biranishri
(Biranishri)
#1
रोकतॊि के अन्म को स्तम्फो भें कामतऩालरका (अऩने आऩ को सयकाय के भाध्मभ से ऩ
ु
ये रोकतॊि का ठेका यखने वारे )
ने अऩने आऩ द
ु
यी फना री क्मोकक जजों के ववयोध भें उच्ितभ न्मामारम भें आमे भाभरों को भ
ु
ख्म न्मामाधीश द्वाया
भनभानी ऩीठो को भाभरा सौंऩने का प्रश्न उठा इसकी तयप झ
ु
काव का ईशाया कय टदमा ऩयन्त
ु
कामतऩालरका ने अऩने
सॊवैधाननक कततव्म को बी एक तयप ताक भें यख कय उसे आतॊरयक भाभरे का िोरा ओढ़ा क
ु
छ बी नहीॊ कहे के गाॉधी
जी के तीन फॊदय फन गमे |
रोकतॊि भें एक ओय स्तम्फ यहा ववधानमका का मह को कई नजय ही नहीॊ आमा इसकी ईिों को तो कबी का याजनैनतक
दरों के अरग-अरग नेता ननकर रे गमे ष्ट्जसको यफ ऩेड़ वारी सीर फना अऩनी ननजी ट्वीि व फमानों भें रगाते है व
कई तो सड़को, सयकायी कभतिारयमों व जनता का इससे सय पोड़ते नजय आते है |
इस स
ु
प्रीभ सॊकि भें कई गणभान्म रोगो एवॊ जागरूक जनता के व्मक्तव्म आमे ऩयन्त
ु
ष्ट्जनका सॊवैधाननक रूऩ से आना
िाटहए वो ककसी कोने भें भ
ु
ॉह नछऩाके फैठ गमे | इस सॊकि को यारिऩनत के ऩास रे जाने का स
ु
झाव बी आमा जो
नैनतक व न्मानमक तौय ऩय सही बी था |
सोि के दामये भें कैदी कक बाॊनत यारिऩनत सीधे तौय ऩय टिप्ऩणी नहीॊ कय सकते है ऩयन्त
ु
ब
ू
तऩ
ू
वत यारिऩनत अऩने
व्मक्तव्म के भाध्मभ से इस घिना क्रभ को यारिऩनत भहोदम कक तयप भोड़ के सॊवैधाननक बावना को उजागय कय
रोकतॊि को भजफ
ू
त कय सकते थे | यारिऩनत ऩद से सेवाननव
ृ
त होकय मे रोग जनता के िैक्स के ऩैसो से ऩेंशन रेकय
आयाभ कक ष्ट्जॊदगी जी यहे है |
भीडडमा भें जफ क
ु
छ भाह ऩ
ू
वत जफ गरती वश (ष्ट्जसकी भाफ़ी भाॊगी जा ि
ु
की है) एक व्मष्ट्क्त ने उनके व्मक्त्व को बफि
भें फाय-फाय काि टदमा तफ उन्होंने ही अऩने को ब
ू
तऩ
ू
वत यारिऩनत कहके फड़े सीने को तान के सॊवैधाननक-योऩ जभाते ह
ु
मे
देखा था | मह 57 इॊि का सीना, आज जफ सॊवैधाननक सॊकि/वववाद आमा तो ककस बफर भें जाकय छ
ु
ऩ गमा ऩता ही
नहीॊ िर यहा | जनता के ऩैसे ऐश-आयाभ के लरमे होते है जफ ष्ट्जम्भेदायी ननबाने व काभ कक फायी आमे तो द
ु
भ दफाके
बागने रे लरमे होते है |
आज प्रश्न मह है कक यारिऩनत भहोदम कान
ू
न कक ऩट्टी आखो के आगे फाॊध प्रोिोकॉर के नाभ ऩय भौनी फाफा फने यहेंगे
िाहे छोिे-भोिे असॊवैधाननक कामो नहीॊ ननजी खाने-ऩीने-लभरने-िरने के कामो के लरमे प्रोिोकॉर को तोड़ अऩने आऩ
को शेय टदखराते है |
भ
ु
ख्म न्मामाधीश स्वमॊ छ
ु
ट्टी ऩय जाकय भाभरे को यारिऩनत भहोदम को नहीॊ सोऩेंगे मह िदॊ ग
ु
जये घॊिो से स्ऩरि हो
गमा | उच्ितभ न्मामारम की आॊतरयक व्मवस्था से सॊवैधाननक गरयभा के अन
ु
रूऩ यारिऩनत के ऩास जाने का भागत फॊद
है िाहे वो यारिऩनत से शऩथ रेने से ही श
ु
रू क्मों ना होता हो |
कामतऩालरका क
ु
छ नहीॊ कयेगी व फोरेगी, ववधानमका को अऩने होने के वज
ू
द का ऩता नहीॊ, भीडडमा ख
ु
द हो िौथे स्तम्फ
का भ
ु
खौिा रगा नशे भें ध
ु
त होकय खोई ह
ु
ई है तो भाभरे का हर ऐसे ही छोड़ने से आ जामेगा कपय "जनता कक
अदारत" ने हाथ जोड़कय अऩने जीवन, ऩद, कभत की ऩ
ू
ॊजी को दाॊव ऩय रगाके आने का भतरफ लसपत त
ू
- त
ू
भै-भै का
भनोयॊजन भाि है |
मह भाभरा कपल्भो के प्रेभ प्रसॊग का है मा लभर फाॉि के खाने का जो इन िाय जजों को भ
ु
ख्म न्मामाधीश से लभरवाने
ऩय टिका है | जफ आयोऩ के भाभरे भें भ
ु
ख्म न्मामाधीश स्वमॊ है तो पैसरा बी वो ही कयेंगे तो हो गमा न्माम की देवी