यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
यारिऩनत-ऩद ऩय ऩदासीन श्ी प्रणफ भ


खजी फॊगार भें जन्भे है इसलरए फॊगारी ऩरयवाय आधाय होने के कायण उन्हें

"ऩीक


" कपल्भ टदखाई | इस तथ्म को आधाय भने तो क्मा मह जानतवाद व छेिवाद पैराने का जहय नहीॊ जो सॊववधान

भें दज तधभतननऩेऺता व यारिीमता की भ


र बावना को भ


र भें ही दफ़न कय यहा है | यारिऩनत-भहोदम को सॊववधान का

सॊयऺक कहना लसपत कहना बय यह गमा है |

हभने "ऩीक


" कपल्भ नहीॊ देखी, इसकी कहानी, भ


द्दे, कराकायों के अलबनम ऩय कोई प्रशन नहीॊ उठा यहे है व इस ऩय

टिऩणी कय यहे है उसे आभ जनता व अवाडो की िमन सलभनतमों के कभतठ , अन


बवी जजो ऩय छोड़ते है साथ ही हभ

रोकतॊि की तजत ऩय उनका बी आदय एवॊ सम्भान फनामे यखने के ऩऺधय ताकक वे बफना ककसी टिनगय के अऩना कामत

स्वतॊिता से कय सके |

स्वतन्िता टदवस व गणतॊि टदवस की ऩ


वत सॊध्मा ऩय देश के यारिऩनत, यारिीम सम्फोधन कयते हैं । हभ लसपत एक ऩय

ववश्रेषण कय यहे हैं सबी को शालभर कयने की जरूयत नहीॊ हैं । एक को सभम के अन


साय ब


त, वततभान व बववरम भें

फाॊि कय देखें तो सोि व कततव्मों के प्रनत सभऩणत का ऩता िर जाता हैं । इस ववश्रेषण से भ


झे (यारिऩनत होने के

नाते) सभझना ऩडेगा की भेया यारिीम सम्फोधन ककस तयह का औय कौनसे आमाभों को छ


ता ह


आ सभम के नतनों

ऩहर


ओॊ का साभॊजस्म यखे |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


याष्रीम सम्फोधन भें याष्रऩनत ने "बववष्म" को टदखामा ठेंगा!


खफय: स्वतॊिता टदवस की ऩ



वत सॊध्मा ऩय यारिऩनत का देश के नाभ सन्देश

सववधान के सॊयऺक, यारिअध्मऺ एवॊ बायत सयकाय के प्रभ


ख भहाभटहभ यारिऩनत भहोदम ने 69 स्वतॊिता टदवस की



वत सॊध्मा ऩय देश के नाभ जो सन्देश टदमा उसभे "सभम" की घोय उऩेऺा देखने को लभरी ववशेषतौय ऩय "बववरम" को

ठेंगा टदखाने जैसा रगा |

इस ऩ


ये सन्देश के 80 पीसदी भें ब


तकार को इतना जकड के यखा की बफि भें से हवा तक न ननकर ऩामे व 19

पीसदी वततभान था जो भीडडमा के प्रसायण की कारी छामा के त


ल्म बी नहीॊ रगा शेष 1 पीसदी भें बववरम था वो बी

बफना ककसी द


यदलशतता एवॊ वैिारयकता के सफ क


छ की जवाफदेही 130 कयोड़ नागरयको की तयप अॊग


रीन


भा इशाया कय

जनता की ि


नी सयकाय का याग जाऩ शेष अऩनी औय भ


ड़ी तीन अॊग


लरमों को छ


ऩा टदमा |

इस सन्देश को आदशत भाने तो प्रत्मेक ववधाथी को ऩयीऺा भें फोनस अॊक टदरवा टदमे क्म


की मह प्रशन आभतौय ऩय

आता है की अगय आऩ देश के यारिऩनत होते तो क्मा कयते | श


रुवात भें सबी को फधाइमाॉ दी ऩयन्त


वैऻाननको को ब



गए जो नई तकनीक देते है , लशऺण सॊस्थाओ भें शीषत ऩय ऩह


िने के फाद आते है व सम्ऩ


णत जीवन -शैरी औय

इन्शाननमत को आगे रे जाते है | इनही के कायण नमे-नमे कान


न फनाने के कई अवसय लभरते है |

यारिऩनत का मह कहना हभने 15 अगस्त 1947 को "याजनैनतक स्वतॊिता" हालसर कयी िौकाने वारा व द


फाया सबी को

सोंिने हेत


भजफ


य कयने वारा रगा | इसभे स्वतॊिता सेनाननमों के भ


ल्मवान उऩहाय रोकतॊि का ष्ट्जक्र ककमा व
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