biranishri
(Biranishri)
#1
शहन्शा अकफय इत्माटद भहान थे क्म
ु
की वक़्त आने ऩय इन्होने अऩने को व अऩनों को बी साभान कान
ू
न से सजा दी |
अफ याजशाही तो खत्भ हो गई औय रोकतॊि आ गमा है महाॉ साभान्मतमा याजनेता रोग देश के लसऩाही से ज्मादा
अऩनी-अऩनी ऩािी के लसऩेसहराकाय कहके घ
ू
भत-ेकपयते है |
उच्ितभ न्मामारम ने ऩहरे बी कई सयकायों व उसके ननणमत ों को असॊवैधाननक कयाय टदमा ऩयन्त
ु
उन सयकायों के
जाने के फाद, इसलरए भाभरा दफ गमा | कही फाय तो अदारत के ननणतम से ऩहरे ही ऩरिी भाय दी गई ऩयन्त
ु
इस
फाय "सभम" बी ठहय के साॊसदों की अष्ट्ननऩयीऺा लरए बफना आगे फढ़ने को तैमाय नहीॊ है ........... मटद वो आगे फढ़ा
अथाततत बववरम भें सजा का सभम भ
ु
कयय हो ि
ू
का |
उच्ितभ न्मामारम द्वाया यारिीम न्मानमक आमोग (NJAC) को असॊवैधाननक ठहयाने के साथ ही ऩ
ू
यी सॊसद व सबी
याजनैनतक दरों से आमे सॊसद दोषी हो गमे की उन्होंने लभरकय बायतीम सॊववधान की धष्ट्ज्जमा उड़ा डारी क्म
ु
की इस
कान
ू
न को सवतसम्भनत से ऩास कया था | ककसी बी कान
ू
न को सॊवेधाननक व असॊवैधाननक कयाय देना उच्ितभ
न्मामारम का अचधकाय है जो स
ु
नवाही के सभम सबी को तकत देने का भौका देता है |
उच्ितभ न्मामारम का पैसरा गरत है मा नहीॊ भॊिी इसे "क
ु
तकत" कहे मा "सॊसदीम सॊप्रब
ु
ता ऩय हभरा" ऩय वतभत ान भें
वह दोषी है औय सॊसद को अऩनी सजा स्वमॊ तम कयनी होगी अन्मथा आजादी के फाद से सॊसद द्वाया अफ तक फनामे
कान
ू
न व रोगो को दी सजामे अभमातटदत हो जामेगी | मटद याजनीती के वऩछल्र
ू
वकीरों के तकों के आॉिर भें नछऩाने
की कोलशश व जनता को इनके ऻान से आइना टदखामा गमा तो इस रोकिॊि को फह
ु
त जल्दी ध्वस्त होने से कोई नहीॊ
योक ऩामेगा |
भ
ू
रत् मह सभस्मा है अऩने आऩ को सफसे फड़ा सभझने के घभॊड एवॊ नासभझी की | ऩहरे याजशाही भें याजा सफको
अऩने ननिे सभझता था कोई बी भ
ु
द्दा हो वही सवोऩरय व सवतऻानी की तयह ननमॊबित कयता था इसलरए याजशाही
ऩ
ू
णतत मा खत्भ हो गई | ऐसी तयह वऩछरे क
ु
छ वषो से सॊसद को बी सबी से उप्ऩ य सभझा कय अन्म सॊवेधाननक
सॊस्थाओ को अऩने ननिे व अधीन फताने की .............. इसलरए मह तो होना ही था ..... वह अफ धीये धीये एक-एक
कयके द
ू
सयी सॊवेधाननक सॊस्थाओ से िकयाएॊगे व इनसे बावनात्भक एवॊ वैिारयक दृष्ट्श्िकोण से ऩ
ृ
थक होते जामेगे |
इस तयह रोकतॊि भें सॊस्थाए आऩस भें िकयामे नहीॊ व अदारते अऩने आऩ भें, सॊसद अऩने आऩभें, भीडडमा अऩने आऩ
भें सवेसवातह फनके अनैनतक, असॊवैधाननक कामत नहीॊ कये व सॊववधान सॊशोधनों भें बी सबी की गरयभा फानी यहे जो
भानवीम, वैऻाननक एवॊ नैनतक रूऩ से ही उष्ट्च्ित हो वो हभ ऩहरे ही यारिऩनत भहोदम को साॊकेनतक बाषा व ग्राकपक्स
के साथ अऩने असरी ि
ू
िने वारी लसरयजॊ के अववरकाय के साथ िाय वषत ऩ
ू
वत ही बेज ि
ु
के है |
सॊसद भें सयकायी अन
ु
दान से लभरने वारे सस्ते खाने का भाभरा अफ रगबग खत्भ हो ि
ु
का हैं ऩयन्त
ु
ऩ
ू
णततमा खत्भ
हो गमा मह नहीॊ कह सकते हैं । नमे फदराव के साथ क्मा याजनैनतक दाॊव -ऩेिों को घ
ु
सामा गमा हैं मा नहीॊ वो
सभझना जरूयी हैं । सॊसद की तयह एक - दो ववधानसबाओॊ भें बी फदराव ह
ु
आ हैं रेककन देश की सबी ववधानसबाओॊ भें
ऐसा सभान रूऩ से ह
ु
आ मा नहीॊ मह सवालरमा ननशान हैं ।
हभने सवतप्रथभ दशों टदशाओॊ भें ग
ू
ॊज यहे एक नकायात्भक भ
ु
द्दे को सवतप्रथभ सकायात्भक रूऩ से फदरा व याज्मसबा के
सबाऩनत, रोकसबा स्ऩीकय के साथ कयीफ - कयीफ सबीॊ साॊसदों को बेजा | आऩ इससे सभझे कक जनता की फडी व
सावतजननक रूऩ से सॊगटठत भाॊग होने ऩय बी एक कान
ू
न को सही कयने मा फदरने भें वषों रग जाते हैं तो आज के
तयीकों से सॊववधान को सभमान
ू
क
ु
र कयना असम्बव व नाभ
ु
भककन हैं । इसके लरए एक अरग तयह की प्रकक्रमा अऩनानी