यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
ऩड़ेगी | इसे लसपत यारिऩनत के ऩद ऩय यहने वारा व्मष्ट्क्त ही कय सकता हैं ताकक वो कदभ ऩ


याने कान


नों की कसौिी

ऩय देशरोह न कहरामे व सयकायी औय गैयसयकायी रोगों भें ऐकता फन जामे न कक िकयाव हो जामे | प्रधानभॊिी ऩद

ऩय फैठा व्मष्ट्क्त मह नहीॊ कय सकता क्मोंकक याजनैनतक ऩ


रठब


लभ उसे ववनाशक फना देगी |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


सॊसद भें सयकायी खाद्म स



यऺा से भहरूभ साॊसद!


बायत की जनता के नसों भें ख


न नहीॊ 15 रुऩमे रीिय वारा लभनयर वािय न की आस


त जर फह यहा है वो बी ववदेशी

कोल्ड डरक्ॊ स की दो - िाय फ


ॊदो से उफारना ब


र कय शाॊतभम अऩने ही ध


न व स्वाथ तभें बौनतकवाद के िैकपक भें

अववयर फह यहा है | मे सबी बगवान के गभी, शदी, फारयश, ओरे, फाढ़, ब


कम्ऩ, स


नाभी जैसे नए रयकॉडत के तरे "कय"

ि


का के सड़को ऩय साॉऩ सीढ़ी खेरते ह


ए अऩने भाि 540 प्रनतननचधमों मा साॊसदों को प्रत्मेक भाह हज़ायो रुऩमे

तनख्वाह, स्िाप खित, िेरीपोन, भोफाइर, राइि, ऩानी, गाड़ी, हवाई मािा, िैन मािा, ननजी स


यऺाकभी आटद स


ववधाओ

भें कयीफन 3 राख बायतीम रुऩमे न की डॉरय तायीख दय तारयक दे यहे है |

इन भाननीम, टहतप्रेभी, उनकी आफरू व बववस्म फनाने वारे प्रनतननचध के भ


ह का ननवारा छीन कय कोई खा यहा है तफ

बी इनके ऩास वक्त नहीॊ की वो इनके सभथतन भें योड ऩय उतये | मे लसपत फड़ी फड़ी फािे कयेंगे दारे, सधजी, आिे,

लभठाई के बाव सेंि


यी के यनों से ज्मादा होने का योना योकय भॊबिमो व सयकाय ऩय दोषा योऩण कयेंगे व काि


तन से किाऺ

कय कय के घोय कलरम


ग आने का कहकय अऩने फीफी फच्िों का ननवारा छीन उल्िे धालभतक स्थरों भें 56 बोग फनाने

के लरए दे आमेगे ताकक उनके ईस्ि देव / बगवान / भाता जी / अल्राह / इश


/ भदय meri / ग

रु साटहफ भयने के फाद

इस ऩाऩ औय अधभत से भ


क्त यखे |

िाय शयेो के भ


ख वारी छाऩ यखने वारी बायत सयकाय इतने असह्म , टदशाहीन, सोिहीन, व कभत ववहीन नहीॊ है की

उसके ऩास योकने का कोई उऩाम ही नहीॊ हो | सभस्मा मह है की उसकी आॉख, नाक, कान जीब, भ


ह कहे जाने वारे

सॊसक के सेकड़ो कभतिायी, हजायो स


यऺाकभी, ऩड़तार ऩय जाने वारे भीडडमाकभी, ऩािी के जी ह




यी कयने वारे छ


ि

बैय्मा नेता ही इन साॊसदों के नाभ से कयोडो रुऩमे का बोजन व नास्ता बफना डकाय लरमे ि ि कय यहे है | इसलरए

सयकाय तक असरी जानकायी भोहय्मा ही नहीॊ हो ऩा यही है |

इसे अप्रमत्ऺ रूऩ से रयश्वत बी कह सकते है की क्मों की फाजाय व असरी ष्ट्जॊदगी से कई ग


ना काभ बाव वे उन्हें िाम

1 रुऩमे, स


ऩ 5. 50 रुऩमे, एक किोयी दार 1. 50 रुऩमे, खाने की ऩ


यी शाकाहायी thali 12. 50 रुऩमे, भाॊसाहायी खाने की

थारी 22. 00 रुऩमे, िऩाती 1 रुऩमे, डोसा 4 रुऩमे, एक किोयी खीय 5. 50 रुऩमे, व अन्म ऩकवान कभ टदखने वारे 1 ,

2 , 5 व फाद हो ि


के 25 औय 50 ऩैसे के अतॊ य ऩय लभर जाते है |

125 कयोड़ की आफादी से कई स्तयों की ऩयीऺाओ व इॊियव्म


से ि


ने गए कयोडो कभतिारयमों भें एक बी ईभानदाय ,

यारि-प्रेभी, देश-बक्त, टहतेषी, कततव्मननरठ, नेि स


फ्पेरयॊग कय सकने वारा व अऽफाय ऩढ़ सकने वारा हो तो सयकाय

तक मह जानकायी ऩह


ॊि जाएगी की "ऩैसा सीधे फकैं कहते भें" जो स्कीभ रोकतॊि के भालरक आभ जनता के उप्ऩय

राग


कय याखी है व इतनी सपर है तो उसकी स


यऺा बी जनता के प्रनतननचध साॊसदों को बी टदरा दे तो फड़े घोिारे से

फिा जा सकता है व जनता के ि


ने ह


ए प्रनतननचधमों के साथ खाने जैसी भ


रब


त स


ववधा भें कभी के कायन फड़े फड़े

कान


न फनाने से न रुके, ताकत व भसर फन जाने के कायण सॊख्मा फर नहीॊ होने ऩय बी कोई बी फदराव कया सके

मा कान


न फने से फेटहिक योक सके | इस उऩाम से उनके ऩैसे फैंक खाते भें ऩह


ॊि जामेगे ष्ट्जससे वे फैकपक्र होकय काभ

कय सकेंगे आणऽयकाय जोय जोय से चिल्राने, िीखने, नाये रगाने वो बी फीि गैरयी व सबाऩनत के ऩास जाकय फड़ा ही

भेहनती व केरोयी वारा काभ है |
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