उसकी आचधकारयक यसीद (P 1 /D- 104297 , Dated: 07 March, 2007 ) डाक के भाध्मभ से घय ऩह
ु
ॊिाई | इस तयह
प्रभाणणत एवॊ अचधकारयक लरणखत कामतवाही की श
ु
रुवात यारिऩनत - बवन भें एक ऐनतहालसक एवॊ फह
ु
त फड़ी उऩरष्ट्धध डा
कराभ के जीवन भें दजत है | मह भागत आगे "जाद
ू
की छड़ी" के ऩास रे जाता है जो वतभत ान भें रोकतॊि भें व्माऩत
भ्रस्िािाय, काराधन, फेयोजगायी, गयीफी, रेिरतीपी एवॊ सायी सभस्माओ का एक भाि उऩाम है | इस "जाद
ू
की छड़ी"
को प्राप्त कय इस्तेभार कयने का तयीका हभने बेजा ऩय उनका कामतकार ऩ
ू
या होने से वो उन तक ऩह
ु
ॊि नहीॊ ऩामा |
ऐसा ही स्वत् ि
ू
िने वारी लसरयजॊ के अववरकाय के साथ ह
ु
आ | स्वास्थ्म भॊिारम ने जवाफ बेजने भें वषो रगा टदमे एवॊ
अफ बी यारिऩनत - बवन के अचधकारयमो की नासभझी से वऩछरे कयीफन तीन वषो से अष्ट्न्तभ ननणतम हेत
ु
रष्ट्म्फत ऩड़ा
है | मह हभाया सौबानम यहा की ऩ
ू
वत के कई ऩिो की फातो का ष्ट्जक्र उनके यारिीम सम्फोधनों भें लभरता यहा |
याजनैनतक दृष्ट्श्िकोण से देखे तो फच्िो से प्रेभ, लशऺण की बाषा व 2020 का उद्देस्म, सभम की िार, साभाष्ट्जक नैनतक
ऩतन, फढ़ती जनस
ॉ
ख्मा भें म
ु
वाओ की चगनती, जानत के नाभ से ही सही फढ़ती एकता एवॊ सॊगठन की सोि व खेर के
नाभ से ऩैसे के गेभ भें उनका कामकत ार ऩ
ू
णततमा कपि फैठ गमा | मटद याजनैनतक िारो, ऩैसो के प्रनत फढ़ती इॊसानी
तन, भन, ऩरयवाय, रयश्तो एवॊ वषो के साभाष्ट्जक एवॊ धालभतक भ
ू
ल्मों के सभऩतण को देखा जामे तो बववस्म भें उनके
2020 के उद्देस्म को ि
ु
कड़ो - ि
ु
कड़ो भें फाि टदमा जामेगा | ष्ट्जस ऩय अरग अरग सयकायी मोजना के झॊडा रगा
याजनेताओ के िहेयों का भोखोिा ऩहनकय उसके साथ यारिीमता का बी चिय हयण कय टदमा जामेगा | वततभान भें
फ
ु
द्ववजीववमों एवॊ भीडडमा के टहतैवषमों ने उन्हें बगवान फना याजनीनत का ब्रम्हास्ि जनता ऩय छोड़ने से योक टदमा |
इससे आगे 20 - 20 कक्रकेि को उनका उद्देस्म फता व फाय फाय प्रत्मेक भॊि ऩय 2020 का प्रिाय कयने का श
ु
रुवाती
आधाय फता इनके नाभ का िॉपी से जोड़कय उसका फेजा इस्तेभार कयने से नहीॊ ि
ु
का जामेगा |
आऩको मह अथहत ीन, धयतारववहीन, कल्ऩनीम एवॊ अप्रासॊचगक रग यहा है ऩयन्त
ु
िॊद भहीनो ऩ
ू
वत ही जवाफदेही ऩदासीन
रोगो द्वाया "जाद
ू
की छड़ी" को लसपत फच्िो की कहाननमो का ऩाि सभझ रेना इसकी सच्िाई का सफ
ू
त है | ववऻान की
बाषा भें "गोल्डकपश" सोने की फनी नहीॊ होती, "सभ
ु
री - घोडा" धयातर ऩय नहीॊ दौड़ता, "भनीप्राॊि" ऩैसे व रुऩमे नहीॊ
देता इत्माटद - इत्माटद सेकड़ो उदहायण भौज
ू
द है |
फारीव
ु
ड व ऩ
ू
ॊजीवाद के साथ-साथ िीवी स्क्रीनों ऩय फाजायवाद से लसपत कराकाय असरी द
ु
ननमा भें लसताये फनाकय टदखामे
जाते हैं । जफ इन नकरी लसतायों के िकािौंध से यारिऩनत बी भ्रलभत हो जामे तो एक गरत ऩयम्ऩया की श
ु
रूआत होती
हैं । एक यारिऩनत ऩद ऩय होने के नाते इस भाभरे को देखना व उसके अन
ु
साय सबी को एक तयाज
ू
से तौरकय पैंसरे
रेने को सभझना िाटहए ।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
याष्रऩनत-बवन भें "याष्रऩनत" ने नई फपल्भ "ऩीक
" देखी
सॊववधान का गरा घोि ऩ
यी व्मवस्था की धब्द्जजमाॉ उड़ा र्ारी |
अचधकाॊश भ
ु
द्दो / भाभरो / वववादों ऩय साया दोषायोऩण आभ जनता के सय भढ़ टदमा जाता है की वो अच्छे प्रनतननचध
मा नेता ि
ु
न कय नहीॊ बेजती औय म
ु
वा ऩीढ़ी तो वोि तक डारने नहीॊ जाती है इसलरए लसस्िभ सड़ औय गर यहा है |