यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
शहन्शा अकफय इत्माटद भहान थे क्म


की वक़्त आने ऩय इन्होने अऩने को व अऩनों को बी साभान कान


न से सजा दी |

अफ याजशाही तो खत्भ हो गई औय रोकतॊि आ गमा है महाॉ साभान्मतमा याजनेता रोग देश के लसऩाही से ज्मादा

अऩनी-अऩनी ऩािी के लसऩेसहराकाय कहके घ


भत-ेकपयते है |

उच्ितभ न्मामारम ने ऩहरे बी कई सयकायों व उसके ननणमत ों को असॊवैधाननक कयाय टदमा ऩयन्त


उन सयकायों के

जाने के फाद, इसलरए भाभरा दफ गमा | कही फाय तो अदारत के ननणतम से ऩहरे ही ऩरिी भाय दी गई ऩयन्त


इस

फाय "सभम" बी ठहय के साॊसदों की अष्ट्ननऩयीऺा लरए बफना आगे फढ़ने को तैमाय नहीॊ है ........... मटद वो आगे फढ़ा

अथाततत बववरम भें सजा का सभम भ


कयय हो ि


का |

उच्ितभ न्मामारम द्वाया यारिीम न्मानमक आमोग (NJAC) को असॊवैधाननक ठहयाने के साथ ही ऩ


यी सॊसद व सबी

याजनैनतक दरों से आमे सॊसद दोषी हो गमे की उन्होंने लभरकय बायतीम सॊववधान की धष्ट्ज्जमा उड़ा डारी क्म


की इस

कान


न को सवतसम्भनत से ऩास कया था | ककसी बी कान


न को सॊवेधाननक व असॊवैधाननक कयाय देना उच्ितभ

न्मामारम का अचधकाय है जो स


नवाही के सभम सबी को तकत देने का भौका देता है |

उच्ितभ न्मामारम का पैसरा गरत है मा नहीॊ भॊिी इसे "क


तकत" कहे मा "सॊसदीम सॊप्रब


ता ऩय हभरा" ऩय वतभत ान भें

वह दोषी है औय सॊसद को अऩनी सजा स्वमॊ तम कयनी होगी अन्मथा आजादी के फाद से सॊसद द्वाया अफ तक फनामे

कान


न व रोगो को दी सजामे अभमातटदत हो जामेगी | मटद याजनीती के वऩछल्र


वकीरों के तकों के आॉिर भें नछऩाने

की कोलशश व जनता को इनके ऻान से आइना टदखामा गमा तो इस रोकिॊि को फह


त जल्दी ध्वस्त होने से कोई नहीॊ

योक ऩामेगा |



रत् मह सभस्मा है अऩने आऩ को सफसे फड़ा सभझने के घभॊड एवॊ नासभझी की | ऩहरे याजशाही भें याजा सफको

अऩने ननिे सभझता था कोई बी भ


द्दा हो वही सवोऩरय व सवतऻानी की तयह ननमॊबित कयता था इसलरए याजशाही



णतत मा खत्भ हो गई | ऐसी तयह वऩछरे क


छ वषो से सॊसद को बी सबी से उप्ऩ य सभझा कय अन्म सॊवेधाननक

सॊस्थाओ को अऩने ननिे व अधीन फताने की .............. इसलरए मह तो होना ही था ..... वह अफ धीये धीये एक-एक

कयके द


सयी सॊवेधाननक सॊस्थाओ से िकयाएॊगे व इनसे बावनात्भक एवॊ वैिारयक दृष्ट्श्िकोण से ऩ


थक होते जामेगे |

इस तयह रोकतॊि भें सॊस्थाए आऩस भें िकयामे नहीॊ व अदारते अऩने आऩ भें, सॊसद अऩने आऩभें, भीडडमा अऩने आऩ

भें सवेसवातह फनके अनैनतक, असॊवैधाननक कामत नहीॊ कये व सॊववधान सॊशोधनों भें बी सबी की गरयभा फानी यहे जो

भानवीम, वैऻाननक एवॊ नैनतक रूऩ से ही उष्ट्च्ित हो वो हभ ऩहरे ही यारिऩनत भहोदम को साॊकेनतक बाषा व ग्राकपक्स

के साथ अऩने असरी ि


िने वारी लसरयजॊ के अववरकाय के साथ िाय वषत ऩ


वत ही बेज ि


के है |

सॊसद भें सयकायी अन


दान से लभरने वारे सस्ते खाने का भाभरा अफ रगबग खत्भ हो ि


का हैं ऩयन्त




णततमा खत्भ

हो गमा मह नहीॊ कह सकते हैं । नमे फदराव के साथ क्मा याजनैनतक दाॊव -ऩेिों को घ


सामा गमा हैं मा नहीॊ वो

सभझना जरूयी हैं । सॊसद की तयह एक - दो ववधानसबाओॊ भें बी फदराव ह


आ हैं रेककन देश की सबी ववधानसबाओॊ भें

ऐसा सभान रूऩ से ह


आ मा नहीॊ मह सवालरमा ननशान हैं ।

हभने सवतप्रथभ दशों टदशाओॊ भें ग


ॊज यहे एक नकायात्भक भ


द्दे को सवतप्रथभ सकायात्भक रूऩ से फदरा व याज्मसबा के

सबाऩनत, रोकसबा स्ऩीकय के साथ कयीफ - कयीफ सबीॊ साॊसदों को बेजा | आऩ इससे सभझे कक जनता की फडी व

सावतजननक रूऩ से सॊगटठत भाॊग होने ऩय बी एक कान


न को सही कयने मा फदरने भें वषों रग जाते हैं तो आज के

तयीकों से सॊववधान को सभमान




र कयना असम्बव व नाभ


भककन हैं । इसके लरए एक अरग तयह की प्रकक्रमा अऩनानी
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