biranishri
(Biranishri)
#1
नजय से देख ऩात े है औय कैभये का इस्तेभार कयो तो वो लसपत कऩड़ो के ऩीछे तन तक व िेहये से आगे उसकी
बावबॊचगभाओॊ तक ही ऩह
ु
ॊि ऩात े है | टदर की सोि व टदभाग की सभझ तक नहीॊ ऩह
ु
ॊि ऩाने भें आज बी तकनीक
वारी सभस्मा है |
कई फ
ु
वद्जीवी यारिप्रेभी व जनता के टहतेषी भीडडमा भें बी है इसलरए छोिे स्तयों तक प्रसायण होता है ष्ट्जसे हभ
यारिऩनत व प्रधानभॊिी को बेज देते है ऩयन्त
ु
वजन नहीॊ होने के कायण शामद उनकी िेफर ऩय टिक नही ॊऩाता है |
इतना सफ होने के फाद बी बायत-सयकाय वषो से क
ु
छ कयना नहीॊ िाहती तो उसे काभिोय व भ
ु
फ्तखोय कहने के अरावा
क्मा कहा जा सकता है | अफ आऩ तम कयरे की आऩ, आऩकी सॊताने व देशवासी भेहनत से ऩैसा कभा के ऩेि बय
स्वालबभान से सय उठा कय ष्ट्जना िाहत े है मा बीख भाॊगकय व ष्ट्जल्रत की ष्ट्जॊदगी ष्ट्जना क्मोकक अववरकाय तो भ
ू
र
रूऩ से एक लभननि भें भय यहे एक इॊसान को फिाने का है | हभ आऩसे राइक, शेमय व अऩने-अऩने ग्र
ु
ऩ भें डारने के
साथ ष्ट्जम्भेदाय रोगों तक ऩह
ु
ॊिाने का अन
ु
योध नहीॊ कयेंगे क्मोकक ववयासतन आऩके जभीय, टदर की भानवीमता औय
भानलसक सभझ बी क
ु
छ होगी |
ढेयो डडिेर व प्रभाण हभाये आचधकरयक ऩेज ऩय उऩरधध है | ष्ट्जसभे पाईर यारिऩनत-भहोदम को बेजने के फाद व ऩहरे
की सबी भॊिारमों की डडिेर है उसभे ववशेष रूऩ से प्रधानभॊिी-कामातरम का बी सभावेश है |
बायत भें अवाडत देने की जो सयकायी प्रकक्रमा हैं उसका याजनैनतकयण ज्मादा हैं उसके लरए स्वतन्ि सॊस्था नहीॊ हैं जो
सीधे यारिऩनत के अन्तगतत व आभ रोगों के नालभनेशन ऩय िीकी हो | अवाड तरेन ेके लरए बी रोगों को काभ से ज्मादा
दो से अचधक क
ु
लसतधायी रोगों के लसपारयश ऩि िाटहए । मटद अन्तयातरिीम स्तय ऩय कोई अवॉडत भीर जामे तो कपय
क
ु
सी, ऩद, ताकत व फधाई देने के नाभ ऩय ऩैंसो की फोरी के साथ लरपापा देनें भें सधजी फाजाय का ननराभी फाजाय
रगा टदमा जाता हैं । इसे आऩ खेरों भें भेडर रे रेने के फाद जो भाहौर फनामा जाता हैं उसे आसानी से सभझ सकत े
हैं ।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ...
ऩहरी फाय बायतीम कैराश सत्माथी को भीरा नोफेर शाॊनत ऩ
ु
रुस्काय
आज हभायी सयकाय का सीना 57 इॊि से प
ु
रकय फड़ा हो गमा क्म
ु
की आजादी के भाि 67 वषत फाद ही लसपत 113 वष त
ऩ
ु
वत श
ु
रू ह
ु
ए नोफेर ऩ
ु
रुस्काय (शाॊनत) को इन्होने अऩने कयीफन 90 टदन के कामतकार भें प्राप्त कय लरमा | वऩछरे 60
वषत के एकछि शासन भें द
ू
सयी ऩािी की सयकाय ऐसा नहीॊ कय ऩाई | वऩछरी फाय इनके गठफॊधन की सयकाय थी अफ व े
ऩ
ू
ण तफह
ु
भत से ख
ु
री आखो भें अच्छे टदन के सऩने टदखाकय आमे है | ऐसा वो रोग भानत ेहै ष्ट्जन्हे जनता की सयकाय
ऩय अऩनी ऩािी का लसक्का रगाने की आदत है | कई प्रत्मऺदलशतमों ने फतामा की जफ कैराश सत्माथी के प्रमास से
फार भजद
ू
यो को आजाद होते देखा तो उनके शयीय ऩय उनकी ही चगनती के नॊफय वारी रोहे के लसक्को को गभत कयके
दागने के ननशान थे |
बरा हो नोफेर ऩ
ु
रुस्काय की ननणातमक कभेिी का ष्ट्जसने बायत के जानतवाद वारी याजनीती को बाऩकय ऩहरे ही शाॊनत
को टहन्द
ू
- भ
ु
स्रभान की वप्रिॊ वारी येशभ जैसी कोभर ष्ट्जव्हा से पिन े नही ॊ टदमा औय अऩन े आऩ को फड़े वववाद स े