biranishri
(Biranishri)
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ववश्रेषण ऩढ़ सकते है जो इस ऩोस्ि का ऩहरे ही फता ि
ु
का आधाय है। इससे आऩ जैसे जागरूक, सभझदाय व लशक्षऺत
रोगो से नमे प्रकाश की ककयण फनेगी जो बववरम भें रोगो को श
ु
न्म से अॊधकाय की टदशा भें जाने से योकेगी।
ककसानों से सम्फष्ट्न्धत तीनों क
ृ
वष कान
ू
न वाऩस लरमे तफ ऩ
ू
यी व्मवस्था एक व्मष्ट्क्त के नीिे रा दी गई िाहे वो
प्रधानभॊिी के सॊवैधाननक ऩद ऩय कामत मा नौकयी कयने वारा व्मष्ट्क्त ही हो | यारिीम सम्फोधन भें मह कहा गमा तफ
कैबफनेि की लभटिॊग इस भ
ु
द्दे ऩय ह
ु
ई नहीॊ थी औय मह पैसरा स
ु
ना टदमा गमा | मटद कैबफनेि की लभटिगॊ ह
ु
ई तो यारिीम
सम्फोधन भें उसका आधाय नहीॊ फनाकय ऩ
ू
यी तथाकचथत सयकाय को कान
ू
न नकाय टदमा | सॊववधान के अन
ु
साय
प्रधानभॊिी ऩद ऩय कामत कयने वारा व्मष्ट्क्त बी अकेरा ननणतम न तो रे सकता हैं औय नहीॊ स
ु
ना सकता हैं ।
इससे आगे एक व्मष्ट्क्त के कहने ऩय सॊसद भें तीनों क
ृ
वष कान
ू
न वाऩस रेन े का कान
ू
न फना | अफ महाॊ सफसे फडा
घारभेर कया गमा औय ऩ
ू
यी सॊसदीम व्मवस्था को एक आदेश राग
ू
कयने के लरए लसपत कागजी ठप्ऩे रगानी की सॊस्था
फना दी गई औय रोकतन्ि भें सायी शष्ट्क्तमा ॊ सॊसद भें ननटहत हैं कहने वारों के िेहयों ऩय सच्िाई वारी िभक व
आत्भववश्वास ऩय कारी स्माही पेंक दी गई |
एक वषत से अचधक िरे ककसान आॊदोरन व कई ककसानों की भौत के फाद आभ रोगों को याहत भीरी इसलरए उस
ख
ु
शी व उल्रास भें सि छ
ु
ऩा टदमा गमा |
जफ यारिीम सोि ववकलसत हो जाने के फाद भाभरा आकय रूकता हैं व्मवस्था ऩय तो साभने आता हैं "रोकतन्ि" जो
देश की आजादी के फाद भ
ू
त तरूऩ भें आमा | आजादी के 74 वषत ननकर जाने के फाद बी सभस्माएॊ औय ववकयार होती
जा यही हैं तो इसका अलबप्राम मही हैं कक इसभें कभीमा जरूय हैं मा रोगों ने इसे ऺीण कय टदमा इसलरए वो ि
ु
टि क्मा
यह गई उसे इस वैऻाननक-ववश्रेषण के भाध्मभ से सभझा जा सकता हैं ।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
देश भें आजादी औय असरी रोकतॊत्र की स्थाऩना अभमाषटदत व ससद्ाॊतववहीन रूऩ से थोऩी गई
"याजनीनत" के ववनाश बफना सॊबव नहीॊ....
नई ववकलसत रोकताष्ट्न्िक व्मवस्था कक टदशा भें फढ़ता ऩहरा कदभ......
आजादी के 70 वषत व्मतीत हो जाने के फाद अचधकाॊश रोगो का मही भानना है कक देश भें आज की हय सभस्मा के
ऩीछे भ
ू
र कायण याजनीनत है | इसस ेऩीछा छ
ु
ड़ामे बफना देश भें ख
ु
शहारी व उन्ननत नहीॊ आ सकती है |
ववऻान के तकों व ववश्रेषण की ऩद्नत से देखा जामे तो आजादी के फाद "याजनीनत" की उत्ऩनत ही अभमातटदत व
लसद्ाॊतववहीन है | आज रोकतॊि को ऽत्भ कयन े की कगाय ऩय व व्मवस्था के नछनलबन कयने भें इसका ही प्रभ
ु
ख
मोगदान है |
अॊग्रेजो से आजादी के फाद देश भें याजतन्ि मानी याजा का शासन नहीॊ आमा | धालभतकता के आधाय ऩय शासन व आगे
याजतन्ि भें ऩरयवायवाद के जहय को अतीत के अॊधकाय भें छोड़ रोकतॊि राग
ु
ककमा गमा अथाततत आभ जनता का शासन
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