगे सोिकय एक ऐसी नई ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था का
आगाज कय दे की द
ु
ननमा अऩने आऩ उसके ऩीछे िरी आमे |
अबी वततभान भें ऐसा कोई भागत द
ु
ननमा भें ककसी बी देश के ऩास नहीॊ है अथातत, रड़ाई नहीॊ, झगड़ा नहीॊ, कोई िकयाव
नहीॊ, प्रनतस्ऩधात नहीॊ ...... | इसभें तो लसपत अऩनी रकीय को फड़ी से फड़ी कयते जाना है फस द
ू
सयी अऩने आऩ छोिी हो
जामेगी |
ऐसी ही एक ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था का प्रारूऩ हभ बायत के यारिऩनत भहोदम को अऩनी असरी स्वत् ि
ू
िने
वारी लसरयॊज की पाईर के साथ बेज (Letter Reference No.P 1 /D/ 1908110208 , Dated 19 - 08 - 2011 ) ि
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