यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
बायतीम िक्रवती याजाओॊ के आदशत व ऩ


यानी सॊस्क


नत की फात कये तो यारिऩनत को घय जाकय ऩैसा देना िाटहए न कक

अऩने 400 कभये वारे आलरशान बवन भें.......

मह भाननीम तो अऩने आलरशान बवन से बायतीम सैननकों को िायो तयप आगे स


यऺा के नाभ ऩय भयने के लरए रगा

शाही ऐश औय आयाभ से फैठे है औय फाहय ननकरते है तो अऩनी ऩत्नी को भ


ार गाडतन भें प


र टदखा वाऩस िरे जात े

है | मह भान


बव दो कदभ बी आगे फढ़ा शहीदों को अनॊतभ श्द्ाॊजलर देने बी नहीॊ आमे | प्रधानभॊिी, यऺाभॊिी, सेना के

तीनो प्रभ


ख, भ


ख्मभॊिी, याजनैनतक ऩाटितमों के अध्मऺ व कई नेता आमे ऩयन्त


मे नहीॊ आमे ......... श्द्ाॊजलर देने भें

बी हाथ काॉऩते है क्मा?

यारिऩनत सेना के प्रभ


ख हैं इस नाते उनका इतना तो दानमत्व फनता है वैसे सेना प्रभ


ख होने के नाते उन्होंने इस

आतॊकी हभरे के फाद ननॊदा के अरावा कया क्मा है?

मह लसपत शहीदों के प्रभ


ख के नाभ ऩय राखों रुऩमे की ऩगाय जेफ भें हय भाह बयने के लरए हैं।

ऩाककस्तान से फदरा रेने से ऩहरे उस सेना के प्रभ


ख को गहयी नीॊद से जगामा जाना जरूयी है ताकक कोई प्रबावशारी

मोजना फन सके।

सैननकों की शहादत के फाद सराभी सबी देते हैं ऩयन्त


वैऻाननक-प्रफॊधन के तरयके से सबी को ऩ


णत सराभी का तयीका

देखे |

वततभान भें अभय जवान ज्मोनत को यारिीम स्भायक ऩय रे जामा जा ि


का हैं । इसके फाद याजनैनतक प्रनतस्ऩधात व

अहभ की रडाई भें छत्तीसगढ़ भें एक नई अभय जवान ज्मोनत की स्थाऩना कयी हैं । बववरम भें बी द


सये याज्म ऐसा

कय सकत ेहैं । अफ आऩ इन सबी को जोड़य देखे तो वैऻाननक-प्रफॊधन का तयीका सफकी अरग-अरग सोि के टहसाफ

से बी पीि फैठता हैं ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


"शहीद सैननकों को याष्र-सराभी का वैऻाननक-प्रफॊधन का तयीका"


ककसी बी यारि की कीनत तव स्थानमत्व इस फात ऩय ननबतय कयता है कक ककतने रोग उसके लरए तन-भन-धन न्मौछावय

कयने को तत्ऩय यहते है व भौत को बी साभने देखकय उससे िकया जाते है | इस कसौिी ऩय प्रभ


खता से वे सैननक ही

खये उतयते है जो फॉडतय ऩय सीना तान ेखड़ ेयहत ेहै |

ऐसे वीय सऩ


तों को याष्ट्रिम ऩवो से ऩ


वत माद कयना हय देशवासी के टदर भें यारिीमता को जोश व उभॊग से प्रप


ष्ट्ल्रत

कय देता है | बायत अऩनी हजायों वषो ऩ


यानी सॊस्क


नत व सभ्मता यखता है ष्ट्जसभे अऩने ऩ


वतजों को हय वषत माद कयन े

व श्


द्ा स


भन अवऩतत कयने की ववशषे प्रथा जो हय धभत व सम्प्रदाम भें टदखती है | द


ननमा की कोई सी बी सभ्मता

उठाकय देख रे सबी ने इसे फड़ा भहत्त्व टदमा है |

इसी श्


ॊखरा की कड़ी भें आजाद बायत मानी इॊडडमा के अॊदय इॊडडमा गेि के साथ अभय जवान ज्मोनत है | महाॉ ऩय ही

देश के वीयों को श्


द्ा स


भन यारिऩनत, प्रधानभॊिी, सेना के तीनों प्रभ


ख व भान्मवय रोग अवऩतत कय याष्ट्रिम ऩव त

स्वतॊिता टदवस व गणतॊि टदवस की ववचधवत श


रुवात कयते है | इसके तत्वाधान भें याजऩथ ऩय सैननक व देशवासी

यारि सराभी देते है |
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